December 6, 2024
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घटना राजनीति

पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश!

तो क्या पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू होगा?

पश्चिम बंगाल: संदेशखाली की घटना ने पश्चिम बंगाल सरकार की नींद उड़ा दी है. पिछले कई दिनों से संदेशखाली देशभर में सुर्खियों में है. जब से संदेशखाली के पीड़ितों का दर्द भरा वीडियो सोशल मीडिया और अखबारों के जरिए लोगों के बीच आया है, उसके बाद से राज्य भाजपा काफी आक्रामक है और इस घटना को देश के सामने लाने पर आमादा है. दूसरी तरफ राज्य पुलिस भाजपा नेताओं को संदेश खाली जाने से रोक रही है. पिछले कई दिनों से यही सब चल रहा है.

इन सभी के बीच राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के प्रमुख अरुण हलदर की सिफारिश ने बंगाल सरकार के पैरों तले की धरती जैसे खिसका दी है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने संदेश खाली से लौटकर राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के प्रमुख अरुण हलदर ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है. इस खबर के वायरल होते ही बंगाल की राजनीति में जैसे भूचाल आ गया है.

आज राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने उत्तर 24 परगना के संदेश खाली में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों द्वारा स्थानीय महिलाओं पर कथित उत्पीड़न के बारे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट सौंप दी है. अरुण हलदर ने संदेश खाली की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति से बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है.

बता दे कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के एक प्रतिनिधि मंडल ने बृहस्पतिवार को संदेश खाली का दौरा किया था, जहां बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उसके गुंडो पर स्थानीय लोगों की जमीन कब्जा करने के साथ ही स्थानीय महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञों से इस पर चर्चा करेंगी. उसके बाद ही पश्चिम बंगाल के लिए उनका कोई फैसला आ सकेगा.

आज मीडिया के समक्ष अरुण हलदर ने संदेश खाली के अपने अनुभवों को बताया और कहा कि वहां स्थानीय महिलाएं काफी डरी हुई है. उनका कहना था कि आयोग के जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के समर्थक और पुलिस का उन पर अत्याचार बढ़ जाएगा. ऐसे में उन्हें कौन बचाएगा! अरुण हलदर ने कहा कि शाहजहां शेख का विरोध करने वाली महिलाओं को टीएमसी के लोग जबरदस्ती उनके घर से उठा ले जाते हैं और रात भर उनके साथ गलत काम करते हैं. स्थिति काफी चिंताजनक है.

उन्होंने कहा कि सारी स्थिति देखने के बाद हमने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है. अरुण हलदर ने मीडिया को बताया कि संदेश खाली में अपराधियों की समानांतर सरकार चल रही है. यह अपराधी निर्दोष लोगों पर अत्याचार करते हैं. राज्य सरकार खामोश है और अपराधियों का मनोबल बढ़ा रही है.

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग एक संवैधानिक इकाई है. ऐसे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इसकी गंभीरता की उपेक्षा नहीं कर सकती हैं. इससे पहले राज्य भाजपा के बड़े-बड़े नेता राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते आ रहे हैं. अब संवैधानिक इकाई राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश के बाद राज्य भाजपा का अगला स्टैंड क्या होगा और क्या केंद्र इससे सहमत होगा? इत्यादि पर सबकी नजर टिकी हुई है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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