December 22, 2024
Sevoke Road, Siliguri
कालिम्पोंग लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

NH-10 पर सिक्किम बंगाल से आर या पार के लिए तैयार!

सिक्किम और कालिमपोंग के लिए जीवन रेखा मानी जाने वाली नेशनल हाईवे 10 की लगातार बदहाल स्थिति, अक्सर सड़क मार्ग बंद होने तथा सड़क पुनर्निर्माण व्यवस्था व बंगाल पीडब्ल्यूडी की कमजोर कार्यशैली को देखते हुए ऐसा लगता है कि सिक्किम सरकार का धैर्य जवाब देने लगा है. NH10 के बंद होने से सिक्किम सरकार की इकोनॉमी को लगातार नुकसान पहुंच रहा है. एक अनुमान के अनुसार सिक्किम सरकार को रोजाना 7100 करोड़ SGST के रूप में नुकसान हो रहा है. यही कारण है कि सिक्किम के पीडब्ल्यूडी मंत्री एन बी दहाल बौखला गए हैं. उन्होंने सिक्किम से लेकर बंगाल पीडब्ल्यूडी आफिस तक विशाल मार्च निकालने की चेतावनी दी है.

NH-10 बंगाल और सिक्किम की जीवन रेखा है. केंद्र और बंगाल सरकार मिलकर इस महत्वपूर्ण सड़क मार्ग का रखरखाव करती है. सिक्किम सरकार पहले ही केंद्रीय एजेंसी को NH10 का हिस्सा मेंटेनेंस के लिए दे चुकी है और नेशनल हाईवे अथॉरिटी उसकी अच्छी देखभाल भी करती है. लेकिन बंगाल के अंतर्गत आने वाले NH-10 के हिस्से को बंगाल पीडब्ल्यूडी नियंत्रित करता है. यह भी देखा गया है कि बंगाल के अंतर्गत NH-10 का हिस्सा अक्सर भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त होता रहता है. सिक्किम सरकार अक्सर आरोप लगाती है कि बंगाल पी डब्ल्यू डी सड़क का मेंटेनेंस ठीक से नहीं कर पाती है. यही कारण है कि भूस्खलन अथवा बारिश में यह मार्ग बंद हो जाता है.

यह आरोप पूर्व में दार्जिलिंग तथा सिक्किम के सांसद भी बंगाल सरकार पर लगा चुके हैं. दोनों सांसदों ने सरकार से अनुरोध भी किया है कि NH-10 के रखरखाव की संपूर्ण जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी के सुपुर्द कर दी जाए. अगर ऐसा होता है तो बार-बार NH-10 बंद होने की नौबत नहीं आएगी और इससे बंगाल के साथ-साथ सिक्किम को भी लाभ मिलता रहेगा. लेकिन बंगाल सरकार ने अभी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

NH10 बंद हो जाने से सिक्किम को सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ता है. सिक्किम का सडक संपर्क भंग होने से उसकी इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ता है. सिक्किम सरकार चाहती है कि बंगाल सरकार NH-10 के अपने महत्वपूर्ण हिस्से को नेशनल हाईवे अथॉरिटी के सुपुर्द कर दे ताकि NH-10 की स्थिति में सुधार हो सके. सिक्किम के पीडब्ल्यूडी मंत्री ने बंगाल सरकार को 100 दिन का डेडलाइन दिया है. कहा है कि अगर बंगाल पी डब्ल्यू डी इस महत्वपूर्ण मार्ग का इस बीच सही तरीके से प्रबंध नहीं कर सकता तो उसे केंद्रीय एजेंसी को सौंप दिया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो सिक्किम से लेकर बंगाल तक सिक्किम सरकार मार्च निकालेगी.

आपको बताते चलें कि NH10 की कुल लंबाई सिलीगुड़ी से लेकर सिक्किम गंगटोक तक 78.58 किलोमीटर है. 52 किलोमीटर हाईवे के बगल से तीस्ता नदी गुजरती है. सिलीगुड़ी के फांसी देवा मोड़ से रंगपु तक NH10 के हिस्से का रखरखाव बंगाल PWD करता है. इस भाग में अधिकतर भूस्खलन की घटनाएं घटती हैं, जिसके कारण इस महत्वपूर्ण मार्ग को काफी क्षति पहुंचती है. इसके कारण NH10 को बंद कर दिया जाता है. सिक्किम सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा है कि पहले इस भाग की देखरेख सेना का BRO संभालता था. तब सड़क काफी अच्छी हालत में थी. 7 जून 2016 को बंगाल सरकार ने इसे अपने हाथ में ले लिया और पीडब्ल्यूडी को काम सौंप दिया.

सिक्किम के पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा है कि उचित रखरखाव के अभाव में ही यह महत्वपूर्ण मार्ग बंद रहता है. उन्होंने बंगाल सरकार से कहा है कि अगर 100 दिन में उचित तरीके से काम नहीं हुआ तो सिक्किम के युवा विशाल मार्च निकालेंगे और PWD बंगाल कार्यालय तक पहुंच कर धरना देंगे. अब देखना होगा कि N बी दहाल की इस चेतावनी का बंगाल सरकार पर क्या असर होता है? क्या बंगाल सरकार सिक्किम सरकार की डेड लाइन को मानती है या फिर बंगाल PWD से NH10 के इस हिस्से को लेकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी के सुपुर्द करती है? ऐसा लगता तो नहीं है. बंगाल सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *