बहुत जल्द सिलीगुड़ी के लोगों को गैस पाइपलाइन से गैस मिलने जा रही है. घर-घर में मीटर लगेगा. यह गैस सुरक्षित और अधिक उपयोगी भी होगी. इसके साथ ही आए दिन गैस सिलेंडर में विस्फोट होने की घटनाओं से होने वाली अग्नि दुर्घटना में भी काफी कमी आएगी.
सिलीगुड़ी शहर आधुनिक शहर बनने की राह पर अग्रसर है.एक आधुनिक और स्मार्ट सिटी के लिए जिन सुविधाओं और संसाधनों की आवश्यकता होती है, सिलीगुड़ी शहर को वे सब धीरे-धीरे उपलब्ध हो रहे हैं. इस शहर का रफ्ता रफ्ता विकास हो रहा है. साधारण थिएटर की जगह पर मल्टीप्लेक्स या पीवी आर आ गए हैं. व्यावसायिक भवनों की जगह पर माॅल बनने लगे हैं. बड़े-बड़े आवासीय नगर बसने लगे हैं. सिलीगुड़ी के बिल्डरों ने शहर को काफी आबाद किया है. इसलिए इस शहर की सुंदरता दिखने भी लगी है.
हालांकि किसी भी शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा देने के लिए किन मानदंडों की आवश्यकता होती है, इसका कहीं कोई वैधानिक उल्लेख या मान्यता नहीं है. परंतु यह माना जाता है कि एक आधुनिक शहर में बिजली, पानी, केबल, रोड, गैस पाइपलाइन, बाजार, ट्रांसपोर्ट, परिवहन इत्यादि संसाधनों का आधुनिक विकास होना चाहिए. इस पैमाने पर सिलीगुड़ी शहर खरा उतरने लगा है. यहां बिजली के तार, केबल लाइन, पानी का पाइप, गैस पाइप सब कुछ जमीन के नीचे से बिछाया जा रहा है. एक आधुनिक शहर की यह विशेषता होती है.
सिलीगुड़ी शहर के अंतर्गत कम से कम 17 वार्डों में 199 करोड रुपए की लागत से अंडरग्राउंड विद्युत तार बिछाए जाने की योजना बनाई गई है. इस पर काफी समय से काम भी चल रहा है. पानी के पाइप लाइन भी जमीन के नीचे बिछाए जा रहे हैं. उधर गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि की ओर से कहा जा रहा है कि सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव से इस संबंध में बातचीत हो चुकी है और नगर निगम से अनुमति भी शीघ्र मिल जाने की उम्मीद है.
सूत्र बता रहे हैं कि सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से सिलीगुड़ी शहर को स्मार्ट सिटी अथवा आधुनिक शहर बनाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है और चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है. 1200 किलोमीटर में 47 किलोमीटर इलाके में पहले से ही पायलट प्रोजेक्ट के तहत कार्य शुरू हो चुका है. भानु नगर, ज्योति नगर इत्यादि इलाकों को चिन्हित किया गया है. पूरा काम संपन्न होने में 2 से 3 साल तक का वक्त लग सकता है.
सिलीगुड़ी शहर के अंतर्गत अभी भी अधिकतर इलाकों में गैस पाइपलाइन की पहुंच नहीं है. एक स्मार्ट सिटी में गैस पाइपलाइन के जरिए कनेक्शन को वरीयता दी जाती है. हो सकता है कि यह इसका पैमाना भी हो. जलपाईगुड़ी जिले में गैस पाइपलाइन बिछाने का काम पहले ही पूरा हो चुका है. अब सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में इसका विस्तार हो रहा है. गौतम देव चाहते हैं कि लोग घर-घर में गैस का कनेक्शन ले लें. इसके लिए सिलीगुड़ी नगर निगम सभी तरह से तैयारी में जुट गया है.
गौतम देव ने बताया कि छोटे-छोटे पिट बनाए जाएंगे. कुछ स्थानों पर 50 अथवा सौ मीटर के बाद खुदाई करनी होगी. राज्य सरकार ने एक एस ओ पी तैयार किया है. पूरे राज्य में यह काम शुरू कर दिया गया है. सिलीगुड़ी नगर निगम को गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जो प्रस्ताव भेजा था, उस पर सहमति मिल चुकी है. अब इस विषय को मेयर परिषद के सदस्यों की बैठक में रखा जाएगा. तत्पश्चात सिलीगुड़ी नगर निगम की बोर्ड मीटिंग में इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा.
सिलीगुड़ी में अग्नि दुर्घटनाओं में या तो शॉर्ट सर्किट का हाथ होता है या फिर लापरवाही से गैस जलाने और सिलेंडर में विस्फोट होने के कारण घर में आग लगती है. जबकि विशेषज्ञों के अनुसार इसके मुकाबले जमीन के नीचे से पाइप लाइन से गैस की आपूर्ति काफी सुरक्षित मानी जाती है. प्रत्येक घर में गैस पाइपलाइन कनेक्शन मिल जाए तो गैस लीक के कारण होने वाली अग्नि दुर्घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है. मजे की बात है कि इसमें खर्च भी कम होता है. हालांकि इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग 3 साल का समय लग जाएगा. इस तरह से अगर यह कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा कि अगले 3 साल में सिलीगुड़ी शहर स्मार्ट सिटी के रूप में नजर आएगा.
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