ऐसे समय में जब कथित रूप से राज्य के कुछ इलाकों जैसे मुर्शिदाबाद उत्तर 24 परगना हुगली और मालदा जिलों में में हिंसा और असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो गई हो, किसी भी धार्मिक संगठन की रैली को इजाजत नहीं दी जानी चाहिए अन्यथा यह आग में घी का काम कर सकता है और हिंसा भड़का सकता है.
दार्जिलिंग के भाजपा सांसद और अखिल भारतीय भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में वक्फ संशोधन एक्ट के विरोध में आयोजित होने वाली संगठनों की रैलियों को अनुमति न देने की मांग को लेकर जो पत्र लिखा है, उसका मंतव्य कुछ ऐसा ही है.
वर्तमान स्थिति में इस तरह की रैलियों को आयोजित न करने की सलाह बुद्धिजीवी वर्ग के लोग भी दे रहे हैं. वे राजू बिष्ट का इस संदर्भ में समर्थन करते हैं और उनकी मांग को उचित मानते हैं. भले ही राजू बिष्ट का राजनीतिक उद्देश्य कुछ और हो, परंतु वक्त और स्थान के हिसाब से उनकी मांग पर जरूर ध्यान दिया जाना चाहिए.
हालांकि लोकतंत्र में किसी भी संगठन के द्वारा रैली करने की पूरी आजादी है. परंतु इसके लिए वर्तमान में उचित समय नहीं है. सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में माहौल अनुकूल नहीं कहा जा सकता है. सिलीगुड़ी के चार नंबर वार्ड की घटना पर पुलिस ने समय रहते नियंत्रण पा लिया. ऐसे में किसी भी मसले पर विरोध प्रदर्शन के लिए उचित समय का इंतजार किया जाना चाहिए.
सिलीगुड़ी में वक्फ संशोधन एक्ट के विरोध में एक इस्लामी संगठन द्वारा रैली आयोजित करने की प्रशासन ने अनुमति दी है. रैली का आयोजन 15 और 16 अप्रैल को होना है. खबरों के अनुसार कुछ मुस्लिम संगठनों के द्वारा 15 अप्रैल और 16 अप्रैल को सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में वक्फ संशोधन एक्ट के विरोध में रैलियां आयोजित की जा रही है.
राजू बिष्ट ने अपने पत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा है कि इससे अशांति फैलने की संभावना है. इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि ऐसी रैली को आयोजित करने की अनुमति रद्द कर दें.
रैली किसी भी संगठन या राजनीतिक दल की हो, उसमें कुछ अवांछित अथवा असामाजिक तत्व प्रवेश कर जाते हैं, जिनका एकमात्र मकसद अशांति अथवा उत्तेजना फैलाना होता है. राजू बिष्ट ने अपने पत्र में लिखा है कि ऐसी रैलियों में भाग लेने के लिए पश्चिम बंगाल के बाहर से भी बड़ी संख्या में लोग आ सकते हैं, जिससे हिंसा भड़कने की संभावना रह सकती है. राजू बिष्ट ने आशंका व्यक्त की है कि रैली में वक्ता राष्ट्र विरोधी बयानबाजी भी कर सकते हैं. राजू बिष्ट ने लिखा है कि चिकन नेक एक शांतिप्रिय क्षेत्र है और उतना ही यह संवेदनशील भी है.
उन्होंने लिखा है कि चिकन नेक में मुसलमानों की आबादी केवल पांच प्रतिशत है. परंतु रैली में बाहरी तत्व आकर यहां का शांतिपूर्ण वातावरण को खराब कर सकते हैं. उन्होंने दावा किया है कि बाहरी तत्वों के माध्यम से ही इस तरह की रैली आयोजित की जा रही है. जिससे इलाके की शांति को खतरा हो सकता है.
यह भी चर्चा है कि राजू बिष्ट ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र को भी पत्र लिखा है और केंद्र से सिलीगुड़ी और आसपास के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने की मांग की है ताकि किसी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके. राजू बिष्ट ने सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में लोगों में भरोसा जगाने के लिए फ्लैग मार्च आयोजित करने की भी राज्य और केंद्र से सिफारिश की है. अब देखना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रस्तावित रैलियो को लेकर क्या फैसला करती हैं.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)