सिलीगुड़ी में वन डिजिट लॉटरी का धंधा कोई नई बात नहीं है. कई बार यह प्रकाश में भी आया है. देखा जाए तो लॉटरी के टिकट से भी ज्यादा यह धंधा पूरे उत्तर बंगाल में फैल रहा है. बड़े शहरों की बात क्या करें, अब तो छोटे-छोटे शहर और कस्बों तक में भी यह धंधा फैल गया है. इस धंधे ने रोज कमाने खाने वाले लोगों की जिंदगी बर्बाद करके रख दी है. क्योंकि उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा वन डिजिट लॉटरी की खरीद में ही चल जाता है.
सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार जैसे बड़े शहरों की बात कौन करे, दिनहाटा जैसे छोटे शहर में भी यह कारोबार खूब हो रहा है. दिनहटा में वन डिजिट लॉटरी का चलन इन दिनों जोरो पर है. यह गेम हर आधे घंटे में अलग-अलग इलाकों में खेला जा रहा है. जलपाईगुड़ी में भी यह गेम चर्चा में है. सिलीगुड़ी में तो समय-समय पर इसके प्रमाण भी मिल जाते हैं.
सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार दावा किया जा रहा है कि यह एक प्री प्लानिंग गेम होता है. कुछ कारोबारी लॉटरी व्यवसाईयों को कमीशन अथवा पैसे का लालच देकर धंधा चलाते हैं. आरोप यह भी है कि इस धंधे में कुछ पुलिस वालों की भी मिली भगत होती है. एक व्यक्ति ने बताया कि बिना पुलिस प्रशासन के सहयोग के ऐसे धंधे को चलाना मुश्किल है.
यह गेम रोजाना सुबह 9:00 बजे से शुरू होता है और रात्रि 9:00 बजे तक चलता है. इस गेम को दिन भर में हर आधा घंटा में 24 बार खेला जाता है. प्रत्येक टिकट की कीमत अलग-अलग स्थान और वर्ग के अनुसार हो सकती है. लेकिन दिनहाटा में प्रत्येक टिकट की कीमत ₹12.5 पैसे है. अगर नंबर मेल खाता है तो तुरंत ही टिकट खरीदने वाले को पैसा मिल जाता है. टिकट खरीदार को प्रति टिकट ₹100 का भुगतान किया जाता है.
वन डिजिटल लॉटरी का टिकट खरीदना बड़ा आसान है. मोबाइल पर भी खरीदार टिकट बुक करा लेते हैं अथवा सीधे लॉटरी दुकान पर जाकर पर्ची पर टिकट खरीदते हैं. टिकट अथवा पर्ची पर विक्रेता की अथवा दुकान मालिक का कोई हस्ताक्षर नहीं होता है और ना ही उस पर सील देख सकते हैं.
एक लॉटरी टिकट विक्रेता ने बताया कि इस पर उन्हें कमीशन मिलता है. लेकिन जो लोग अधिक पैसे के लालच में वन डिजिट लॉटरी टिकट खरीद रहे हैं, उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा इसमें ही खर्च हो जाता है. इसका उनके घरेलू जीवन और पारिवारिक जीवन पर गहरा असर पड़ता है. सिलीगुड़ी में तो अनेक घरों में इस गेम ने कलह को जन्म दिया है. इसका पारिवारिक और दांपत्य रिश्तों पर गहरा असर पड़ रहा है. अनेक परिवार टूट रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ऐसे गेम को रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठा पा रहा है.
सिलीगुड़ी हो अथवा उत्तर बंगाल का कोई शहर, कस्बा, प्रशासन को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि इस तरह के गेम को फलने फूलने का मौका नहीं दिया जाए. जैसे कि वर्तमान में दिनहाटा में यह गेम रोज कमाने खाने वाले लोगों का भविष्य तबाह कर रहा है. कम से कम सिलीगुड़ी के लोगों को वन डिजिट लॉटरी के गेम से बचाया जा सके, इसका प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए. वन डिजिट लॉटरी कितना मान्य और वैधानिक है, यह तो नहीं जानते लेकिन इसके फेर में लोग अपनी गाढी कमाई को गवा रहे हैं.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)