सिलीगुड़ी की सड़कों पर ट्रैफिक नियंत्रण के लिए ट्रैफिक विभाग की ओर से ट्रैफिक पुलिस सभी तरह के कदम उठा रही है. लेकिन इसके बावजूद ट्रैफिक नियंत्रण नहीं हो पा रहा है. अधिकांश बाइकर्स से लेकर कार चालक, टोटो चालक सब मनमानी कर रहे हैं और सड़कों पर भीड़ लगा रहे हैं. यह देखने वाला कोई नहीं है. नौकाघाट से लेकर वर्धमान रोड, S F रोड, हिलकार्ट रोड, सेवक रोड, चंपासारी तक, सब जगह आपको यही नजारा देखने को मिलेगा.
जानकारो और अध्ययनकर्ताओं से पता चलता है कि सिलीगुड़ी नगर निगम ने जिस उद्देश्य को लेकर शहर में टोटो कम करने के लिए अभियान शुरू किया था, उसमें निगम को सफलता मिलती नहीं दिख रही है. भले ही आंकड़ो में बिना नंबर के टोटो नहीं चल रहे हो परंतु सच यह नहीं है. आज भी बिना नंबर के टोटो चोरी चुपके चलते हैं. लेकिन सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक पहलू यह है कि एक तरफ तो सिलीगुड़ी नगर निगम ने बिना नंबर के टोटो को बंद कर दिया है तो दूसरी तरफ पंजीकृत टोटो की संख्या भी उतनी ही तेजी से बढ़ रही है.
टोटो चालक हो या फिर बाइक सवार,कार सवार, अधिकांश चालक यह समझते हैं कि उन्होंने सरकारी नियमों के अनुसार अपने कागजात को तैयार करवा लिया है, इसलिए ट्रैफिक पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती. इसका वह काफी फायदा उठाते हैं.खासकर टोटो चालक भाड़ा उठाने के चक्कर में रोड पर ही टोटो खड़ा कर देते हैं. ऐसे में पीछे से आने वाले वाहन भी रुक जाते हैं. और इस तरह से जाम लगना शुरू हो जाता है. लेकिन टोटो चालकों को इसकी कोई परवाह नहीं है. उन्हें लगता है कि उनके टोटो के कागजात पूरे हैं. अब उन्हें मनमानी करने का जैसे अधिकार मिल गया हो.
इसी तरह से बाइक सवार तो छोड़िए, अधिकांश कार वाले भी 5 10 मिनट के लिए अपनी कार को रोड पर ही खड़ा कर देते हैं. इससे गाड़ियों के आवागमन में बाधा खड़ी हो जाती है. अब हर जगह तो ट्रैफिक पुलिस नहीं रहती, जिसका ये काफी लाभ उठाते हैं. ऐसे वाहन चालकों को सिक्किम से सीख लेनी चाहिए, जहां उचित तरीके से कार अथवा वाहन खड़ा ना करने पर उन पर जुर्माना लगा दिया जाता है. अगर 1 मिनट के लिए भी सिक्किम में गाड़ी खड़ी करनी हो तो, ट्रैफिक पुलिस उन्हें इजाजत नहीं दे सकती. जबकि सिलीगुड़ी में रोड पर कार खड़ी करना, जैसे कोई बड़ी बात नहीं है. आप रोड पर निकल कर देख लीजिए. सिलीगुड़ी में कहीं भी किसी भी इलाके में यह नजारा देखने को मिलेगा.
जिस मंशा और उद्देश्य को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा अभियान शुरू किया गया था, सिलीगुड़ी नगर निगम वांछित उद्देश्य से काफी दूर है. बिना नंबर प्लेट वाले भले ही टोटो कम हो गए हैं, परंतु हाल के दिनों मे पंजीकृत टोटो की संख्या काफी बढ़ी है. इसके साथ ही अधिकांश टोटो चालकों की मनमानी और सड़क दखल की समस्या भी बढ़ती जा रही है. इनमें कार वाले भी आगे हैं जो यह समझते हैं कि सड़क उनकी मिल्कियत है. उन्होंने भी सिलीगुड़ी के ट्रैफिक नियंत्रण में भी बाधा खड़ी की है.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सिलीगुड़ी में ट्रैफिक नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए जाएं. ताकि सड़कों की आवाजाही दुरुस्त और नियमानुकूल हो. यह समस्या सिलीगुड़ी नगर निगम के लिए भी है और सिलीगुड़ी के नागरिकों के लिए भी चुनौती बनी है. अध्ययन बताते हैं कि जब तक सिलीगुड़ी के वाहन चालकों में अनुशासन और संवेदनशीलता की भावना विकसित नहीं होगी, तब तक ट्रैफिक नियंत्रण की कोई भी कोशिश कर ली जाए, यह सफल नहीं होने वाली है. इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि वाहन चालकों के लिए एक आदर्श संहिता बनाई जाए. वाहन चालकों को जागरूक किया जाए और उन्हें एक अच्छे नागरिक का फर्ज निभाने के लिए प्रेरित किया जाए. शायद स्थिति में कुछ परिवर्तन हो.
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