सिलीगुड़ी से लेकर सिक्किम, कालिमपोंग एवं दार्जिलिंग समेत जलपाईगुड़ी के विभिन्न बाढ़ग्रस्त इलाकों में रहने वाले लोग प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. कई मुसीबत के मारे लोग भगवान से प्रार्थना भी कर रहे हैं. रास्ते में पानी, घर में पानी, खाने को कुछ नहीं, गंदा जल पीने के लिए मजबूर, बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं, बीमार लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है… सबसे बड़ा सवाल यह है कि उन्हें राहत कौन देगा? उन्हें मुसीबत से कौन बचाएगा? क्योंकि मुसीबत अभी थमी नहीं है.
सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में बारिश की मार झेल रहे लोगों को फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. उनकी मुसीबत और बढ़ने वाली है. मौसम विभाग के ताजा अपडेट में चेतावनी दी गई है कि अगले 12 जुलाई तक सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल और सिक्किम में भारी से अत्यंत भारी वर्षा होगी. खासकर हिमालय वाले क्षेत्रों में लोगों को अत्यंत सावधान रहने की जरूरत है. भूस्खलन भी होंगे.
मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के डीएम, एसपी, पुलिस आयुक्त के साथ-साथ राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के मंत्रियों तथा सचिवों के साथ एक आपात बैठक की है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पर्यटकों को फिलहाल उत्तर बंगाल नहीं जाने की सलाह दी है. उन्होंने बाढ़ पीड़ितों और बारिश के पानी से घिरे लोगों की हर तरह से सहायता करने का स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है.
पिछले कई दिनों से हो रही बारिश से सिलीगुड़ी, कालिमपोंग, दार्जिलिंग समेत उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों और सिक्किम में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. तीस्ता नदी और सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. जलपाईगुड़ी जिले के कई गांव बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं. सिलीगुड़ी में हुई भारी बरसात के चलते सिलीगुड़ी नगर निगम के कई वार्डों में नारकीय स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. वार्ड नंबर 42 में रहने वाले सिंधु कॉलोनी के लोग घर छोड़ने की स्थिति में आ चुके हैं. चारों तरफ जल ही जल नजर आ रहा है.
बद इंतजामी और प्रशासन के प्रति क्षोभ दिखाते हुए स्थानीय ग्राम वासियों ने आज रेडियो सेंटर के नजदीक पथ अवरोध किया. इससे सेवक रोड पर काफी समय तक यातायात बाधित रहा. बाद में पुलिस ने स्थानीय लोगों को समझा बुझाकर पथावरोध उठा दिया. इसी बारिश के बीच सिलीगुड़ी में नौका घाट के नजदीक दो नंबर रोड, शक्तिगढ़ के पास आज एक भयानक दुर्घटना हो गई. तेज रफ्तार से जा रही एक एंबुलेंस ने एक साइकिल सवार को ठोकर मार दी. बुरी तरह घायल अवस्था में साइकिल सवार को सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने एंबुलेंस चालक और एंबुलेंस दोनों को ही अपनी हिरासत में ले लिया है.
सेवक के पास स्थित कई गांवों में तीस्ता का पानी घुस गया है. इससे स्थानीय लोगों में आतंक पैदा हो गया है. सबसे बुरा हाल चमक डांगी और लालटंग बस्ती का है. चमक डांगी में तो पूरा गांव नदी के पानी में समा गया है. समस्या इतनी बड़ी है कि किसी के पास भी इसका समाधान नजर नहीं आ रहा है. जनता से लेकर प्रशासन तक बेबस नजर आ रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों की स्थिति पर विचार करते हुए 24 घंटे चलने वाले कंट्रोल रूम खोलने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि स्थानीय प्रशासन ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति करे, जो समय-समय पर मौसम विभाग से मिले अपडेट के अनुसार लोगों को सतर्क करते रहें. अगर किसी तरह की कोई अप्रिय घटना घटती है तो वरिष्ठ अधिकारियों व राज्य सचिवालय को सूचित किया जाए.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बाढ़ पीड़ितों के लिए सभी तरह की राहत सामग्री एकत्र रखने का स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है. जलपाईगुड़ी जिले में 9 बाढ़ राहत केंद्र खोले गए हैं. अगर मौसम विभाग की भविष्यवाणी सत्य साबित होती है तो स्थिति और ज्यादा खराब होगी. क्योंकि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में प्रशासन भी ज्यादा कुछ करने की स्थिति में नहीं होता. बचाव के लिए यही जरूरी है कि निचले इलाकों में रहने वाले तथा नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अथवा प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में शरण ले लेनी चाहिए.
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