सिलीगुड़ी के प्लेनेट मॉल में अवैध निर्माण को लेकर चल रहे संग्राम का आखिरकार अंत हो गया है. सिलीगुड़ी नगर निगम ने आदेश जारी कर दिया है कि 31 जनवरी तक प्लैनेट मॉल में सभी तरह के अवैध निर्माण को हटा लिया जाए अन्यथा 31 जनवरी के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम अवैध ढांचों को गिरा देगा. इस कार्रवाई में होने वाले व्यय की वसूली निगम संबंधित व्यवसाइयों से करेगा.
काफी अध्ययन, मंथन और चिंतन के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम ने यह कठोर फरमान जारी किया है. अब तक तो फायर सर्विस विभाग और सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा संबंधित व्यवसाईयों को नोटिस जारी कर हाजिर होने अथवा स्वत: कार्रवाई करने के लिए कहा जाता रहा है. परंतु निगम अथवा फायर सर्विस विभाग के आदेश का व्यवसाईयों ने पालन नहीं किया. या तो यह मामला कोर्ट में लंबित रहा या फिर तारीख पर तारीख का चक्कर लगाता रहा. परंतु अब ऐसा लगता है कि सिलीगुड़ी नगर निगम प्लैनेट मॉल के संदर्भ में आर या पार की हद तक गुजर जाना चाहती है.
व्यवसाइयों को भी शायद अंदाजा हो गया है कि इस बार उन्हें कुछ ना कुछ करना ही होगा. आपको बता दें कि यह मामला जुलाई 2024 से चल रहा है, जब सिलीगुड़ी नगर निगम की तकनीकी टीम ने प्लेनेट मॉल में काफी मामलों में अवैध निर्माण को पाया था. अपनी जांच में तकनीकी टीम ने बिल्डिंग प्लान, बिल्डिंग निर्माण समेत कई ढांचों के निर्माण में त्रुटियां पाई, जो पश्चिम बंगाल कॉरपोरेशन नियम 2007 के अनुकूल नहीं था. इनमें से ड्राइव वेज में त्रुटियां, आर्किटेक्ट संबंधित दोष, बिल्डिंग प्लान के अनुसार निकासी गेट का नहीं होना, गलत तरीके से अथवा बिल्डिंग प्लान के अनुसार कॉरिडोर का निर्माण नहीं होना, जैसे बिल्डिंग प्लान में चार कॉरिडोर की मंजूरी के बदले में आठ कॉरिडोर का किया गया था निर्माण. तकनीकी टीम ने कॉरिडोर के प्रबंधन और आकार पर भी सवाल उठाया था.
सिलीगुड़ी नगर निगम की संबंधित तकनीकी टीम ने अपनी जांच में पाया कि बिल्डिंग प्लान के अनुसार प्लैनेट मॉल में पांच लिफ्ट की मंजूरी दी गई थी. जबकि उसकी जगह पर सात लिफ्ट बनाए गए. इसके अलावा स्टेयरकेस का निर्माण भी नियमानुकूल नहीं था. जांच तकनीकी टीम ने शटर, ग्राउंड फ्लोर के निर्माण और गलत डायरेक्शन को लेकर भी निगम को अपनी रिपोर्ट दी थी. प्लैनेट मॉल में वाटर हार्वेस्टिंग की कोई व्यवस्था नहीं है, जबकि ऐसी बिल्डिंगों में वाटर हार्वेस्टिंग एक आवश्यक प्रक्रिया है. इनमें से सबसे बड़ी समस्या अग्निशमन विभाग द्वारा खड़ी की गई, जब व्यवसाईयों ने अग्निशमन विभाग से एनओसी का नवीकरण ही नहीं कराया था.
पुराने NOC आउट डेटेड थे. इसको लेकर भी व्यवसाईयों को नोटिस जारी किया गया. तकनीकी टीम की सिफारिश के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम ने 20 सितंबर को पहला नोटिस संबंधित पक्ष को भेजा और 1 अक्टूबर को अपने हलफनामे और आवश्यक कागजात के साथ निगम के दफ्तर में प्रस्तुत होने को कहा. संबंधित पक्ष ने 1 अक्टूबर को निगम कार्यालय में प्रस्तुत होकर बताया कि मामूली सी त्रुटि है जिसको ठीक कर लिया जाएगा. उन्होंने इसके लिए वक्त मांगा. 22 अक्टूबर 2024 को एक बार फिर से इस मुद्दे को लेकर संबंधित पक्ष और निगम प्रशासन के बीच बैठक हुई. इस बैठक में संबंधित पक्ष की ओर से कहा गया कि जो भी तकनीकी त्रुटियां हैं, वे सभी प्रमोटर के द्वारा खड़ी की गई है. इसमें उनकी कोई भी भूमिका नहीं है.
इस तरह से सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन और अवैध निर्माण के दोषी व्यवसाईयों के बीच कई बार की बैठक, नोटिस, मियाद अवधि के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम ने आखिरकार आर्डर जारी कर दिया. सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा संबंधित पक्ष को जो आदेश जारी किए गए हैं, वह इस प्रकार से हैं… अवैध निर्माण को 31 जनवरी तक या उससे पहले खुद हटाना. प्लैनेट मॉल में निर्मित दो अतिरिक्त लिफ्ट को हटाना, वाल की ऊंचाई तथा रेलिंग को डेढ़ मीटर तक घटाना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपने खर्चे पर स्थापित करना इत्यादि शामिल है.
प्लैनेट मॉल में सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा कार्रवाई के संबंधित पक्षों में शामिल प्रतिष्ठानों अथवा नाम में सिलीगुड़ी फ्लावर मिल, आनंद कुमार भंसाली, हैट्रिक रेस्टोरेंट ,हाई-फाई रेस्टोरेंट कम बार, हाफ फुल रेस्टोरेंट, मान्यवर एंड मोहे, लक्मे सैलून, डग आउट बार, रंजन हेयर स्टूडियो एंड सैलून, स्वीडिश रेस्टोरेंट, रॉयल सरताज रेस्टोरेंट, कैदी किचन कम रेस्टोरेंट, येलो चिल रेस्टोरेंट, साड़ी वर्ल्ड इत्यादि शामिल है. यह सभी संस्थान प्लेनेट मॉल में ही स्थित है. अब देखना होगा कि सिलीगुड़ी नगर निगम के फरमान के बाद प्रतिष्ठानों अथवा उनके मालिकों की क्या प्रतिक्रिया सामने आती है. सवाल यह है कि क्या निगम के फरमान के अनुसार 31 जनवरी से पहले ये सभी व्यवसायी अवैध निर्माण को हटा लेंगे?
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