December 22, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल राजनीति सिलीगुड़ी

कोलकाता से दिल्ली तक गोरखालैंड के नारे!

धीरे-धीरे गोरखालैंड के नाम पर पहाड़ एकजुट होने लगा है. चर्चा है कि पहाड़ के एक निवासी ने गोरखालैंड के समर्थन में आमरण अनशन करने की जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति मांगी है. पहाड़ के नौजवानों में भी अलग गोरखालैंड राज्य को लेकर एक जोश दिखाई दे रहा है. पहाड़ के राजनीतिक और क्षेत्रीय संगठन इस मुद्दे को लगातार उछाल रहे हैं और नौजवानों में जोश भर रहे हैं.

पहाड़ के स्थानीय राजनीतिक दल, संगठन और नागरिक सभी गोरखालैंड के नाम पर आपसी मनमुटाव और भेद मिटाकर गोरखालैंड के बैनर के आगे एकत्र होने लगे हैं. दिल्ली में गोरखालैंड और पहाड़ में स्थाई राजनीतिक समाधान के लिए जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन चल रहा है. जंतर मंतर से गोरखालैंड के समर्थकों द्वारा भारत की संसद में गोरखालैंड की आवाज पहुंचाई जा रही है तो दूसरी ओर बंगाल विधानसभा में भी गोरखालैंड की आवाज गूंजने लगी है.

ऐसा पहली बार हुआ है जब राज्य विधानसभा के साथ-साथ देश की संसद में गोरखालैंड और गोरखा लोगों की समस्याओं का राजनीतिक समाधान निकालने की मांग में पहाड़ की सभी पार्टियां भाजपा समेत एकजुट हो रही है. इस बार का आंदोलन पिछले बार 2017 के आंदोलन से कुछ भिन्न है. क्योंकि पिछले गोरखालैंड आंदोलन में विमल गुरुंग और विनय तमांग का नेतृत्व था. लेकिन इस बार गोरखालैंड को पहाड़ के नागरिकों का आंदोलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है. विमल गुरुंग और दूसरे गोरखा नेताओं ने तो बकायदा सरकार को अल्टीमेटम दे रखा है.

कल तक गोरखालैंड को लेकर भाजपा के नेता मुखर नहीं हो रहे थे. परंतु अब गोरखालैंड के नाम पर पहाड़ के भाजपा विधायक भी पार्टी लीक से हटकर गोरखालैंड के नाम पर एकजुट हो रहे हैं. पहाड़ के भाजपा विधायक पर राज्य भाजपा नेतृत्व और सांसद राजू बिष्ट का नियंत्रण नहीं रहा. भाजपा विधायक बी पी शर्मा तो पहले से ही गोरखालैंड के समर्थन में राजू बिष्ट से लगभग दूरी बना चुके हैं. अब सुनने में आ रहा है कि उत्तर बंगाल के एक और भाजपा विधायक ने भी राजू बिष्ट को उंगली दिखाना शुरू कर दिया है. विष्णु प्रसाद शर्मा ने तो राज्य विधानसभा में गोरखालैंड के नाम पर हल्ला बोल दिया है.

शुक्रवार को मानसून सत्र के अंतिम दिन कर्सियांग के भाजपा विधायक विष्णु प्रसाद शर्मा ने सत्र के आरंभ में ही गोरखालैंड के पक्ष में नारे लगाने शुरू कर दिए. उस समय विधानसभा में दूसरे दलों के विधायक और नेता भी हैरान रह गए जब विष्णु प्रसाद शर्मा गोरखालैंड के पक्ष में नारे लगाते हुए विधानसभा परिसर के फर्श पर ही बैठ गए और जोर-जोर से नारे लगाने लगे. बाद में विष्णु प्रसाद शर्मा ने मन की भड़ास निकालते हुए पत्रकारों से कहा कि राजू बिष्ट और केंद्र सरकार ने गोरखा लोगों को धोखा दिया है. भाजपा के संकल्प पत्र में पहाड़ की 11 जाति को अनुसूचित जनजाति में परिणत करने और स्थाई राजनीतिक समाधान ढूंढने की बात कही गई है. लेकिन भाजपा ने अपना वादा पूरा नहीं किया. इसलिए उन्होंने गोरखालैंड की आवाज उठाई है.

विष्णु प्रसाद शर्मा ने कहा कि पहाड़ के दार्जिलिंग, कर्सियांग और कालिमपोंग क्षेत्रों तथा समतल और Dooars के कई क्षेत्रों को काटकर गोरखालैंड अलग राज्य बनना चाहिए. गोरखा लोगों की हमेशा से ही यही मांग रही है. उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पहाड़ के लोगों के साथ वादा किया था. लेकिन अभी तक वादा पूरा नहीं किया. अब पहाड़ के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि यही कारण है कि पिछले पंचायत चुनाव में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों की पहाड़ में बुरी हार हुई थी.

बताते चलें कि पंचायत चुनाव में सांसद राजू बिष्ट को पहाड़ के भाजपा विधायकों तथा अपने ही कुछ करीबी लोगों का समर्थन नहीं मिला था. जिस तरह से प्रचार होना चाहिए था वैसा भाजपा नहीं कर पाई थी. विष्णु प्रसाद शर्मा ने कहा कि हालांकि वह एक भाजपा विधायक हैं परंतु गोरखालैंड के मुद्दे पर गोरखालैंड के साथ हैं. वह अलग गोरखालैंड राज्य चाहते हैं. पहाड़ के हर एक नागरिक की यही आवाज है. उधर दिल्ली में भी गोरखालैंड के समर्थन में छोटे बड़े नेता राजधानी की जनता का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. इनमें नारी मोर्चा भी शामिल है.

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