सिलीगुड़ी ही नहीं, बल्कि पूरे बंगाल और देश में दीपावली के दौरान जुआ खेलने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. दीपावली से कई दिन पहले से ही शहर में जुए के अड्डे सक्रिय हो जाते हैं. लाखों और करोड़ों का जुआ चलता है. गुप्त स्थानों में चलाए जा रहे इन जुओं के अड्डों तक पहुंचना पुलिस के लिए आसान नहीं होता है. पर इस बार सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस भी जुआरियों को धर दबोचने के लिए पूरी तैयारी के साथ खड़ी है.
अगर जुआ खेलते पकड़े गए तो थाने से जमानत नहीं होगी. इस बार पुलिस ने जुआरियों के खिलाफ एक सख्त संदेश दिया है. सबसे पहले तो यह जानते हैं कि दीपावली पर लोग जुए क्यों खेलते हैं. दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन के दौरान कई तरह की मान्यताओं का पालन किया जाता है. ज्यादातर घरों में लक्ष्मी पूजा के बाद जुआ या ताश खेला जाता है. उनके अनुसार ऐसा करना शुभ माना जाता है.
जुए का मुख्य लक्ष्य साल भर किस्मत आजमाना होता है. हालांकि जुआ एक सामाजिक अपराध है और सरकार इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रही है. क्योंकि जुआ खेलने से बर्बादी के सिवा कुछ नहीं मिलता. लेकिन दिवाली की रात जुआ खेलने की परंपरा रही है. जुआरी तर्क देते हैं कि दिवाली की रात भगवान शिव और माता पार्वती ने भी जुआ खेला था. इस खेल में भगवान महादेव हार गए थे. तभी से दिवाली की रात जुआ खेलने की परंपरा शुरू हुई. हालांकि इस बारे में किसी भी धार्मिक ग्रंथ में कोई तथ्य नहीं है. यह सिर्फ धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है.
जुआरियों में इस बात की भी मान्यता है कि दीपावली की रात जो भी जुए में जीतता है, पूरे साल किस्मत उसका साथ देती है. जबकि सच तो यह है कि दिवाली की रात जुआ खेलने से घर में सुख शांति और लक्ष्मी भी चली जाती है. महाभारत में युधिष्ठिर ने जुआ खेला था और यह ज्ञान दिया कि यह एक विनाश करने वाली लत है. जुआ चाहे जैसा भी हो, यह अक्सर तबाही को आमंत्रित करता है. इसलिए जुआ खेलना यानी अपने दुर्भाग्य को आमंत्रित करना है.
लेकिन जुआरियों का तर्क धार्मिक मान्यताओं से ज्यादा आदत और पैसा कमाने का रहता है. इस समय सिलीगुड़ी और जलपाईगुड़ी जिले में विभिन्न इलाकों में जुए के अड्डे चल रहे हैं. गोपनीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस जुए के अड्डों पर छापेमारी करके जुआरियों को गिरफ्तार कर रही है. अब तक कई जुआरी गिरफ्तार किये जा चुके हैं. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पुलिस को सख्त निर्देश दे रखा है.
सूत्रों ने बताया कि सिलीगुड़ी के चंपासारी, गुरुंग बस्ती, दार्जिलिंग मोड, बर्दवान रोड, खालपारा, गंगानगर,संतोषी नगर ,रेल गेट ,विवेकानंद रोड इत्यादि इलाकों में जुए के गुप्त अड्डे चलाए जा रहे हैं. जिन पर पुलिस की भी नजर है. पांडापारा बहू बाजार इलाके में पुलिस ने एक गोपनीय सूत्र के आधार पर अभियान चलाकर पिछले दिनों पांच जुआरियों को गिरफ्तार किया था और उनके कब्जे से लगभग ₹5000 बरामद किए थे. जो लोग पकड़े जा रहे हैं, उनके खिलाफ विशिष्ट धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार आज से जुआरी और जुए के खिलाफ पुलिस का अभियान तेज कर दिया गया है. एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया है. जो ऐसे मामलों का पता लगाएगी और दीपावली की रात शहर में शांति, सद्भाव, अमन चैन लाने का प्रयास करेगी.
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