कोलकाता हाई कोर्ट के निर्देश पर चिटफंड मामले की जांच करने वाली एसपी तालुकदार कमिटी को निर्देश दिया गया है कि वह सिलीगुडी में एनेक्स कंपनी की नीलामी करके निवेशकों का पैसा जल्द से जल्द वापस करवाए. एसपी तालुकदार कमिटी ने कल भक्ति नगर थाना के अंतर्गत 40 नंबर वार्ड के इस्कॉन मंदिर रोड इलाके में स्थित एनेक्स चिट फंड कंपनी का कार्यालय और पार्किंग स्थल को नीलामी के लिए जब्त कर लिया है. एनेक्स कंपनी की संपत्ति को सेबी द्वारा नीलाम करके चिट फंड का शिकार हुए लोगों को उनका पैसा एसपी तालुकदार कमिटी वापस दिलाएगी.
सिलीगुड़ी में बहुत सारे लोगों का पैसा चिटफंड कंपनियों में फंसा है. उनमें से तो कई कंपनियां बंद हो चुकी है. शारदा, नारदा,रोज वैली जैसी चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है. रोज वाली घोटाला लगभग 15000 करोड रुपए का था. जबकि शारदा चिटफंड घोटाला लगभग 2500 करोड रुपए का था. 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इन दोनों कंपनियों ने निवेशकों का पैसा लेकर उन्हें बंद कर दिया था. निवेशकों को रकम कई गुना बढ़ाने का लालच दिया गया था. बाद में पैसा बटोर कर कंपनियां बंद कर दी गई.
2013 में जब बंगाल में इस चिटफंड कंपनी का घोटाला मामला सामने आया, इसके बाद से पूरे प्रदेश में यह मामला काफी तूल पकड़ने लगा. चिट फंड मामले में निवेशकों की ओर से लगभग 100 पीआईएल फाइल किया गया था. कोलकाता हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद 23 दिसंबर 2015 में कोलकाता हाई कोर्ट की जस्टिस मंजुला छिल्लर और जस्टिस जोमालिया बागची ने जस्टिस तालुकदार की नियुक्ति कर एक सदस्य समिति का गठन किया था. इस कमेटी को मामले की जांच कर चिट फंड कंपनी की संपत्ति जप्त करने तथा उसे नीलामी करके निवेश कर्ताओं को वापस करने के लिए कहा गया था. इसी क्रम में यह कार्रवाई की गई है.
अब सेवी इसकी नीलामी करेगी और लोगों का पैसा वापस लौटाएगी. सिलीगुड़ी में चिट फंड कंपनी एनेक्स की संपत्ति तो जप्त कर ली गई है. इससे निवेशकों की उम्मीद बढ़ गई है कि उनका पैसा वापस मिलेगा. परंतु क्या यह आसान है. सहारा का उदाहरण सामने है. यह मामला इतना पेचीदा है कि कई बार दिल्ली हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का फैसला निवेशकों के हित में आ चुका है. परंतु सच्चाई यही है कि आज भी सहारा के निवेशक परेशान हैं. अधिकांश लोगों का पैसा नहीं मिला है.
सिलीगुड़ी में एनएक्स चिटफंड कंपनी के ऊपर लगभग 400 करोड रुपए गबन का आरोप था. जाहिर है कि यह निवेश सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्र से ही आया होगा. काफी संख्या में सिलीगुड़ी के भी निवेशक होंगे, जिन्होंने यह उम्मीद ही छोड़ दी है कि उनका पैसा वापस मिलेगा. परंतु एनेक्स सील होने के बाद उन्हें लग रहा है कि उनका डूबा हुआ पैसा मिल जाएगा. हालांकि बंगाल में चिटफंड कंपनियों के घोटाले और पुराने अनुभव देखते हुए यह कहना जल्दबाजी होगा कि निवेशकों का पैसा वापस मिलेगा.
शारदा चिटफंड और रोज वैली घोटाले में लगभग 2500 करोड रुपए निवेशकों के फंसे हैं. इसमें सागौन कारोबार के बॉन्ड में निवेश करने पर 25 साल बाद 34 गुना रिटर्न देने का वादा किया गया था. जबकि आलू के बिजनेस में 15 महीने में ही रकम दोगुनी करने का लालच दिया गया था. इस क्रम में लगभग 10 लाख लोगों ने निवेश किया था. सुदीप्त सेन शारदा कंपनी की चेयरपर्सन थी. तृणमूल के राज्यसभा सांसद कुणाल घोष कंपनी की मीडिया डिवीजन के प्रमुख थे . 2013 में लोगों का पैसा समेटकर यह कंपनी बंद कर दी गई थी. इसके बाद सुदीप्ता लापता हो गई. 13 अप्रैल 2013 से उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका है.
आपको पता होगा कि आशीर्वाद और हॉलीडे मेंबरशिप स्कीम में पैसा लगाकर रकम कई गुणा करने का निवेशकों से वादा किया गया था. यह कंपनी करीब 1 लाख निवेशकों से करोड़ों रुपए वसूल कर लापता हो गई. आज तक निवेशकों का पैसा वापस नहीं मिला है. ऐसे में पुराने और तल्ख अनुभव को देखते हुए इसमें संदेह ही है कि एनेक्स चिटफंड कंपनी के कार्यालय को सील करने के बावजूद निवेशकों को पैसा वापस मिलेगा.
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