मालीगांव: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के सहयोग से चल रही सेवक-रंगपो रेल परियोजना में एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन हासिल किया। यह ऐतिहासिक बुनियादी संरचना पहल पश्चिम बंगाल और सिक्किम के बीच संपर्क बढ़ाने, आर्थिक विकास और क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने कोअग्रसर है।
हाल ही में, इस परियोजना ने पुलसंख्या 6 के लिए दो 69 मीटर लंबे ओपेन वेब गर्डरों की सफल लॉन्चिंग कर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। इन गर्डरों का कुल वजन 810 मीट्रिक टन (लॉन्चिंग नोज़ वजन को छोड़कर) है, जिसे उन्नत लॉन्चिंग नोज़ विधि का उपयोग करके 40 मीटर की ऊँचाई पर लॉन्च किया गया। यह विधि कठिन भूभाग पर चुनौतीपूर्ण पुल संरचनाओं के निर्माण में सटीकता और दक्षता सुनिश्चित करती है।
अब तक, इस परियोजना के लिए नियोजित 13 पुलों में से 7 का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है, जबकि शेष 6 पुलों का कार्यनिरंतर प्रगति पर है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के दिशानिर्देश में इरकॉन के अथक प्रयास इस परियोजना को दक्षता और उत्कृष्टता के साथ पूर्ण करने की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।
सेवक (पश्चिम बंगाल) और रंगपो (सिक्किम) को जोड़ने वाली सेवक-रंगपो नई रेल लिंक परियोजना लगभग 44.96 किलोमीटर लंबी है और इसमें 14 टनल, 13 बड़े पुल, 09 छोटे पुल और 5 स्टेशन हैं। सबसे लंबी टनल (टी-10) की लंबाई 5.3 किलोमीटर है और सबसे लंबे पुल (बीआर-17) की लंबाई 425 मीटर है। पूरी परियोजना का लगभग 38.65 किलोमीटर हिस्सा टनलों से होकर गुजरता है।
सेवक-रंगपो रेल परियोजना सिक्किम के लिए रेलकनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी, जिससे यात्रा का समय काफी कम होगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार एवं वाणिज्य को सुविधा मिलेगी। यह रणनीतिक बुनियादी संरचनाका विकास सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को बेहतर बनाने, बेहतर पहुंच प्रदान करने और राष्ट्रीय एकीकरण को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे इस परिवर्तनकारी परियोजना को समय पर पूरा करने को प्रतिबद्ध है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्नत रेल बुनियादी संरचना का लाभ पश्चिम बंगाल और सिक्किम के इस क्षेत्र के लोगों तक जल्द से जल्द पहुंचे।
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