November 15, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चालू हुई ‘मां कैंटीन’ से फुटकर कारोबारी चिंता में!

सिलीगुड़ी के नजदीक उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बहु प्रतीक्षित मां कैंटीन की शुरुआत हो चुकी है. अब अस्पताल के रोगियों को मात्र ₹5 में भरपेट खाना मिल सकेगा. केवल अस्पताल के रोगी ही नहीं, बल्कि उनके परिजन तथा अन्य लोग भी मात्र ₹5 में अच्छा खाना खा सकेंगे. इसकी शुरुआत सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने कर दी है.

काफी समय से अस्पताल परिसर में मां कैंटीन शुरू करने की योजना थी. रोगियों अथवा उनके परिजनों की शिकायत रहती थी कि यहां आस-पास में स्थित होटलों से खाना खाने में काफी पैसा लगता था और ढंग का भी खाना नहीं मिलता था. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल उत्तर बंगाल का सबसे बड़ा अस्पताल है. अस्पताल के परिसर में छोटे-मोटे दुकानदार विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थ बेचते हैं. इसके अलावा फल मूल की भी दुकानें हैं. बहुत से दुकानदार रोटी, चावल और तले भूने खाद्य पदार्थ बेचकर मोटी कमाई करते हैं. अब मां कैंटीन के शुरू हो जाने से ऐसे छोटे-मोटे कारोबारियों के व्यवसाय पर फर्क पड़ना स्वाभाविक है. इसलिए वे परेशान है. हालांकि वह अपनी परेशानी का खुलकर इजहार नहीं करते हैं

दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज अस्पताल आने वाले रोगी खुश हैं. क्योंकि उन्हें मात्र ₹5 में ही भरपेट खाना मिल सकेगा. खाने का जो मेनू है उसके अनुसार ₹5 में चावल, दाल, सब्जी और अंडे शामिल हैं. हालांकि यह कैंटीन अभी अस्थाई तौर पर शुरू किया गया है. लेकिन जल्द ही इसे स्थाई कर दिया जाएगा. इस कैंटीन के संचालन का दायित्व एक स्वयं सहायता समूह को दिया गया है. स्वयं सहायता समूह का नाम अग्रणी स्वयं सहायता समूह है.

सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने कहा है कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल आने वाले रोगियों को अब ₹5 में ही भरपेट खाना मिलेगा. यहां बहुत से गरीब रोगी आते हैं, जिनके पास इतना पैसा नहीं होता है कि वे महंगे होटल से खाना खा सके. ऐसे सभी गरीब रोगियों और अन्य जरूरतमंद लोगों के लिए मां कैंटीन की व्यवस्था की गई है. यह कैंटीन रोजाना दोपहर 12:00 बजे से 3:00 तक खुली रहेगी. यह समय खाने का होता है. इस कैंटीन के खुल जाने से सबसे ज्यादा परेशान वे व्यवसायी हैं जो वर्षों से यहां धंधा कर रहे हैं.

अस्पताल परिसर में छोटे-मोटे धंधे चला कर जीविका कमा रहे कारोबारियों का कहना है कि इससे उनके कारोबार में कमी आएगी. मां कैंटीन के खुल जाने से रोगी अथवा उनके परिजन को जब ₹5 में भरपेट खाना मिल जाएगा, तो वे उनकी दुकान में क्यों आएंगे. लेकिन इन व्यवसाईयों को अपने कारोबार की चिंता से ज्यादा मां कैंटीन के खुलने से खुशी है जहां गरीब और जरूरतमंद लोगों को मात्र ₹5 में पेट भर सकेगा.

सोमवार से उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मां कैंटीन की शुरुआत हो गई है. उम्मीद की जानी चाहिए कि गरीब और जरूरतमंद लोगों की सेवा में शुरू की गई मां कैंटीन की व्यवस्था सुचारू रूप से चलेगी और रोगियों को कोई तकलीफ नहीं होगी. हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम की इस पहल के बाद यह देखना होगा कि अग्रणी स्वयं सहायता समूह कैंटीन के नियमित संचालन के लिए क्या व्यवस्था करता है. क्योंकि इस तरह की शिकायत पूर्व में भी देखी गई है कि उचित प्रबंधन के अभाव में कुछ दिनों के बाद ही कैंटीन सेवा अनियमित हो जाती है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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