पुलिस हिरासत में लिए गए शैलेश गिरी उर्फ दीपू उस कातिल कार का ड्राइवर है, जिसने सेवक रोड पर मुकेश मित्तल को कुचल दिया था. मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी. कातिल कार का मालिक कूचबिहार की रहने वाली एक महिला है. शैलेश गिरी गाड़ी का चालक था जबकि कातिल कार में जो दो अन्य लोग बैठे थे, उनके नाम नूर आलम और संतोष प्रसाद है. हादसे के बाद दोनों व्यक्ति फरार हैं. लेकिन अब वे ज्यादा समय तक पुलिस से बच नहीं सकेंगे…
बहुचर्चित सेवक रोड सड़क हादसे की जांच कर रही भक्ति नगर पुलिस जल्द ही फरार कातिल कार के दोनों आरोपियों नूर आलम और संतोष प्रसाद को गिरफ्तार कर लेगी. मुख्य आरोपी शैलेश गिरी उर्फ दीपू पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है और अभी वह पुलिस रिमांड में है. भक्ति नगर पुलिस शैलेश गिरी से कड़ी पूछताछ कर रही है. सूत्र बता रहे हैं कि शैलेश गिरी उर्फ दीपू ने फरार संतोष प्रसाद और नूर आलम के पाए जाने के सभी संभावित ठिकानों की जानकारी दे दी है.
चर्चा है कि संतोष प्रसाद और नूर आलम पुलिस के हाथ लगने से बचने के लिए कोर्ट में आत्मसमर्पण करने की भी योजना बना रहे हैं. जानकारी मिली है कि फरार दोनों आरोपी अग्रिम जमानत के प्रयास में भी जुटे हुए हैं, पर अदालत से उन्हें अग्रिम जमानत मिल सकेगी, इसमें संदेह ही है. इससे पहले कि दोनों आरोपी अदालत में आत्मसमर्पण कर सकें या फिर अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर कर सकें, भक्ति नगर पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेना चाहती है.
सूत्रों ने बताया कि भक्ति नगर पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लग गया है. पुलिस उन्हें कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. नूर आलम और संतोष प्रसाद की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक टीम बनाई गई है, जो सादी वर्दी में रहेगी. घटना की रात कार में नूर आलम और संतोष प्रसाद सवार थे, जबकि शैलेश गिरी उर्फ दीपू गाड़ी चला रहा था. गाड़ी फुल स्पीड में थी और ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए गलत डायरेक्शन में जा रही थी. सेवक रोड पर यह हादसा 1 फरवरी की रात में हुआ था. इस हादसे में एक व्यवसायी व्यक्ति मुकेश मित्तल की तत्काल मौत हो गई थी. जबकि दूसरा व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी हुआ था.
सेवक रोड पर स्थित टाइम स्क्वायर बिल्डिंग के सामने जिस तरह से यह हादसा हुआ था, वह काफी दर्दनाक था. गाड़ी की गति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डिवाइडर से टकराने के बाद गाड़ी ऐसी पलटी खाई कि सड़क किनारे स्थित पार्किंग में खड़ी दो अन्य गाड़ियों को टक्कर मारते हुए वहां खड़े दो लोगों को भी अपनी चपेट में ले लिया था. दुर्घटना के बाद गाड़ी चकनाचूर हो गई थी. इस गाड़ी में सवार नूर आलम और संतोष प्रसाद के साथ ही ड्राइवर शैलेश गिरी उर्फ दीपू मौके से फरार हो गए थे.
फरार लोगों की गिरफ्तारी के लिए मृतक मुकेश मित्तल के परिवार के लोगों के साथ ही व्यवसाई समाज ने भक्ति नगर पुलिस पर दबाव बनाया था. इसके साथ ही प्रशासनिक दबाव भी था. लिहाजा भक्ति नगर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी कैमरे, लोगों से पूछताछ, मुखबिर और अन्य सुरागों को ढूंढ कर कातिल कार के ड्राइवर शैलेश गिरी को ढूंढ निकाला. शैलेश गिरी उर्फ दीपू सिलीगुड़ी के गांधीनगर का निवासी था. सुबह होने से पहले ही भक्ति नगर पुलिस उसके घर पर पहुंच गई और उसे धर दबोचा. वह भागने का प्रयास कर रहा था. लेकिन पुलिस ने उसे मौका नहीं दिया.
रविवार को ही भक्ति नगर पुलिस ने शैलेश गिरी उर्फ दीपू को जलपाईगुड़ी कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 14 दिनों के रिमांड में पुलिस ने लिया है. अब पुलिस शैलेश गिरी उर्फ दीपू पर दबाव बना रही है और फरार दोनों आरोपियों संतोष प्रसाद और नूर आलम को गिरफ्तार करने के लिए जाल रच रही है. सूत्र बता रहे हैं कि उनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है. दोनों बेहद डरे हुए हैं और पुलिस से बचने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं. यह भी बताया जा रहा है कि अग्रिम जमानत के लिए भी दोनों की ओर से प्रयास तेज कर दिया गया है.
इस पूरी घटना में कुछ बातें काफी रहस्यमय प्रतीत हो रही हैं. जैसे दुर्घटनाग्रस्त कातिल कार का ना तो कोई इंश्योरेंस था और ना ही प्रदूषण प्रबंधन संबंधित कोई दस्तावेज था. इसके बावजूद यह गाड़ी चल रही थी. लेकिन घटना के 48 घंटे बीतते बीतते गाड़ी का इंश्योरेंस और प्रदूषण प्रमाण पत्र भी मिल गया है. आखिर यह कैसे संभव हुआ? इस सवाल का उत्तर अभी तक नहीं मिला है. पुलिस कूचबिहार निवासी महिला से भी संपर्क बनाने की चेष्टा कर रही है, जिनके नाम पर गाड़ी का लाइसेंस है. इसका जवाब तो वही दे सकती हैं. या फिर आरटीओ!