पहाड़ संकट में है. सिक्किम और दार्जिलिंग आना जाना अब काफी कठिन होता जा रहा है. मुख्य मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुका है. NH10 को चालू करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. परंतु इसमें काफी समय लगेगा और जो वर्तमान में मौसम की स्थिति है, उसे देखते हुए यह काफी कठिन काम लगता है. इस बीच मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है. इस हफ्ते तक पहाड़ी इलाकों में भारी से भारी बारिश होती रहेगी.
सिलीगुड़ी से सिक्किम जाने के लिए वाहन चालक NH10 का उपयोग करते हैं. सिलीगुड़ी और सिक्किम के बीच संपर्क करने वाला यह मार्ग किसी जीवन रेखा की तरह है. वर्तमान में यह मार्ग बंद हो चुका है. पिछले दो दिनों में कई स्थानों पर यह मार्ग भूस्खलन की मार झेला है. जिसके चलते पहाड़ की जीवन रेखा कहा जाने वाला यह मार्ग अब काम चलाऊ पुनर्निर्माण की स्थिति में नहीं रह गया है. फिर भी युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. किसी तरह समतल और पहाड़ को आपस में जोड़ा जा सके.
सिलीगुड़ी का कारोबार पहाड़ पर निर्भर करता है. अगर पहाड़ के लोग खरीदारी करने के लिए सिलीगुड़ी नहीं आए, तो सिलीगुड़ी का कारोबार काफी प्रभावित होगा. वर्तमान में पहाड़ के लोग सिलीगुड़ी बहुत कम आ रहे हैं और सिलीगुड़ी से पहाड़ बहुत कम लोग जा रहे हैं. क्योंकि मुख्य रास्ता ही जगह-जगह तबाह हो चुका है. वैकल्पिक मार्ग है लेकिन फासला इतना ज्यादा है कि हर किसी के वश की बात नहीं है. शनिवार से ही भूस्खलन हो रहा है. आज भी कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है. आज कातिकेय फरास रोड के नजदीक कई इलाकों में भूस्खलन हुआ है. राव बंगला से लेगशिप रोड को बंद कर दिया गया है. सभी एलएमवी गाड़ियों को म॔गस़ग, लावा और रंगपो होते हुए डायवर्ट किया गया है.
रविवार सुबह से ही लगातार बारिश के चलते सेवक पहाड़ी की मिट्टी ढीली पड़ गई है, जिसके कारण कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ. सेना स्मारक के पास भी भारी भूस्खलन हुआ है. इसी तरह से सेवकेश्वरी काली मंदिर के सामने भी भूस्खलन हुआ है. प्रशासन और संगठनों की ओर से रास्ता साफ किया जा रहा है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या एन एच 10 को लेकर उत्पन्न हुई है. कालीझोड़ा तथा हनुमानझोडा के बीच इस सड़क का टूरिस्ट व्यू पॉइंट पहाड़ और नदी के बीच खाई में समा गया. उसके बाद तो यहां कई जगह भूस्खलन हुए. सबसे बुरा हाल लिकुवीर में है,जहां भूस्खलन ने एन एच 10 सड़क की अवस्था बदतर कर दी है.
बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन की ओर से विभिन्न स्थानों पर सड़क से भूस्खलन के मलबे को हटाने का काम और टूटी सड़क की मरम्मत का काम युद्ध स्तर पर करवाया जा रहा है. पर इसमें काफी समय लग सकता है. क्योंकि कई स्थानों पर एन एच 10 का भारी नुकसान हुआ है. दुरुस्त करने में अभी कम से कम एक हफ्ता का समय लग सकता है. वर्तमान स्थिति अच्छी नहीं कहीं जा सकती है. बार-बार जीवन रेखा कहा जाने वाला NH10 भूस्खलन की चपेट में आता जा रहा है. 10 12 जून को दार्जिलिंग और सिक्किम की पहाड़ियों के बीच बहने वाली तीस्ता नदी के भयावह रूप के कारण नदी की जलधारा में यह सड़क बुरी तरह प्रभावित हुई थी. उस समय भी बड़े वाहनों को रोक दिया गया था. जबकि छोटे वाहनों के आवागमन को नियंत्रित किया गया था.
हालांकि सिलीगुड़ी से सिक्किम और सिक्किम से सिलीगुड़ी वाहनों का आवागमन पूरी तरह रुका नहीं है. उन्हें वैकल्पिक मार्गो से ही ले जाया जा रहा है. पर जिस तरह से मौसम विभाग की चेतावनी और पूर्वानुमान बता रहा है, उसके अनुसार आने वाले समय में अगर पहाड़ और समतल का सेतु टूट जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा. मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया है कि इस हफ्ते तक भारी से भारी बारिश हो सकती है..
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