November 17, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी का विधान मार्केट: कहीं आप ‘भूलभुलैया’ में तो नहीं जा रहे!

भूलभुलैया प्रकोष्ठों और मार्गो का ऐसा जाल है, जो भ्रम में डाल देता है तथा जिसके कारण व्यक्ति को निकास मार्ग का ज्ञान होना कठिन होता है. भारत में लखनऊ के नवाब वजीर आसफुददौला ने 1784 ईस्वी में इमामबाड़ा नामक एक भवन का निर्माण करवाया था. जिसमें भूल भुलैया का एक भारतीय नमूना भी है. लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन से करीब 4 किलोमीटर दूर स्थित यह भूलभुलैया पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. लेकिन हम उस भूल भुलैया की बात नहीं कर रहे हैं.

सिलीगुड़ी में भी एक भूल भुलैया है, जो भूल भुलैया के शाब्दिक अर्थ को परिभाषित भी करता है. बहुत कम लोगों का ध्यान इस ओर गया होगा. लेकिन नए लोगों के लिए तो यह भूल भुलैया ही है. बात हम विधान मार्केट की कर रहे हैं. सिलीगुड़ी का विधान मार्केट किसी भूल भुलैया से कम नहीं है. अगर आप नए हैं और विधान मार्केट में प्रवेश कर रहे हैं तो आपको पता ही नहीं चलेगा कि किस मार्ग से होकर जा रहे हैं और वह मार्ग आपको कहां लेकर जाएगा. विधान मार्केट के एक तरफ कंचनजंगा स्टेडियम के रास्ते पानी टंकी मोड तक सड़क निकलती है, तो दूसरी तरफ सेवक मोड तक विधान मार्केट के संपर्क में रहता है. फिर सेवक मोड से लेकर हिलकार्ट रोड हाशमी चौक तक सड़क का महत्वपूर्ण भाग भी विधान मार्केट के संपर्क में है.

सिलीगुड़ी का विधान मार्केट एक थोक बाजार के रूप में देखा जाता है. यह बहुत बड़ा बाजार है. इस मार्केट में थोक दर पर कोई भी वस्तु खरीद सकते हैं. कहा जाता है कि विधान मार्केट में सब कुछ मिलता है. एक सुई से लेकर तलवार तक भी विधान मार्केट में देख सकते हैं. यहां भारतीय और चीन का भी माल बिकता है. विधान मार्केट के एक छोर पर सब्जियों की बहुत बड़ी मंडी भी है. विधान मार्केट के अंतर्गत दर्जनों छोटे बड़े बाजार और स्थान आते हैं. जैसे हांगकांग मार्केट, सेठ श्री लाल मार्केट और दर्जनों छोटे-छोटे स्थान हैं. इन्हें व्यापारियों ने अपनी सुविधा के हिसाब से उनके अलग-अलग नाम दे दिए हैं. इसी तरह से विधान मार्केट के अंदर दर्जनों छोटे-छोटे उपमार्ग और ख॔ड हैं. जो हिलकार्ट रोड, विधान रोड, सेवक रोड, कंचनजंगा स्टेडियम के केषटो पाल मोड पर निकलते हैं.

सिलीगुड़ी का विधान मार्केट विधान रोड के विपरीत भाग में भी फैला हुआ है. यह हाकिमपाड़ा का भाग कहलाता है. खैर हम विधान मार्केट के मुख्य स्थल की ही बात कर रहे हैं. अगर आप एक नए व्यक्ति हैं और खरीददारी करने के लिए आए हैं तो मार्केट में प्रवेश करते ही जिस मार्ग पर आगे बढ़ेंगे और वह मार्ग वापस आपको वहां लेकर आएगा, जहां से आपने प्रवेश किया था, यह आसान नहीं है. विधान मार्केट में पहली बार खरीदारी करने आए लोगों का अनुभव कुछ ऐसा ही है. खरीदारी करने वाले कई लोगों ने बताया कि जब उन्होंने हिलकार्ट रोड से प्रवेश किया तो वापसी के क्रम में विधान मार्केट रोड ऑटो स्टैंड पहुंच गए. कुछ लोग सेवक रोड से घुसे तो हिलकार्ट रोड निकल गए. कुछ सेवक मोड़ से बाजार के अंदर गए और हाशमी चौक तक निकल गए.

सिलीगुड़ी के एक विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र रोहित ने बताया कि उसने केषटोपाल प्रतिमा के सामने वाली सड़क से विधान मार्केट में प्रवेश किया था. रोहित कंचनजंगा स्टेडियम के पास ही एक गली में रहता है. उसने कहा कि खरीदारी करके जब वह बाजार से निकलने लगा तो जिस मार्ग पर वह चला था, वह सीधे उसे हिलकार्ट रोड ले गया. फिर उसने किसी से पूछ कर और कई चक्कर लगाकर वापस केषटो पाल मूर्ति तक वापस लौटा. इसी तरह से शक्तिगढ निवासी राम भजन को भी ऐसी ही अनुभूति हुई है. पहली बार विधान मार्केट में बाजार करने आए थे.उसने सेवक रोड से विधान मार्केट में एंट्री ली थी. लेकिन जब वह सामान खरीद कर वापस लौटने लगा तो हाशमी चौक पहुंच गया.

विधान मार्केट के अंदर छोटी-छोटी दुकानें हैं. जो मार्केट के अंदर छोटे-छोटे उपमार्गों पर दोनों तरफ स्थित है. जब भी ग्राहक विधान मार्केट में बाजार करने जाता है तो छोटी बड़ी दुकानों को देखने और चकाचौंध के क्रम में ही वह रास्ता भटक जाता है.एक बार गलत रास्ते पर चल पड़ने पर उसकी निकासी तो गलत रास्ते पर ही होगी. आप सही मार्ग पर जा रहे हैं अथवा गलत मार्ग पर यह पता ही नहीं चलता है विधान मार्केट में भटकाव ज्यादा है. खासकर नए लोग तो एक बार इस मार्केट की भूल भुलैया में जरूर फंस कर रह जाएंगे. जो लोग विधान मार्केट के चप्पे-चप्पे से वाकिफ है, उनके लिए विधान मार्केट भूल भुलैया नहीं है. लेकिन अगर आप नए हैं तो आपके लिए लखनऊ की भूल भुलैया से यह कम रोमांचक नहीं है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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