October 11, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल जुर्म सिलीगुड़ी

चला मुरारी हीरो बनने! सिलीगुड़ी के रामबाबू को लगा 40 लाख का चूना!

सिलीगुड़ी के रामबाबू (कल्पित नाम) काफी खुश नजर आ रहे थे. वे एक ही झटके में 30 लाख रुपए के मालिक बन गए थे. यह रूपये उन्होंने शेयर बाजार में निवेश करके कमाया था. उन्होंने कल्पना तक नहीं की थी कि उन्हें इतनी प्रचुर मात्रा में कमाई होगी. जिस तरह से एक साधारण व्यक्ति को अनायास ही बहुत बड़ा धन प्राप्त हो जाता है तो उस व्यक्ति की मानसिक स्थिति क्या होती है, यह आसानी से समझा जा सकता है. ठीक उसी व्यक्ति की तरह ही रामबाबू की हालत हो रही थी. उनकी रातों की नींद उड़ चुकी थी.

रामबाबू के पड़ोस में कई ऐसे लोग रहते थे, जो शेयर बाजार में बरसों से निवेश करते थे. लेकिन उन्हें भी कभी इतनी बड़ी कमाई नहीं हुई. रामबाबू ऐसे निवेशकों को बताते नहीं थकते कि किस तरह से उन्होंने निवेश एप का इस्तेमाल करके इतना बड़ा धन का कुबेर खड़ा किया है. रामबाबू अपने घर परिवार, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों पर रोब झाड़ने लगे थे. इसके साथ ही वह मन ही मन योजना भी बना रहे थे कि 30 लाख रुपए जब उनके खाते में आ जाएंगे, तो उन रूपयों को कहां और किस तरह से खर्च किया जाएगा. उनके यह सभी रुपए कंपनी के इंस्टीट्यूशन अकाउंट में जमा थे. इसकी जानकारी खुद कंपनी के अधिकारियों ने दी थी.

रात में रामबाबू ने अपनी पत्नी के साथ एक प्लान किया. उन्होंने एक महंगी लग्जरियस कार खरीदने की योजना बना ली. पत्नी ने कहा कि उनका जो पैसा इंस्टीट्यूशन अकाउंट में जमा है, उसे वह अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा ले, ताकि उन पैसों का वह उपयोग कर सकें. रामबाबू मान गए. अगले दिन रामबाबू ने कंपनी के अधिकारियों को फोन किया और कहा कि उनके पैसे जो इंस्टीट्यूशन अकाउंट में जमा है, कृपया उसे उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाए. दूसरी तरफ से कहा गया कि इंस्टीट्यूशन वायलेट में जमा अपने पैसे को अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराने के लिए नियम यह है कि उन्हें पहले इतना ही पैसा कंपनी के खाते में जमा करना होगा. रामबाबू असमंजस में पड़ गए.

वह पिछले दो वर्षों से निवेश ऐप के जरिए अच्छी कमाई कर रहे थे. शेयर बाजार से उन्हें अच्छा रिटर्न मिल रहा था. वे पैसे सीधे उनके अकाउंट में जमा हो जाते थे. या फिर इंस्टीट्यूशन वायलेट से अपने बैंक अकाउंट में रुपए ट्रांसफर करने में भी कोई असुविधा नहीं होती थी. कंपनी के अधिकारी कहने पर ऐसा कर देते थे. रामबाबू ने अब तक अच्छी खासी रकम इन्वेस्टमेंट ऐप के जरिए शेयर मार्केट में निवेश किया था. जिस पर उन्हें अच्छा खासा रिटर्न भी हासिल हुआ था. पिछली बार उन्होंने एक मोटी रकम मार्केट में निवेश किया था, जिस पर उन्हें 30 लाख का रिटर्न हासिल हुआ था. इसी रकम को वह अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कराना चाहते थे. लेकिन यह क्या? रामबाबू हैरान रह गए.

