सुबह के 9:00 बजे थे. माल बाजार थाने की पुलिस कुछ ही देर पहले किशन लोहार को माल अस्पताल ले गई थी. जहां उसकी नियमित शारीरिक जांच की गई. उसके बाद उसे वापस थाना लाया गया और लॉकअप में बंद कर दिया गया था. क्योंकि यह सुबह का समय था. अतः पुलिस कर्मी सुबह में होने वाले नित्य कार्यों को निपटा रहे थे.
जब चाय नाश्ते का समय हुआ तो स्टाफ के लोग स्वयं के साथ-साथ लॉकअप में बंद विचाराधीन कैदियों के लिए भी चाय नाश्ते देने की तैयारी करने लगे. थाना का एक सिपाही किशन लोहार के लिए नाश्ता लेकर पहुंचा तो देखा कि वह लॉक अप में नहीं था. सिपाही ने लॉकअप खोल कर अंदर देखा तो लॉकअप के शौचालय में नजर पड़ते ही उसकी चीख निकल गई. विचाराधीन कैदी किशन लोहार ने शौचालय की छत से लटक कर खुदकुशी कर ली थी.
सिपाही ने उल्टे कदम भाग कर यह बात बड़ा बाबू को बताई. कुछ ही देर में माल बाजार पुलिस स्टेशन का पूरा स्टाफ जमा हो गया. किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर किशन लोहार ने किस तरह से खुदकुशी की और उसने ऐसा क्यों किया. बहरहाल पुलिस को तो अपनी कार्रवाई करनी ही थी. लिहाजा फंदे से किशन लोहार के शव को उतारा गया और उसे पोस्टमार्टम के लिए माल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल अस्पताल भेज दिया गया, जहां डॉक्टरों ने निरीक्षण के क्रम में किशन लोहार को मृत्य घोषित कर दिया.
कौन था किशन लोहार? सबसे पहले उसकी पृष्ठभूमि को जानना जरूरी है. रंगा माटी चाय बागान के सुंदरी लाइन में रहने वाला किशन लोहार अपनी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रहता था. वह बेहद गरीब व्यक्ति था. पड़ोसियों के अनुसार किशन लोहार को पीने की आदत थी. रोज शाम को पति-पत्नी के बीच झगड़ा होता था और उनके बीच मारपीट भी होती थी. इसी क्रम में किशन लोहार ने गुस्से में आकर अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी. यह तीन दिन पहले की बात है.
पत्नी की हत्या करने के बाद किशन लोहार भागा नहीं था. उसने खुद ही अपनी गिरफ्तारी दी थी. कुछ लोगों के अनुसार पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. माल बाजार पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया था. इस समय किशन लोहार पुलिस हिरासत में था. न्यायालय के आदेश से पुलिस किशन लोहार से पूछताछ कर रही थी. पूछताछ के बाद पुलिस किशन लोहार को अदालत में पेश करने वाली थी. लेकिन उससे पहले ही किशन लोहार की रहस्यमय मौत हो गई.
किशन लोहार ने अपने शरीर पर ओढे कंबल के टुकड़े करके उसके सहारे ही फ॔दा लगाकर खुद को मिटा डाला था. यह पुलिस का कहना है. लेकिन किशन लोहार के परिवार के लोग और रिश्तेदार उसकी हत्या की आशंका बता रहे हैं. सवाल तो उठना स्वभाविक ही है.क्योंकि पुलिस हिरासत में अगर किसी आरोपी की मौत होती है तो पुलिस को इसका जवाब देना होता है. सवाल यह भी है कि क्या किशन लोहार ने खुदकुशी की अथवा उसकी हत्या करके खुदकुशी का ड्रामा किया गया है. लेकिन उसकी हत्या कौन कर सकता है? क्या पुलिस हिरासत में पुलिस के द्वारा उसको टॉर्चर किया गया था, जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर सका और इसी क्रम में चल बसा. उसकी मृत्यु के बाद पुलिस खुद को बचाने के लिए आत्महत्या साबित करना चाहती है.यह सवाल यह भी उठ रहा है.
माल बाजार इलाके में पुलिस हिरासत में मौत की यह पहली घटना है. इसलिए इस समय पूरे इलाके में इसकी गूंज सुनाई पड़ रही है. कुछ वर्ष पहले इसी तरह की घटना सिलीगुड़ी में भी घटी थी. जिसके चलते पुलिस को जवाब देते नहीं बन पा रहा था. इस तरह की घटनाएं निश्चित रूप से पुलिस तंत्र और लॉकअप के ताने-बाने पर भी सवाल उठाती है. ऐसी घटनाएं कहीं ना कहीं पुलिस की लापरवाही का भी प्रमाण प्रस्तुत करती है. इस घटना में क्या हुआ कैसे हुआ, किशन लोहार की मौत मौत स्वाभाविक थी अथवा अस्वाभाविक ?किशन लोहार ने आत्महत्या क्यों की?अगर उसे आत्महत्या ही करनी थी तो पत्नी की हत्या के बाद भी वह आत्महत्या कर सकता था?
किशन के पड़ोसी भी यह नहीं मान रहे हैं कि उसने आत्महत्या की होगी. बहरहाल इस घटना की खूब चर्चा हो रही है. उतने ही सवाल भी उठाए जा रहे हैं. इन सभी के बीच जलपाईगुड़ी जिला पुलिस अधीक्षक उमेश गणपथे खंडबहले ने किशन लोहार के पारिवारिक जनों को आश्वासन दिया है कि घटना की निष्पक्ष जांच होगी और विभागीय कार्रवाई भी होगी. हालांकि किशन लोहार के शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह पता चलेगा कि उसने आत्महत्या की थी. या उसकी हत्या की गई थी. इस घटना की निष्पक्ष जांच के लिए किशन लोहार के परिवार वाले पुलिस पर दबाव बना रहे हैं.
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