एक समय सिलीगुड़ी का झंकार मोड़ असामाजिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र होता था. बहुत पहले यहां हत्या और लूट की कई घटनाएं घट चुकी है. लेकिन जैसे-जैसे इलाके का विकास होता गया, स्थिति में भी बदलाव आता गया.झंकार मोड़ के बगल में ही कोयला डिपो है, जो एक जमाने में कुख्यात रहा है.सामने विवेकानंद रोड है ,जहां देर रात तक असामाजिक तत्व सक्रिय रहते हैं. समय के साथ यहां बदलाव भी हुआ है.लेकिन जब तब असामाजिक तत्वों के द्वारा अपराध की कोई ना कोई घटना सुनने को मिल ही जाती है.
इन दिनों सिलीगुड़ी का झंकार मोड एक व्यक्ति की हत्या की घटना से झंकृत है. यहां एक टोटो चालक की देर रात गला दबाकर हत्या करने का टोटो चालक के परिवार वालों की तरफ से आरोप लगाया गया है. खालपारा पुलिस ने इस संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार कर रिमांड में लिया है. आरंभिक पुलिस सूत्रों और मृतक के परिवार वालों द्वारा दिए गए बयान के आधार पर झंकार मोड हत्याकांड के पीछे का कुछ कडवा सच इस प्रकार सामने आया है.
34 वर्षी देवभानु भूति सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत 4 नंबर वार्ड में अपने परिवार के साथ रहता था. वह टोटो चलाकर घर चलाता था. सिलीगुड़ी नगर निगम के इसी वार्ड में सिंटू कुमार भी रहता था. दोनों के बीच गहरी दोस्ती थी. आपस में उठ बैठ के अलावा लेनदेन के मामले भी वे एक दूसरे से साझा करते थे. दोनों दोस्तों का एक दूसरे के घर आना-जाना भी था. दोनों घंटो एक दूसरे के घर बिताते थे. उनकी दोस्ती इतनी गहरी थी कि आसपास के लोग इसका उदाहरण भी दिया करते थे. परंतु बड़े बुजुर्गों ने ठीक कहा है कि किसी के साथ ज्यादा दोस्ती और ज्यादा दुश्मनी दोनों ही खतरनाक होती है. इससे बचना चाहिए.
पिछले कुछ समय से दोनों दोस्तों के बीच कुछ खटपट रहने लगी थी. किस बात को लेकर दोनों एक दूसरे से नाराज रहते थे, यह पता नहीं चला. परंतु एक दिन सिंटू कुमार दारू पीकर दारू के नशे में देव भानु भूति के घर पहुंच गया और उसे भला बुरा कहने लगा.देव भानुभूति उसे समझाता रहा. लेकिन सिंटू कुमार पर नशा इस कदर सवार था कि वह आपे में ही नहीं था. जो मन में आया, बका और देवभानुभूति को देख लेने तक की धमकी देकर वापस घर लौट आया. यह घटना लगभग 20 दिन पहले की है.
घटना के दिन एक योजना बनाकर सिंटू कुमार झंकार मोड फ्लाईओवर के नीचे अपने कुछ दोस्तों के साथ बैठा देवभानुभूति के वहां से गुजरने का इंतजार कर रहा था. रात का समय था. जैसे ही देव भानु अपना टोटो लेकर वहां से गुजरने लगा, तभी सिंटू कुमार की नजर उसे पर पड़ी. सिंटू कुमार ने देव भानु को रोका और कहा कि मुझे तुमसे कुछ बात करनी है.उसके बाद घर चले जाना. देवभानुभूति को सिंटू कुमार के इरादे नेक नहीं लग रहे थे. इसलिए वह वहां रुकना नहीं चाहता था और घर लौट जाना चाहता था.
मृतक देव भानुभूति के घर वालों की ओर से आरोप लगाया गया है कि जब देव भानुभूति टोटो लेकर वहां से घर लौटने लगा, तभी सिंटू कुमार ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसके साथ मारपीट शुरू कर दी. सिंटू कुमार और उसके लोगों ने देव भानु को बुरी तरह पीटा. जब देव भानु मरणासन्न की स्थिति में पहुंच गया, तब सिंटू कुमार ने उसका गला दबा दिया. कुछ देर तक देवभानुभूति तड़पता रहा. फिर वह शांत पड़ गया. सिंटू कुमार को लगा कि देवभानु मर चुका है. यह एहसास होते ही वह अपने दोस्तों के साथ वहां से फरार हो गया.
बाद में इस घटना की जानकारी आसपास के लोगों को हुई तो उन्होंने देव भानु को पहचान लिया और उसके घर सूचना भेज दी. तुरंत ही घर वाले मौके पर पहुंच गए. वे बुरी तरह घायल और मरणासन्न की स्थिति में पहुंच चुके देव भानु को सिलीगुड़ी जिला अस्पताल ले गए और वहां अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां इलाज के दौरान डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस बीच खालपाड़ा पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी. मृतक के परिवार की ओर से खालपाड़ा पुलिस चौकी में FIR दर्ज कराई गई. जिसमें सिंटू कुमार और कुछ अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया. खालपाड़ा पुलिस चौकी ने इस हत्याकांड में सिंटू कुमार और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर आज सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया, जहां से पुलिस ने दोनों को रिमांड में ले लिया है.
अब देखना होगा कि पुलिस की विस्तृत पूछताछ में क्या सच्चाई सामने निकल कर आती है. पुलिस आरोपियों से यह सच्चाई पता करना चाहती है कि आखिर सिंटू कुमार और मृतक के बीच किस बात को लेकर झगड़ा हुआ था, जिससे दोनों के बीच इस कदर दुश्मनी हो गई कि सिंटू कुमार ने उसकी हत्या तक कर दी. पुलिस ने अपनी इन्वेस्टिगेशन तेज कर दी है. जल्द ही सच्चाई सामने आने की उम्मीद है.
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