दीपावली, काली पूजा, धनतेरस और छठ पूजा को लेकर सिलीगुड़ी के बाजार में भीड़भाड लगातार बढ़ती जा रही है. बाजार और सड़कों पर चहल-पहल देखी जा रही है. दुकानदार सुबह ही दुकान खोलकर बैठ जाते हैं. कपड़ों की दुकानों से लेकर बर्तन, साड़ी और अन्य दुकानों में दुकानदार ग्राहकों की प्रतीक्षा में बैठे रहते हैं. यह कयास लगाया जा सकता है कि बाजार में भीड़ है तो खरीददारी भी बढी होगी. लेकिन वास्तविकता कुछ और है.
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि खरीदार आते हैं और मोल तोल करके चले जाते हैं. खरीदीदारी तो होती ही नहीं है. थोड़ी बहुत खरीदारी होती है लेकिन वह अन्य दिनों की तरह ही. दीपावली, छठ पूजा, धनतेरस, काली पूजा त्यौहार को देखते हुए उस तरह की खरीददारी नहीं हो रही है. महावीर स्थान, रेल गेट के नजदीक कपड़ों की कई दुकानें हैं. इन दुकानों में कभी त्यौहार के मद्देनजर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती थी. पर आज आलम यह है कि उसी रास्ते से खरीददार गुजरते हैं. दुकान में झांक ताक करते हैं. और फिर चले जाते हैं.
विडंबना यह है कि कई दुकानदारों ने अपने कर्मचारियों को ग्राहकों को दुकान में लाने की ड्यूटी लगा रखी है. केवल कपड़े ही नहीं बल्कि सभी चीजों की बिक्री त्यौहार के अनुसार नहीं हो रही है. इसलिए कहीं ना कहीं दुकानदार भी निराश दिख रहे हैं. कुछ दुकानदारों को लगता है कि दो-चार दिनों के बाद खरीददारी बढ़ सकती है. हालांकि कई दुकानदार यह भी कहते हैं कि ऑनलाइन मार्केटिंग ने उनकी दुकानदारी को चौपट करके रख दिया है. ग्राहकों को घर बैठे सामान मिल जाता है. इसमें उन्हें संतोष नजर आता है. हाल के दिनों मे ऑनलाइन मार्केटिंग का क्रेज बढ़ा है.
विभिन्न कंपनियों के उत्पाद थोक दाम पर मिल जाते हैं. ग्राहकों की रुचि का भी ध्यान रखा जाता है. अगर ग्राहक को वस्तु पसंद नहीं आए तो माल रिटर्न करने का भी विकल्प रहता है. ग्राहक को लगता है कि एक तो कंपनी रेट पर माल मिल रहा है. दूसरे में उनकी पसंद का और तीसरा पसंद नहीं आने पर माल वापस करने की भी सुविधा रहती है. जबकि बाजार में कोई भी सामान लेने पर अधिकांश दुकानों पर मोलतोल करना पड़ता है. इसमें ग्राहकों के ठगे जाने का भी अंदेशा रहता है.
सूत्रों ने बताया कि सिलीगुड़ी, समतल और पहाड़ के बाजारों में उपभोक्ताओं में ऑनलाइन खरीदारी की दिलचस्पी बढ रही है. इसलिए बाजारों में भीड़भाड़ के बावजूद खरीददारी नहीं बढ़ी है. सिलीगुड़ी, कर्सियांग, दार्जिलिंग और सभी छोटे बड़े इलाकों में ऑनलाइन मार्केटिंग की पहुंच बढ़ने से उपभोक्ताओं का बाजार के प्रति आकर्षण कम होता जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग, कर्सियांग आदि इलाकों में रोजाना ट्रक के ट्रक ऑनलाइन मार्केटिंग का सामान पहुंच रहा है. पहले सिलीगुड़ी में ऑनलाइन का उतना आकर्षण नहीं था लेकिन जब से उपभोक्ताओं में जागरूकता आई है, वह ऑनलाइन मार्केटिंग में दिलचस्पी लेने लगे हैं.
सिलीगुड़ी के महिला पुरुषों और यहां तक कि बच्चों ने भी ऑनलाइन मार्केटिंग को अपनाया है. कंपनियों ने ग्राहकों को अधिक से अधिक सुविधाएं दी है. 4 से 5 दिनों में उन्हें सामान मिल जाता है. बाजार से भी कम रेट पर और उनकी पसंद का सुंदर सामान मिलने पर वे यह सोचते हैं कि बाजार जाने से क्या लाभ! वे बाजार मोलतोल के लिए जाते हैं और फिर उसके अनुसार app डाउनलोड करके वस्तु और वस्तु का मूल्य तलाश करते हैं. सस्ता लगने पर फौरन ऑर्डर कर देते हैं.
बहरहाल ऑनलाइन मार्केटिंग ने दुकानदारों के व्यवसाय को काफी प्रभावित किया है. व्यवसाईयों को उम्मीद रहती है कि त्यौहारों के समय उनकी बिक्री बढ़ेगी. लेकिन त्यौहार का उनकी दुकानदारी पर कोई असर नहीं पा रहा है. फिर भी अनेक दुकानदार उम्मीद में बैठे हैं कि शायद रविवार या सोमवार से खरीददारी बढ़ेगी. सिलीगुड़ी के बाजार का वर्तमान में यही हाल है इसलिए अगर बाजार में भीड़भाड़ है, तो इसका यह मतलब नहीं है कि दुकानदारों की कमाई हो रही है.
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