ऐसे समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिक्किम और उत्तर बंगाल यात्रा हो रही है, जब हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को बुरी तरह धूल चटाने के बाद प्रधानमंत्री की लोकप्रियता बढ़ी है. भारत की जनता ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना को दे रही है. प्रधानमंत्री का बहुत व्यस्त कार्यक्रम चल रहा है. उन्होंने पूर्व में विदेश यात्राएं भी स्थगित की है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर उनकी सिक्किम और अलीपुरद्वार यात्रा इतनी महत्वपूर्ण क्यों है? इस यात्रा के लिए उन्होंने समय कैसे निकाला?
सिक्किम में तो उनकी जनसभा पहले से ही प्रस्तावित थी. वह 16 मई को ही सिक्किम आने वाले थे. भारत-पाकिस्तान युद्ध के चलते उनकी यात्रा बीच में स्थगित करनी पड़ी थी करनी पड़ी सिक्किम की स्थापना की 50 वीं वर्षगांठ पर आयोजित होने वाले ऐतिहासिक समारोह का साक्षी बनने आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करने के लिए पूरा सिक्किम जुट गया है. विभिन्न धर्मो के लोग शांति और सौहार्द के लिए प्रार्थनाएं कर रहे हैं. हर सिक्किम वासी अपने प्रधानमंत्री को निकट से देखने और उनका भाषण सुनने के लिए व्याकुल है. सिक्किम में पूरी चहल-पहल व्याप्त है. प्रधानमंत्री की यात्रा को ऐतिहासिक बनाने के लिए खुद मुख्यमंत्री गोले व्यवस्था की देखरेख कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलीपुरद्वार भी आ रहे हैं. वे 29 मई को अलीपुरद्वार के परेड मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे. उनकी जन सभा को ऐतिहासिक बनाने के लिए भाजपा नेता पुरजोर तैयारी कर रहे हैं. भाजपा सूत्रों ने बताया कि उनकी जनसभा में लाखों की भीड़ जुटेगी. प्रधानमंत्री की यह दोनों यात्राएं राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. जानकार मानते हैं कि प्रधानमंत्री सिक्किम से पूर्वोत्तर राज्यों को एक बड़ा संदेश दे सकते हैं. प्रधानमंत्री के विज़न में पूर्वोत्तर राज्यों का तीव्र विकास शामिल है.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार प्रधानमंत्री की अलीपुरद्वार जनसभा भाजपा की 2026 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में काफी अहम है. हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता और अलीपुरद्वार के पूर्व सांसद जॉन वारला टीएमसी में शामिल हो गए हैं. इसके अलावा पूर्व में मदाड़ीहाट विधानसभा के उपचुनाव में टीएमसी भाजपा से यह सीट छिन चुकी है. ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए पार्टी ने प्रधानमंत्री की जनसभा अलीपुरद्वार में कराने का फैसला किया. पार्टी को लगता है कि इससे अलीपुरद्वार जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं में नए सिरे से जोश और उत्साह पैदा होगा
हालांकि तृणमूल कांग्रेस की ओर से यह कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलीपुरद्वार आने से तृणमूल कांग्रेस की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. प्रधानमंत्री ने चाय बागानों और चाय बागान के श्रमिकों के लिए अभी तक कोई काम नहीं किया है. जब TMC के एक नेता से यह पूछा गया कि भाजपा दावा कर रही है कि उनकी जनसभा में लाखों की भीड़ जुटाएगी, जो उत्तर बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों से बसों में भरकर अलीपुरद्वार परेड मैदान पहुंचेंगे. इसके उत्तर में उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को क्या पता नहीं है कि उत्तर बंगाल में कितनी बसें चलती है.
जो भी हो, प्रधानमंत्री की सिक्किम और अलीपुरद्वार की यात्रा राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम है. ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को बुरी तरह मात देने के बाद प्रधानमंत्री का जोश काफी बढा हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ सारा देश देख रहा है. और उनके नेतृत्व में कुशल,सक्षम और मजबूत भारत की बात हो रही है. प्रधानमंत्री सिक्किम और अलीपुरद्वार की जनसभा में यहां के लोगों से क्या कहेंगे, यह तो पता नहीं है. परंतु जानकार मानते हैं कि उनके आगमन से सिक्किम और उत्तर बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं में एक नई ऊर्जा का संचार होगा.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)