आज दिल्ली में भाजपा सांसद राजू विष्ट द्वारा दार्जिलिंग में केंद्रीय विश्व विद्यालय की स्थापना से संबंधित विधेयक सदन में केंद्रीय विश्वविद्यालय बिल 2022 के अंतर्गत पेश करने की खबर सुर्खियों में है. पहाड़, समतल और उत्तर बंगाल के शिक्षा प्रेमी संगठनों तथा विद्यार्थियों ने इसे उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में उठाया गया एक दुरुस्त कदम बताया है और उम्मीद की है कि जल्द ही विधेयक पास होगा और सरकार दार्जिलिंग में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापना के लिए फंड जारी करेगी.
. दार्जिलिंग में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग उस समय प्रशस्त हो गया,जब सांसद राजू बिष्ट को सदन ने विधेयक पेश करने की अनुमति दे दी. इस समय संसद के दोनों सदनों में मणिपुर और हरियाणा का मुद्दा छाया हुआ है. शोर-शराबे के बीच सदन की कार्यवाही लगातार स्थगित होती आई है. आज सांसद राजू बिष्ट ने पूर्वोत्तर के विकास और दार्जिलिंग में केंद्रीय उच्चतर शिक्षा संस्थान से संबंधित विधेयक के जरिए एक सकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश की है.
दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और कर्सियांग में शिक्षा के क्षेत्र में उच्च ढांचागत व्यवस्था, भौतिक संसाधनों तथा अन्य त्रुटियों के बावजूद कुछ पुराने शिक्षण संस्थान हमेशा से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए हैं.सिलीगुड़ी और मिरिक जैसे क्षेत्रों में भी शिक्षा संसाधनों की कमी के बावजूद हाल के वर्षों में उच्चतर शिक्षा के प्रति युवाओं की ललक बढ़ती जा रही है. अनेक युवा शिक्षा और तकनीकी के क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं. पहाड़ की कई प्रतिभाएं यहां उपयुक्त शिक्षण संस्थान ना होने से पलायन कर जाती हैं. जबकि अनेक ऐसे युवा भी हैं जो चाह कर भी महंगी शिक्षा और बढ़ते खर्च को वहन नहीं कर पाने के कारण बाहर नहीं जा पाते हैं.
ऐसे युवाओं की प्रतिभा कुछ समय के बाद कुंठित होने लगती है. धीरे-धीरे वह पढाई से दूर होते जाते हैं. दार्जिलिंग, पहाड़ी क्षेत्रों और सिलीगुड़ी समतल ,डुवार्स और इस तरह से पूरे उत्तर बंगाल में यही स्थिति देखी जा रही है. यहां उच्चस्तरीय तकनीकी शिक्षण संस्थान ना होने से युवाओं को देश और विदेश में पलायन करना पड़ता है. काफी समय से दार्जिलिंग में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापना की मांग उठाई जाती रही है. सांसद राजू बिष्ट ने इस स्थिति को महसूस किया है.
अगर दार्जिलिंग में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हो तो पहाड़ ही नहीं बल्कि समतल, डुवार्स और पूरे उत्तर बंगाल के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए कहीं और जाना नहीं होगा. इतना ही नहीं अगर यहां एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना होती है तो पूर्वोत्तर क्षेत्रों में शिक्षा का प्रकाश तो फैलेगा ही, साथ ही दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में यह आकर्षण का केंद्र भी होगा. यही सब विचार कर भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने सदन में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिल 2022 पेश किया, जिसे सदन ने बहुमत से मंजूर कर लिया.
अब इस विधेयक पर सदन में चर्चा कराई जाएगी. ऐसा नहीं लगता कि विधेयक के पास होने में कोई अड़चन आए. क्योंकि दार्जिलिंग और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में उच्चतर शिक्षा संस्थान का अभाव यहां के युवा बरसों से महसूस कर रहे हैं. वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी सरकार पूर्वोत्तर भारत के विकास और कल्याण के लिए लगातार योजनाएं चला रही है. इनमें सड़कों का विकास,एयरपोर्ट कनेक्टिविटी इत्यादि शामिल है. दार्जिलिंग में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना प्रधानमंत्री की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के अंतर्गत ही है. ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार के द्वारा जल्द ही इस पर हरी झंडी दी जा सकती है.