पश्चिम बंगाल से जीते 12 भाजपा सांसदों में से 2 को मंत्री बनाया गया है. यह हैं सुकांत मजूमदार और शांतनु ठाकुर. सुकांत मजूमदार को शिक्षा मंत्रालय के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय भी दिया गया है. जबकि शांतनु ठाकुर ने जहाजरानी मंत्रालय में वापसी की है. मोदी सरकार मंत्रिमंडल 2 में भी शांतनु ठाकुर को यही मंत्रालय मिला था.
यह अलग बात है कि सुकांत मजूमदार सबसे कम वोटो के अंतर से जीते हैं, फिर भी उन्हें मंत्री बनाया गया है. पश्चिम बंगाल में राजनीतिक विश्लेषक इसे पचा नहीं पा रहे हैं. इसके साथ ही सुकांत मजूमदार के मंत्री बनने पर तरह-तरह की बाते भी हो रही है. सुकांत मजूमदार राज्य भाजपा के अध्यक्ष भी हैं. ऐसे में मंत्री बनने के साथ ही भाजपा के विधान के अनुसार उन्हें अध्यक्ष पद छोड़ना होगा. जिसके लिए राज्य भाजपा ने अध्यक्ष की तलाश शुरू कर दी है.
सुकांत मजूमदार प्रदेश भाजपा के तेज तरार नेताओं में गिने जाते हैं. अपने मंत्रालय का कार्यभार संभालने से पहले सुकांत मजूमदार दिल्ली में पूर्व सांसद दिलीप घोष के घर गए और उनका पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया. इसे लेकर प्रदेश भाजपा में हलचल शुरू हो गई है. कुछ लोग इसे पचा नहीं पा रहे हैं. क्योंकि पश्चिम बंगाल में सुकांत और शुभेंदु की जोड़ी के साथ दिलीप घोष का टकराव किसी से अछूता नहीं है.
पश्चिम बंगाल में लोकसभा प्रत्याशियों के चुनाव में यह टकराव साफ देखा गया था. अब बंगाल चुनाव में बीजेपी की हार के बाद राजनीतिक हल्को में शुभेंदु अधिकारी की भूमिका को लेकर आलोचना भी शुरू हो गई है. राजनीतिक विश्लेषक आज के घटनाक्रम, जब सुकांत मजूमदार दिलीप घोष के घर गए और उनका हाल जाना. इसके साथ ही उनका पैर छूकर आशीर्वाद लिया. को प्रदेश भाजपा में उठ रहे असंतोष को दबाने की एक रणनीति के तौर पर देख रहे हैं.
दिलीप घोष इस समय दिल्ली में ही है. भाजपा की कुछ महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है. उसी के लिए वह दिल्ली में है. सुकांत मजूमदार द्वारा दिलीप घोष का पैर छूना और उनसे आशीर्वाद लेने की सुगबुगाहट शुरू होते ही सुकांत मजूमदार ने सफाई में कहा है कि दिलीप घोष एक अनुभवी नेता है. मैंने उनसे राजनीति में बहुत कुछ सीखा है. इसलिए मैं उनसे मिलने आया हूं और उनका आशीर्वाद लेकर जा रहा हूं.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार बंगाल में पार्टी की करारी हार के बाद भाजपा को एकजुट करने की कोशिश की जा रही है. प्रदेश भाजपा के बड़े नेता अच्छी तरह जानते हैं कि बंगाल भाजपा में दिलीप घोष का कब सबसे बड़ा है. अगर दिलीप घोष को शांत नहीं किया गया तो पार्टी में टकराव बढ़ जाएगा. कुछ दिनों पहले ही उड़ती उड़ती यह खबर आई थी कि भाजपा सांसद सौमित्र खान तृणमूल कांग्रेस का दामन थामने वाले हैं.हालांकि सौमित्र खान ने अपनी सफाई में कहा कि वह भाजपा में ही हैं और भाजपा में ही बने रहेंगे. जानकार मानते हैं कि दिलीप घोष को मनाने के लिए सुकांत मजूमदार पहल कर रहे हैं. आज का घटनाक्रम उनकी रणनीति का एक हिस्सा हो सकता है.
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