इसी महीने की 31 तारीख को दीपावली व काली पूजा है, जबकि धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा. सिलीगुड़ी में दोनों ही त्यौहार अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है. फिलहाल सिलीगुड़ी शहर धनतेरस, काली पूजा और दीपावली की तैयारियों में व्यस्त है. एक तरफ सिलीगुड़ी की कुम्हार टोली में जहां मां काली की मूर्तियां बनाने में मूर्तिकार दिन रात जुटे हुए हैं, तो दूसरी तरफ शहर में विभिन्न क्लबों के द्वारा पंडाल निर्माण भी किये जा रहे हैं.
सिलीगुड़ी के जिन बड़े पूजा क्लबो के द्वारा पंडाल के निर्माण किए जा रहे हैं, उनमें सुभाष पल्ली का संधानी क्लब, पानी टंकी मोड युवक वृंद क्लब, तरुण संघ, आरटीएस, हाकिमपाडा टी एस क्लब, गोल्डन एरो, उलका क्लब, विधान स्पॉटिंग क्लब इत्यादि शामिल है. दीपावली को लेकर घरों में साफ सफाई का काम भी शुरू हो गया है. दुकानों से लेकर मकान, प्रतिष्ठान सभी जगह साफ-सफाई का काम चल रहा है. यत्र तत्र रंग रोगन किये जा रहे हैं. यह त्यौहार स्वच्छता, पवित्रता और नैतिकता का संदेश देता है.
सिलीगुड़ी के बाजार में मिट्टी के दीयों की बिक्री भी शुरू हो गई है. बर्दवान रोड, शांति नगर, हाकिमपाडा, पालपाडा आदि इलाके में मूर्तिकारों द्वारा रात रात भर जागकर काली की प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं. वे दीए भी तैयार कर रहे हैं. इसी तरह से आप वर्धमान रोड पर मिट्टी के दीए बनाती महिला श्रमिकों को देख सकते हैं, जो बड़ी खूबसूरती से मिट्टी से दीए तैयार करती हैं. यहां से दीए लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. बर्दवान रोड पर मिट्टी के दिए बेचने वाली महिला विक्रेताओं ने बताया कि इस बार पहले की तुलना में अधिक आर्डर मिले हैं. इसलिए उनके चेहरे पर खुशी भी देखी जा सकती है.
धनतेरस को लेकर बाजार में काफी चहल पहल देखी जा रही है. धनतेरस का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर के दिन सुबह 10:31 से आरंभ होगा और 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 तक रहेगा. धनतेरस पर नई-नई चीजें लेने की परंपरा रही है. खासकर द्रव्य आइटम, ज्वेलरी उस दिन लिए जाते हैं. हालांकि बहुत से लोग झाड़ू और बर्तन खरीदते हैं. सिलीगुड़ी के विभिन्न इलाकों में स्थित सोने चांदी की खरीद बिक्री करने वाले दुकानदार काफी उत्साहित हैं तो झाड़ू और बर्तन बेचने वाले दुकानदार भी इसी उम्मीद में है कि उनकी बिक्री बढ़ने वाली है.
केवल सिलीगुड़ी में ही नहीं बल्कि पहाड़ी इलाकों में भी दीपावली और धनतेरस को लेकर बाजार सजने लगे है. कर्सियांग इलाके में बर्तनों व आभूषणों की दुकानें सज रही है. दार्जिलिंग इलाके में भी लोगों में धनतेरस को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. यहां बाजारों में खरीदारी बढ़ गई है. यहां के दुकानदारों ने बताया कि कुछ समय पहले यहां धनतेरस और दीपावली का खास क्रेज नहीं था. परंतु अब ऐसी बात नहीं है. धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि तथा माता लक्ष्मी के साथ-साथ धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है.ऐसी मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है. जबकि कुबेर देवता की पूजा करने से व्यक्ति को धन दौलत की प्राप्ति होती है.
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