November 17, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल जुर्म सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी में नकली लॉटरी टिकट के जरिए बर्बाद हो रहे लोग!

सिलीगुड़ी के गंगानगर के सौरभ गुप्ता (काल्पनिक नाम) नया बाजार में एक मुलाजिम थे. आमदनी ज्यादा नहीं थी. उस पर चार-चार लोगों का खर्चा भारी पड़ता था. सौरभ गुप्ता अपनी दिन दशा बदलने के लिए लॉटरी का टिकट खरीदना नहीं भूलते थे. उनकी कमाई का लगभग आधा हिस्सा लॉटरी में ही खर्च हो जाता था. घर में फाके की स्थिति बनी रहती थी. आर्थिक तंगी के कारण घर परिवार में कलह बनी रहती थी.

पिछले 3 सालों से सौरभ गुप्ता लॉटरी के जरिए अपनी किस्मत के बंद दरवाजे खोलना चाहते थे. अखबारों में और अन्य प्रचार माध्यमों से वह सुनते थे कि एक गरीब रिक्शा चालक लॉटरी के जरिए करोड़ों का मालिक बन गया. तो कोई होटल में काम करने वाला एक रात में ही अमीर बन गया. इससे सौरभ गुप्ता को प्रेरणा मिलती कि अगर किस्मत ने साथ दिया तो वह भी उनकी तरह अमीर बन सकता है. बस इसी उम्मीद में वह नामी कंपनियों के टिकट खरीदते रहे. लेकिन उनकी किस्मत के बंद दरवाजे तो नहीं खुले अपितु उनकी माली हालत और खराब होती चली गई.

इसी तरह से नौका घाट निवासी विनोद, महावीरस्थान के पंकज और हिलकार्ट रोड के राजेश, सुमित जैसे सिलीगुड़ी के सैकड़ो लोग लॉटरी के जरिए अमीर बनने का सपना देखते रहे. इसी उम्मीद में ऐसे लोग अपनी जमा पूंजी का एक बड़ा भाग लॉटरी के टिकट में झोंक चुके हैं. ₹10 से लेकर ₹100 तक की टिकट खरीदने वाले ऐसे लोगों को अब समझ में आ रहा है कि उनके साथ कितना बड़ा धोखा हुआ है. सिलीगुड़ी थाना और खालपारा पुलिस चौकी के कठिन प्रयास से सिलीगुड़ी में नकली लॉटरी के कारोबार का भंडाफोड़ हो चुका है. इससे क्रेता और विक्रेता दोनों सन्न रह गए हैं. सिलीगुड़ी के नियमित रूप से लॉटरी का टिकट खरीदने वालों को अब समझ में आ रहा है कि उनका लॉटरी अब तक क्यों नहीं निकला था.

पुलिस ने अपने गुप्तचर सूत्रों के जरिए सिलीगुड़ी के महाराज कॉलोनी में स्थित जिस प्रिंटिंग प्रेस पर रेड डाला है,उसमें कई सालों से नकली लॉटरी की टिकट असली टिकटों की हू ब हू कॉपी करके छापी जा रही थी. सिलीगुड़ी में विधान मार्केट लॉटरी का बहुत बड़ा अड्डा माना जाता है. कहा जाता है कि यहां के कई लॉटरी माफिया नकली लॉटरी को असली लॉटरी में मिलाकर ग्राहकों को चूना लगाते आ रहे थे. इन टिकटों की छपाई महाराज कॉलोनी में होती थी. पुलिस ने इस सिलसिले में जिन 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें से एक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक सौरभ जयसवाल हैं. जबकि गौरांग मंडल, प्रबल दास और मुकेश कुमार गुप्ता कर्मचारी बताए जा रहे हैं.

प्रारंभिक पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर यह पता चला है कि नकली टिकटों को असली लॉटरी टिकट में मिलाकर बिक्री करके रातों-रात करोड़पति बनने की योजना बनाई गई थी. पुलिस ने प्रेस से जिन लॉटरी टिकटों को बरामद किया है, उनमें और असली टिकटों में भेद करना बड़ा कठिन है. जो फर्जी टिकट बरामद किए गए हैं, वह तीन बड़ी लॉटरी कंपनियों के टिकट हैं. इसकी नकल कुछ ऐसे की गई है कि कोशिश करके भी असली नकली के बीच भेद करना काफी मुश्किल है. पुलिस को लगता है कि यह किसी मास्टरमाइंड का काम है, जो काफी पहुंच वाला व्यक्ति हो सकता है. और यह काम वह अकेले नहीं कर सकता है.

आज पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश करके रिमांड में ले लिया है, जहां उनसे पुलिस पूछताछ करने में जुट गई है. पुलिस ने उन सभी के खिलाफ सरकारी राजस्व की चोरी और लोगों को धोखा देने के मुकदमे दर्ज किए हैं. इसी क्रम में पूछताछ और छानबीन की जा रही है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रिंटिंग प्रेस का मालिक सौरभ जयसवाल ने लॉटरी कारोबार के जरिए करोड़ों रुपए की संपत्ति कुछ ही समय में कमाई है. सौरभ जयसवाल के विधान मार्केट के कई लॉटरी माफियाओं के साथ गहरे संबंध हैं. यह भी पता चला है कि महाराज कॉलोनी में स्थित प्रिंटिंग प्रेस को कुछ लोग मिलकर चला रहे थे और आसपास के लोगों को भी पता नहीं होता था कि बाहर से दिखने वाले प्रिंटिंग प्रेस में क्या छपाई होती थी भी विधान मार्केट के लॉटरी मक्खियों का संबंध रहा है

मिली जानकारी के अनुसार महाराज कॉलोनी में गुप्त रूप से नकली लॉटरी टिकट छापा जा रहा था. यहां से छपी नकली लॉटरी सिलीगुड़ी में ही नहीं बल्कि उत्तर बंगाल और बिहार में भी बिक्री के लिए भेजी जाती थी. इस खेल में सौरभ जयसवाल और कुछ अन्य लोग शामिल थे, जिनके बारे में पुलिस पता लगा रही है. आपको बताते चलें कि कुछ समय पहले ही आयकर विभाग के अधिकारियों ने लॉटरी माफिया के विधान मार्केट और अन्य ठिकानों पर रेड डाला था. अन्य तीन लोग प्रिंटिंग प्रेस में बतौर कर्मचारी काम करते थे. उनमें से एक गौरांग मंडल है, जो तुंबा जोत में रहता है. जबकि दूसरा व्यक्ति मुकेश कुमार गुप्ता खोलाई बखरी में रहता है. तीसरा कर्मचारी प्रबल दास है और वह एनजेपी में रहता है.

पुलिस यह पता लगा रही है कि नकली लॉटरी के इस खेल में उनकी क्या भूमिका रही है. बहरहाल सिलीगुड़ी में हजारों लोग रोजाना अपना भाग्य आजमाने के लिए लॉटरी की टिकट खरीदते हैं. उनकी शिकायत रहती है कि अक्सर उनका टिकट बेकार चला जाता है. उन्हें कोई इनाम नहीं पड़ता है. ऐसे लोग अब समझ रहे होंगे कि इनाम मिले तो कैसे क्योंकि असली के चक्कर में नकली टिकट जो उनके पास रहता था. उम्मीद की जा रही है कि इस भंडाफोड़ के बाद सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्रों में नकली लॉटरी टिकट बिक्री पर रोक लगेगी.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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