पश्चिम बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हुआ. पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने शोक प्रस्ताव रखा, जिसके बाद सदन को स्थगित कर दिया गया. मानसून सत्र में सत्ता पक्ष मणिपुर मामले में सदन में निंदा प्रस्ताव लाएगा, जिसका भाजपा विरोध करेगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा सत्र में पश्चिम बंगाल के मालदा, हावड़ा आदि जिलों में हिंसा और महिलाओं के साथ अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा कराना चाहेगी. अगर भाजपा के प्रस्ताव पर चर्चा करवाने की इजाजत नहीं दी गई तो भाजपा विरोध प्रदर्शन कर सकती है. यानी स्थिति स्पष्ट है कि मानसून सत्र हंगामेदार रहेगा.
मणिपुर का मुद्दा दिल्ली की संसद में लगातार गूंज रहा है. विपक्षी पार्टियां सरकार पर बरस रही है. पश्चिम बंगाल में भी यही सब होने जा रहा है. संसदीय कार्य मंत्री शोभन देव चट्टोपाध्याय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तृणमूल कांग्रेस की ओर से मणिपुर हिंसा पर निंदा प्रस्ताव जाने की तैयारी है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि तृणमूल कांग्रेस के विधायक इसे सदन पटल पर कब रखेंगे.
सूत्रों ने बताया कि प्रदेश भाजपा के कद्दावर नेता दिल्ली गए हैं. जहां उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ होने वाली है. प्रदेश भाजपा नेताओं को केंद्र से जो निर्देश मिलेगा,उसके अनुसार ही उन्हें राज्य में अपनी भूमिका का दायित्व पालन करना होगा. राज्य विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान भाजपा मालदा,हावड़ा जिले के पांचला पंचायत चुनाव में महिलाओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा जोरदार तरीके से उठा सकती है.
मंगलवार और बुधवार को राज्य विधानसभा में स्थाई समिति की रिपोर्ट पर चर्चा होगी. पिछले दिनों तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल मणिपुर के दौरे पर गया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही मणिपुर की हिंसक घटनाओं की निंदा कर चुकी है. विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री शोभन देव ने कहा है, हम विधानसभा में प्रस्ताव लाएंगे. देश के बाकी हिस्सों की तरह हम भी मणिपुर मुद्दे से बहुत दुखी हैं.बेटियों के उत्पीड़न में केंद्र सरकार की भूमिका बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रधानमंत्री जहां हर मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हैं. देश के बाहर भी देश की बात करते हैं. वहीं उन्होंने देश से सिर्फ ढाई मिनट के लिए इस मुद्दे पर अपना मुंह खोला. वह इस संबंध में सक्रिय क्यों नहीं है. यह हमें सोचने पर मजबूर करता है.
विधानसभा सत्र की शुरुआत होने के साथ ही राजनीतिक दलों का एक दूसरे पर पलटवार शुरू हो गया है. विधानसभा सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में भाजपा ने भाग नहीं दिया. दूसरे विपक्षी दलों ने भी इससे किनारा किया. उधर सिलीगुड़ी में सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने उत्तर बंगाल को लेकर जो बयान दिया है, भाजपा ने इसे भुनाना शुरू कर दिया है. ऐसा लगता है कि राज्य विधानसभा में भी गौतम देव के इस बयान को उठाया जाएगा और भाजपा की ओर से इस पर हंगामा करने का एक और मौका मिल जाएगा.