भारतीय रेल की सबसे बड़ी परियोजना सेवक रंगपो रेल परियोजना को एक पर एक लगातार सफलता मिल रही है. टनल संख्या टी-7 को ब्रेक थ्रू मिलने के साथ ही इस परियोजना को समय पर पूरा करने की उम्मीद बलवती हुई है. परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए रात दिन कार्य हो रहा है. इंजीनियर और कारीगर बिना थके बिना रुके काम कर रहे हैं. यही कारण है कि लगभग 92% काम पूरा हो चुका है.
इस पूरी परियोजना में सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र पहला भूमिगत रेलवे स्टेशन तीस्ता बाजार रेलवे स्टेशन है. इसकी सुरक्षा के लिए रेलवे की तरफ से उच्च स्तरीय तकनीकी और यांत्रिक कदम उठाए जा रहे हैं. डिजाइन ऐसी है कि भूकंप अथवा सैलाब का भी कोई असर नहीं होगा. साथ ही यात्रियों के आराम के लिए भी डिजाइन किया गया है. यह जितना ज्यादा चुनौती पूर्ण है, उतना ही ज्यादा सुरक्षित होने का भी दावा किया जा रहा है.
सेवक रंगपो रेल परियोजना भारतीय रेलवे की सबसे कठिन और चुनौती पूर्ण परियोजना है. क्योंकि यह पूरी परियोजना सुरंग पर आधारित है. पहाड़ में खुदाई करना कितना कठिन होता है. वह भी हिमालय पहाड़ की तलहटी में यह अत्यधिक जोखिम भरा भी होता है. परंतु कुशल इंजीनियर और दक्षता प्राप्त कारीगरों की टीम से परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है.
आपको बताते चलें कि सेवक और रंगपो को जोड़ने वाली नई रेल लिंक परियोजना लगभग 45 किलोमीटर लंबी है. इस पूरी परियोजना में 14 टनल, 17 पुल और पांच स्टेशन शामिल है. सबसे लंबी टनल की लंबाई 5.3 किलोमीटर है. यह T-10 कहलाता है. जबकि सबसे लंबा पुल ब्रिज 17 की लंबाई 425 मीटर है.पूरी परियोजना संरेखन का लगभग 38.64 किलोमीटर टनल से गुजर रहा है. इसी से आप समझ सकते हैं कि काम कितना कठिन है. लेकिन सभी सुरंगों पर काम हो रहा है. और एक-एक करके परियोजना को सफलता मिल रही है.
. रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में टनल T-14, t-9 और टी-2 में अंतिम लाइनिंग का कार्य पूरा हो चुका है. जबकि टनल t-3, टनल संख्या 5 से लेकर टनल संख्या 8 तक, टनल 10 से टनल संख्या 12 तक का कार्य काफी प्रगति पर है. अब तक कुल 11.96 किलोमीटर लाइनिंग पूरी की जा चुकी है. 30 मार्च 2024 को अंतिम सफलता मिलने के बाद कारीगर और इंजीनियर काफी उत्साहित हैं. यही कारण है कि सभी ख़डों में कार्य की गति और बढ़ा दी गई है.
इस परियोजना में कुल 14 टनलों में से 10 टनलों में खुदाई का काम लगभग पूरा कर लिया गया है. अगर भूमिगत रेलवे स्टेशन की बात करें तो पहला भूमिगत रेलवे स्टेशन है तीस्ता बाजार स्टेशन. यहां का काम लगभग पूरा हो चुका है. मुख्य टनल 3000 मीटर से भी ज्यादा विस्तृत है. इससे एक अप्रोच टनल जुड़ा हुआ है. सुरंग की गुफा 650 मी चौड़ी है. यहां एक सिंगल प्लेटफॉर्म है. गुफा में 6 क्रॉस पैसेज है. इस तरह से एक विस्तृत रेलवे नेटवर्क का आभास देता है है. रेल यात्रियों की सुरक्षा और आराम को सुनिश्चित करने के लिए भी डिजाइन किया गया है.
तीस्ता बाजार भूमिगत रेलवे स्टेशन अपनी तरह का पहला ऐसा स्टेशन होगा, जो कठिन चुनौतियों में भी यात्रियों को निरापद वातावरण उपलब्ध कराता है.यह रेल यात्रियों की सुरक्षा और आराम को सुनिश्चित तो करेगा ही, इसके साथ ही टनल का डिजाइन कुछ इस तरीके से किया जा रहा है जिससे कि हिमालय की अति संवेदनशील और चुनौती पूर्ण भूगर्भीय और भूकंपीय स्थितियों का भी उस पर कोई असर नहीं पड़ सके. इस तरह से इसका डिजाइन और तकनीकी व्यवस्था की जा रही है.
इस परियोजना के पूरा होने पर पहली बार सिक्किम रेलवे नेटवर्क से सीधा जुड़ जाएगा.
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