सावधान… सावधान… सावधान! सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, समतल और पहाड़ सभी क्षेत्रों में गर्मी और बढ़ने वाली है. धूप की तीखी किरणें आपका स्वागत करने वाली हैं. आप सोच रहे होंगे कि बरसात के महीने में यह कैसा मौसम है! यह मौसम चकरा देने वाला है. क्योंकि कुछ दिनों में दुर्गा पूजा शुरू होगी. उस दौरान यहां जमकर बारिश हो सकती है. मौसम विभाग के ताजा अपडेट में कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी में फिर से निम्न दबाव बन रहा है. आखिर ऐसा क्या हो गया कि इंद्रदेव सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल पर मेहरबान नहीं हो रहे. सिलीगुड़ी के लोग इसे लेकर क्या महसूस करते हैं, खुद संतोष से सुनिए.
सिलीगुड़ी के संतोष एक हफ्ते के लिए दिल्ली गए थे. जब वे दिल्ली से सिलीगुड़ी लौटे तो घर के आंगन में हरे-भरे पौधे सूख कर कांटा हो चुके थे. उन्हें आश्चर्य हुआ. दिल्ली गए थे, तब उनके पौधे लहलहा रहे थे. लेकिन दिल्ली से लौटे, 7 ही दिनों में पौधे सूख चुके थे. संतोष ने अपने जीवन में पहली बार ऐसा अनुभव किया था. इससे पहले भी वह दिल्ली अथवा देश के अन्य शहरों में जाते रहे थे. लेकिन कभी भी उनके घर के आंगन में लगे पौधे मुरझाए तक नहीं. उन्होंने तो सोचा था कि बरसात का मौसम है और सिलीगुड़ी में बरसात खूब होती है. मगर ऐसा नहीं हुआ और जो हुआ, वह उनकी सोच के विपरीत हुआ.
आमतौर पर दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों में अगस्त सितंबर तक बारिश हो जाती है. उसके बाद वहां भीषण गर्मी और सूरज की तपिश का सामना लोगों को करना पड़ता है. जबकि सिलीगुड़ी समेत पूरे उत्तर बंगाल में दुर्गा पूजा तक टूट कर बारिश होती रही है. कदाचित सिलीगुड़ी के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब 2024 में जून महीने को छोड़कर यहां बारिश हुई ही नहीं. जिस तरह से जून महीने में लगातार पूरे महीने बारिश हुई थी, उसके बाद यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि इस साल सिलीगुड़ी और पूरे बंगाल में बारिश रिकॉर्ड तोड़ देगी. खुद मौसम विज्ञान भी मौसम के इस बदलाव से हैरान है.
संतोष ने बताया कि सिलीगुड़ी में जो मौसम होना चाहिए, वह मौसम दिल्ली और एनसीआर में शिफ्ट हो गया था. जब तक वह दिल्ली में थे, उन्होंने गर्मी की अनुभूति नहीं की. उस दौरान बूंदाबांदी से लेकर रिमझिम बारिश भी हुई और मौसम कूल कूल हो गया. जबकि इस दौरान सिलीगुड़ी और पहाड़ का मौसम काफी गर्मी और उमस से भरा रहा. इस तरह से दिल्ली का मौसम सिलीगुड़ी और बंगाल में शिफ्ट हो गया है. मौसम में अचानक बदलाव और बारिश का नहीं होना मौसम वैज्ञानिकों के लिए चिंता का कारण है. न केवल समतल में ही बल्कि पहाड़ में भी गर्मी आग उगल रही है. यहां तक कि कालिमपोंग और दार्जिलिंग जैसे पहाड़ी इलाकों में भी लोगों को पंखा चलाना पड़ रहा है.
पहाड़ में गर्मियों में 20 डिग्री से लेकर 25 डिग्री तक तापमान देखा जाता है. लेकिन इस बरसात के मौसम में दार्जिलिंग का अधिकतम तापमान 26.02 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मैदानी इलाकों से जो लोग पहाड़ी क्षेत्र की ओर जा रहे हैं, उन्हें भी राहत नहीं मिल रही है. जिस तरह से अलीपुर मौसम विभाग का पूर्वानुमान है, उसके अनुसार वर्तमान में सिलीगुड़ी की गर्मी और आग उगलती रहेगी. अगले तीन से चार दिनों तक धूप और गर्मी इसी तरह जारी रह सकती है अथवा इसमें और ज्यादा इजाफा हो सकता है. एक दिन पहले सिलीगुड़ी में मौसम में थोड़ा बदलाव देखा गया. आसमान में बादल छा गए. ऐसा लगा जैसे वर्षा होगी, लेकिन कुछ ही देर में मौसम साफ हो गया. हवाओं ने बादल को उड़ा लिया.
सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल में गर्मी और तीखी धूप का आलम यह है कि सिलीगुड़ी और जलपाईगुड़ी से गुजरने वाली छोटी बड़ी नदियों का पानी सूख चुका है. मवेशी, जानवर और पक्षी पानी की तलाश में भटक रहे हैं. सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल में मौजूदा गर्मी और तीखी धूप को लेकर हालांकि वैज्ञानिकों ने अपना अपना तर्क दिया है, परंतु इसमें कम आश्चर्य की बात नहीं है कि पहली बार सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल को बरसात के दिनों में गर्मी, तेज धूप का सामना करना पड़ रहा है. मौसम विभाग के सिक्किम के केंद्रीय निदेशक गोपीनाथ राहा के अनुसार उत्तर बंगाल पर मानसून अक्ष का पूर्वी किनारा अब नही रहा है. इसके अलावा स्पष्ट निम्न दबाव इस समय मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्र पर है. इसलिए उत्तर बंगाल में बादलों की आवाजाही नहीं हो रही है.
मौसम विभाग के केंद्रीय निदेशक गोपीनाथ राहा ने बताया कि अगले चार-पांच दिनों तक तापमान में और बढ़ोतरी हो सकती है. सिक्किम में छिटपुट बारिश तो हुई है लेकिन गर्मी वहां भी ज्यादा देखी जा रही है. इस बीच मौसम विभाग का ताजा अपडेट सामने आया है. उसके अनुसार दुर्गा पूजा के दौरान सिलीगुड़ी और पूरे बंगाल में जोरदार बारिश हो सकती है. लेकिन फिलहाल यहां बारिश की दूर-दूर तक संभावना नहीं है.
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