क्या सिलीगुड़ी शहर दूसरा पंजाब बनने जा रहा है? यह सवाल इसलिए है कि यहां लगभग रोज ही नशीले पदार्थों की बरामदगी होती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी शहर के कोने-कोने में नशीले पदार्थों की चोरी छिपे बिक्री होती है. शहर के कई इलाके नशे के मामले में काफी बदनाम हो चुके हैं. शहर में कैरियर या एजेंट के जरिए नशे की खेप दुकानों पर पहुंचाई जाती है. या नशे के सौदागरों के कुछ खास लोग सिलीगुड़ी शहर के विभिन्न भागों में नशीले पदार्थों को छिपा कर ले जाते हैं. यह इतने उस्ताद होते हैं कि पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के हमेशा नए-नए स्वांग रचते रहते हैं. यह लोग नशीले पदार्थों को ऐसी ऐसी जगह अथवा इस तरह से छिपाकर ले जाते हैं कि किसी को भी संदेह नहीं हो.
सिलीगुड़ी में नशीले पदार्थों की बिक्री अत्यंत गुप्त रूप से की जाती है. जिसके बारे में केवल नशेडियों को ही पता होता है. विक्रेता भी पकड़े जाने के डर से केवल नियमित ग्राहक अथवा नशेड़ी की पहचान करके ही नशीले पदार्थ बेचते हैं. सूत्रों ने बताया कि दार्जिलिंग मोड, गुरुंग बस्ती, प्रधान नगर समेत सिलीगुड़ी नगर निगम के कई वार्ड और अगर यह कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा कि शहर में लगभग सभी जगह नशेड़ी और नशीले पदार्थों की बिक्री देखी जा सकती है. जब तक पुलिस के पास शिकायत दर्ज नहीं कराई जाती तब तक पुलिस भी उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेती है.
जब सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस को अपने सूत्रों से पुख्ता जानकारी मिलती है, तभी पुलिस उनकी धर पकड़ में लग जाती है. गुप्तचर के पास सारी जानकारी होती है. वह पुलिस को सूचना देते हैं.इसके बाद पुलिस और एसटीएफ के जवान पूरी तैयारी करके अभियान चलाते हैं और इस तरह से लोगों के बीच नशीले पदार्थों की बरामदगी की खबर सामने आती है. सूत्रों ने बताया कि पुलिस को जब तक अपने सूत्रों पर भरोसा नहीं हो, तब तक वह ऐसे मामलों में हाथ नहीं डालती.
भारत में पंजाब एक ऐसा राज्य है, जहां के युवा नशीले पदार्थों का अत्यधिक सेवन करते हैं और अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं. घर परिवार की जिम्मेदारी से दूर युवा नशे में डूबे रहते हैं. यहां अपराध भी फल फूल रहे हैं. सीमा पार से नशे की तस्करी होती है. पंजाब के युवाओं के भविष्य को बचाने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर काफी पहल की गई. लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा है. अब ऐसा लगता है कि कमोबेश यह स्थिति सिलीगुड़ी शहर में भी बनती जा रही है.
सिलीगुड़ी शहर पश्चिम बंगाल के प्रमुख शहरों में गिना जाता है. लेकिन यह अत्यंत महत्वपूर्ण शहर भूटान, नेपाल,बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से घिरा है. पूर्वोत्तर का मुख्य द्वार कहा जाने वाला सिलीगुड़ी शहर इन दिनों नशे के ढेर पर बैठा नजर आ रहा है. ऐसा कोई भी दिन नहीं बीतता जब सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों से नशीले पदार्थों की बरामदगी पुलिस नहीं करती. लोकसभा का चुनाव इन क्षेत्रों में बीतने के साथ ही एक बार फिर से नशीले पदार्थों का धंधा यहां जोर पकड़ चुका है.
महज तीन-चार दिनों में ही सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस और एसटीएफ के जवानों ने नशीले पदार्थों की भारी बरामदगी की है और अलग-अलग मामलों में एक से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. आज सिलीगुड़ी थाना की पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर अभियान चलाकर चार व्यक्तियों के कब्जे से लगभग अवैध कफ सिरप की 100 बोतलें बरामद की है. पकड़े गए लोगों में से दो लोग मालदा के हैं और दो लोग जलपाईगुड़ी जिले के निवासी हैं. 3 मई को घोषपुकुर पुलिस ने एक अभियान चलाकर फांसीदेवा इलाके से एक बस को रोक कर उसकी छत पर रखी चनाचूर के बोरों में छुपा कर सिलीगुड़ी ले जायी जा रही लाखों रुपए की अवैध शराब पकड़ी. पुलिस ने बस चालक और सहचालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
5 मई को माटीगाड़ा पुलिस और एसटीएफ के जवानों ने फांसीदेवा अंडरपास के नजदीक एक पिकअप वैन को रोका. उसकी तलाशी में पुलिस ने पिकअप वैन के एक विशेष चैंबर से 28 पैकेट गांजा बरामद किया, जिसका बाजार मूल्य लाखों का बताया जा रहा है. गांजे का कुल वजन 140 किलो बताया जा रहा है. पुलिस ने सुजान देवनाथ नामक एक 27 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया. सुजान देवनाथ दिनहटा कूचबिहार का रहने वाला है. वह गांजे को बिहार में बिक्री के लिए ले जा रहा था. माटीगाडा पुलिस को एक गोपनीय सूचना मिली. इसके बाद माटीगाड़ा पुलिस ने सादी वर्दी में एसटीएफ के जवानों के साथ फांसीदेवा के नजदीक पिकअप को रोका और तलाशी के बाद गांजा बरामद किया.
5 मई को ही सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट की पुलिस ने फुलबारी इलाके में साइकिल के पुर्जे लगे एक ट्रक से प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद की है. गांजा को ट्रक में भरकर पंजाब से अगरतला लाया जा रहा था. एसटीएफ और एनजेपी थाना को सूत्रों ने ट्रक में गांजा होने की जानकारी दी. इसके बाद एसटीएफ और एनजेपी थाना के संयुक्त पुलिस बल ने अभियान चला कर ट्रक से प्रतिबंधित कफ सिरप की 10000 बोतल बरामद की. पुलिस ने ट्रक चालक और सहायक चालक को गिरफ्तार कर लिया. ट्रक चालक पंजाब के रहने वाले हरदीप सिंह और मनजीत सिंह है.
दोनों को पुलिस ने आज जलपाईगुड़ी अदालत में पेश किया, जहां से दोनों को पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है. गांजा को साइकिल के पार्ट्स वाले डिब्बे में छिपा कर रखा गया था. पुलिस ने फुलबारी में ट्रक को रोक कर तलाशी अभियान चलाया था. कफ सिरप की कुल कीमत 22 लाख रुपए बताई जाती है. ऐसे और भी कई मामले हैं, जिनके आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि सिलीगुड़ी शहर दूसरा पंजाब बनने जा रहा है.
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