सीबीआई ने सिलीगुड़ी से एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि उसने जर्मनी के अधिकारियों के सहयोग से जर्मन नागरिकों को भारी चूना लगाया है. दावा किया जा रहा है कि इस व्यक्ति ने अपने साथियों की मदद से बड़ी ही सोची समझी और पूरी प्लानिंग के साथ जर्मन नागरिकों को अपने जाल में फंसा कर उनका अकाउंट खाली करा लिया था. यह व्यक्ति सिलीगुड़ी में माटीगाड़ा के वेबेल आईटी पार्क में गैर कानूनी तरीके से एक कॉल सेंटर भी संचालित करता है. इसके साथ ही सेवक रोड स्थित एक पब में उसने काफी निवेश किया है.
आरोपी व्यक्ति का नाम राहुल शाॅ है. सीबीआई ने उसे सिलीगुड़ी से गिरफ्तार किया है. मिली जानकारी के अनुसार यह व्यक्ति एक अत्याधुनिक वर्चुअल एसेट समर्थित साइबर क्राइम नेटवर्क जर्मनी के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर संचालित कर रहा था. यह एक अंतर्राष्ट्रीय साइबर क्राइम नेटवर्क है. सीबीआई की नजर में राहुल शाॅ मुख्य आरोपी है. उसकी गिरफ्तारी के साथ ही सीबीआई के अधिकारियों ने इस बात का खुलासा किया है कि उन्होंने वर्चुअल एसेट समर्थित साइबर क्राइम नेटवर्क को पूरी तरह से उजागर कर दिया है.
यह साइबर क्राइम नेटवर्क जर्मनी के नागरिकों को अपना शिकार बना रहा था. आरोपी राहुल शाॅ साइबर नेटवर्क का संचालन करता था. वह जर्मनी के खाता धारकों को उनके खातों में त्रुटि और अन्य भूल बताकर तथा उनके कंप्यूटर सिस्टम में तकनीकी दोष निवारण की बात बताता था. उस पर भरोसा करके खाता धारक व्यक्ति को गोपनीय जानकारियां पहुंचाया करते थे. वह खाता धारकों को तकनीकी सहायता पहुंचाने की बात करता था. लेकिन उसका असली मकसद उन्हें धोखा देना था और उनके बैंक खातों से निकासी करना था.
आरोपी राहुल शाॅ के इस धंधे में कई लोग शामिल थे. 2021 से ही यह खेल खेला जा रहा था. जब सीबीआई के अधिकारी सिलीगुड़ी में राहुल शाॅ को गिरफ्तार करने के लिए उसके आवास पर पहुंचे तो काफी देर तक चले रेड में आरोपी के घर से सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और कुछ दस्तावेज बरामद किए गए. सीबीआई के अधिकारी उसे गिरफ्तार करके दिल्ली ले गए और वहां दिल्ली के लॉस एवेन्यू जिला कोर्ट में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट 6 के समक्ष पेश किया.
सीबीआई ने राहुल शाॅ समेत शुभम शर्मा, राजीव बूंदी राजा तथा अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी, 420, 467,468 और 471 के तहत सूचना प्रौद्योगिकी के अधिनियम 2000 की धारा 66 डी के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. सीबीआई की जांच में यह बात सामने आई कि 2021 से 2022 के बीच राहुल शाॅ समेत अन्य आरोपियों ने जर्मनी के खाता धारकों को अपना शिकार बनाया था. उन्होंने विभिन्न तकनीकों से जर्मनी के खाता धारकों का पासवर्ड हासिल किया और उनके खातों में धोखाधड़ी की. सीबीआई ने खुलासा किया है कि राहुल शाॅ समेत सभी आरोपियों ने कुल 646, 032 यूरो क्रिप्टो करेंसी वॉलेट्स में ट्रांसफर करवाया.
प्रारंभिक जांच और पक्की जानकारी मिलने के बाद सीबीआई के अधिकारियों ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए 14 फरवरी से लेकर 17 फरवरी के बीच देश के तीन प्रमुख शहरों में कई चिन्हित ठिकानों पर रेड डाला. इनमें दिल्ली, कोलकाता और सिलीगुड़ी शामिल है. इस भाग दौड़ में सीबीआई अधिकारियों को पता चला कि वर्चुअल असेट्स के जरिए साइबर क्राइम नेटवर्क का संचालन किया जा रहा है, जो सिलीगुड़ी से हो रहा है.
सीबीआई की जांच में राहुल शाॅ तथा अन्य आरोपियों द्वारा संचालित माटीगाड़ा के अवैध कॉल सेंटर वेबेल आईटी पार्क तक पहुंचने में सफलता मिली. यहां स्थानीय पुलिस के सहयोग से सीबीआई के अधिकारियों के चलाए गए रेड में 24 हार्ड डिस्क बरामद की गयी. दावा किया गया है कि इन सभी हार्ड डिस्क में राहुल शाॅ और अन्य आरोपियों के अपराध से संबंधित डिजिटल डाटा उपलब्ध है.
यह अपने आप में एक अंतर्राष्ट्रीय साइबर क्राइम नेटवर्क है. इसलिए सीबीआई के अधिकारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर व्यापक तरीके से नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने में लगे हैं. उनके ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन चक्र 4 दिया गया है, जिसका उद्देश्य साइबर क्राइम अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को खत्म करना और वैश्विक कानून प्रवर्तन प्रतिक्रिया के माध्यम से अपराधों से निपटना है.
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