कंपनी के अधिकारियों ने इंस्टीट्यूशनल अकाउंट से सीधे अपने बैंक अकाउंट में अपने ही रुपए ट्रांसफर करने की शर्त रख दी और कहा कि वॉलेट को निल नहीं रखा जा सकता. रामबाबू ने कहा कि पहले तो ऐसा नहीं हुआ था. यह पैसे उनके अपने हैं. वह अपने पैसे अपने ही अकाउंट में क्यों नहीं ट्रांसफर करा सकते! लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने दो टूक स्वर में उनके अनुरोध को ठुकरा दिया. अगर रकम छोटी होती तो रामबाबू शायद कंपनी के वॉलेट में रुपए ट्रांसफर कर सकते थे. लेकिन यहां तो 30 लाख का सवाल था. वह जितना ही इस पर सोच रहे थे, उन्हें लग रहा था कि वे किसी सोची समझी स्कैम के शिकार हो गए हैं. फिर उन्होंने फैसला कर लिया कि इस ऐप से निकल जाना ही बेहतर होगा. उन्होंने अपना फैसला इन्वेस्टमेंट अधिकारियों को बता दिया. लेकिन इतनी आसानी से भला कैसे मुक्ति मिल सकती थी!

रामबाबू को कहा गया कि उन्होंने इससे पूर्व में ऐप के जरिए जितनी भी कमाई की है, सर्वप्रथम उन सारे रूपयों को कंपनी को जमा कराए.तभी वे इस ऐप से क्यूट कर सकते हैं. क्योंकि वे पहले ही नियम और शर्तों को पढ़कर उस पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो कंपनी की ओर से उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. इसके साथ ही वे सभी हर्जे खर्चे के जिम्मेवार भी वही होंगे. रामबाबू को धमकाते हुए दूसरी तरफ से उनके मोबाइल के मैसेज और व्हाट्सएप पर बैंक का नाम, आईएफएससी कोड, खाता संख्या इत्यादि का विवरण साझा कर दिया गया. रामबाबू को चेतावनी दी गई कि हर हाल में उन्हें कंपनी के उक्त अकाउंट में पैसे जमा करने होंगे अन्यथा उनका अंजाम अच्छा नहीं होगा.

इस धमकी के बाद रामबाबू की हालत काफी पतली हो चुकी है. उनके मोबाइल पर धमकी भरा मैसेज आते रहते हैं. इसके साथ ही उन्हें अंजाम भुगतने की चेतावनी दी जा रही है. रामबाबू ने अपने साथ हुए फ्रॉड की लिखित शिकायत सिलीगुड़ी साइबर थाने में कर दी है और थाना के अधिकारी से निवेदन किया है कि उन्हें ऐसे साइबर फ्रॉड से बचाया जाए तथा अब तक इन्वेस्टमेंट ऐप के जरिए उन्होंने 40 लाख रुपए निवेश किए थे, उन पैसों को कंपनी से दिलवाने में उनकी सहायता की जाए. एक झटके में ही रामबाबू चोटी से गिरकर खजूर पर अटक चुके हैं.

इन दिनों भारतीय शेयर बाजार तेजी से भाग रहा है. निवेशकों को अच्छे रिटर्न मिल रहे हैं. यह देखकर दूसरे सामान्य लोग भी शेयर मार्केट के जरिए रातों रात करोड़पति बनना चाहते हैं. जो पुराने निवेशक है, वह सीधा बाजार में उतर जाते हैं. लेकिन जो निवेशक फंड के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं रखते, वह इन दिनों इन्वेस्टमेंट मोबाइल ऐप के जरिए निवेश कर रहे हैं. इस तरह के ऐप को इंस्टीट्यूशनल इकाई चलाती है. लोगों को इस तरह के ऐप के जरिए आरंभ में अच्छा रिटर्न भी मिल जाता है. लेकिन इसके बाद जो होता है, उसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है…

जैसे-जैसे हमारी टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है, उसी तेजी से साइबर फ्रॉड भी निवेशकों की जेब से पैसे निकालने की रणनीति को भी अंजाम दे रहे हैं. साइबर फ्रॉड का यह तरीका ऐसा है कि सामने वाला को पता ही नहीं चलता है कि कब उनके धोखे का शिकार हो गया. यह सारा खेल एक माइंड गेम की तरह है, जहां साइबर लुटेरे पहले जाल बुनते हैं, फिर उसमें शिकार को फ॔साते हैं. तत्पश्चात जब शिकार जाल में फंस जाता है तो वहां से निकलने का उसके पास कोई विकल्प ही नहीं रह जाता.

जब और कुछ नहीं होता तो निवेशक के पास एक मात्र पुलिस में शिकायत करने के अलावा कोई रास्ता नहीं होता. जैसा कि रामबाबू ने किया. खबर समय इस घटना के जरिए अपने सभी दर्शकों को सावधान करता है कि वे सोच समझकर किसी भी वित्तीय इकाई बैंक, कंपनी, शेयर बाजार इत्यादि में निवेश करें अन्यथा अधिक ब्याज कमाने के लालच में मूलधन भी चला जाता है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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