November 15, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी समेत बंगाल में दुर्गा पूजा के उत्साह पर भारी पड़ रही RGकर की छाया!

दुनिया भर में प्रसिद्ध पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा अत्यंत धूमधाम और उल्लास के साथ मनाई जाती रही है. पंडाल निर्माण से लेकर दुर्गोत्सव तक करोड़ों करोड़ों रुपए स्वाहा हो जाते हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या इस बार बंगाल की दुर्गा पूजा पिछली पूजा की तरह ही मनाई जाएगी? विभिन्न सूत्र और आंकड़े बताते हैं कि इस बार सिलीगुड़ी और बंगाल की दुर्गा पूजा में उत्साह की कमी झलक रही है.

बंगाल की दुर्गा पूजा को देखने के लिए देश और विदेश के कोने-कोने से पर्यटक आते रहे हैं. कुछ समय पहले ही यह रिपोर्ट सामने आई थी कि इस बार नकारात्मक वातावरण के कारण कई पर्यटकों ने बंगाल की अपनी यात्रा कैंसिल कर दी है. आंकड़ों के अनुसार इस बार 20 से 22% तक पर्यटक दुर्गा पूजा देखने के लिए बंगाल नहीं आ रहे हैं. यहां जापान, कोरिया, इंग्लैंड, अमेरिका, सऊदी अरब इत्यादि विभिन्न देशों से पर्यटक दुर्गा पूजा देखने के लिए बंगाल आते हैं

मिली जानकारी के अनुसार पूरे बंगाल में 50000 करोड रुपए की दुर्गा पूजा होती है. यहां की दुर्गा पूजा एक ऐसा त्यौहार है जहां उत्साह के साथ-साथ अर्थव्यवस्था और रोजगार प्राप्ति भी सुनिश्चित होती है. कोलकाता में आरजी कर कांड के बाद पूरे राज्य में चल रहे विरोध प्रदर्शन और जनता के धूमिल होते उत्साह ने इस दुर्गोत्सव के प्रति लोगों को दूर करना शुरू कर दिया है. चंदा प्राप्ति भी कम हो रही है. कोलकाता से मिली जानकारी के अनुसार सामुदायिक पूजा आयोजकों का प्रतिनिधित्व करने वाले फोरम फार दुर्गोत्सव के अनुसार पूजा समितियों को केवल 40 से 45% ही चंदा हासिल हुआ है. जबकि इस समय तक लगभग 70 से 80% तक चंदा मिल जाता था.

सिलीगुड़ी में भी कमोबेश ऐसा ही हाल है. पहले जहां दुर्गा पूजा से एक महीने पहले चंदा संकलन का काम शुरू हो जाता था, इस बार अभी तक चंदा काटने वाले अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं. बहुत कम पूजा कमेटियां चंदा वसूलने निकल रही है. चंदा वसूली में भी उत्साह नहीं देखा जा रहा. कॉर्पोरेट स्पॉन्सरशिप में भी कमी देखी जा रही है. पूजा को फंडिंग करने वाली कंपनियां भी उत्साह का प्रदर्शन नहीं कर रही है और प्रायोजक बनने में दिलचस्पी नहीं ले रही है. आरजीकर को लेकर पूरे राज्य में शोक का वातावरण सा बन गया है. ऐसे में विभिन्न पेशे और वर्गों के लोग दुर्गा पूजा के उत्साह में सराबोर होने में कठिनाई की अनुभूति कर रहे हैं.

राज्य में दुर्गा पूजा के उत्साह में कमी लाने का प्रमुख जिम्मेदार सोशल मीडिया है. सोशल मीडिया के द्वारा आरजी कर मुद्दे को गरमाया गया है, जिसके कारण पूरा वातावरण एक तरह से गमगीन हो गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि फैशन आइटम, फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स और डाइनिंग सेवाओं की मांग में गिरावट आई है. इससे कंपनियों के ब्रांडों के बीच भी चिंता बढ़ी है. यह स्थिति अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक तिमाही के लिए राज्य की वित्तीय प्रदर्शन पर भी प्रतिकूल असर डाल सकता है.

सिलीगुड़ी की कुछ दुर्गा पूजा कमेटियों से जुड़े लोगों के विचार में मौजूदा स्थिति कोविद-19 साल से भी बदतर है. उस समय कोविद-19 साल के समय लोगों ने स्वेच्छापूर्वक पूजा बजट में कटौती की थी. इस बार RGकर को लेकर पूजा बजट में कटौती की गई . हालांकि इसके बावजूद पूरा माहौल नकारात्मक है, ऐसा नहीं कह सकते. क्योंकि राज्य के विभिन्न जिलों में कई पूजा कमेटियों के द्वारा महीने पहले से ही दुर्गा पूजा की तैयारी चल रही है. इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा दुर्गा पूजा कमेटियों को चंदा वितरण की अनुमति के बाद अब इसमें थोड़ी तेजी नजर आ रही है. बहर हाल यह देखना होगा कि दुर्गा पूजा कमेटियों की तेजी सचमुच उत्साह में तब्दील हो पाती है या नहीं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *