October 14, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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3 दिन पहाड़ में रहेंगी CM! ममता बनर्जी का पहाड़ दौरा राजनीतिक रूप से कितना महत्वपूर्ण है!

The Chief Minister will spend three days in the mountains! How politically significant is Mamata Banerjee's visit to the mountains?

कदाचित यह पहला मौका है, जब ममता बनर्जी पहाड़ में तीन दिन रहकर यहां आपदा पीड़ितों की सेवा और सहयोग का मूल्यांकन और व्यवस्था स्वयं देखेगी. उत्तर बंगाल में त्रासदी के बाद कदाचित यह पहला मौका है, जब मुख्यमंत्री का एक ही हफ्ते में दो-दो बार उत्तर बंगाल दौरा हुआ है.

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद उत्तर बंगाल में समतल, पहाड़ और Dooars में पार्टी के कार्यकर्ता और नेता तथा प्रशासनिक अधिकारी आपदा प्रभावितों में जरूरत की सामग्री बांट रहे हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही पार्टी को कह रखा है कि आपदा प्रभावितों के सेवा भाव में किसी तरह की कोई कमी नहीं रखा जाए. भूस्खलन में मारे गए लोगों के आश्रितों को मुख्यमंत्री खुद अपने हाथों अपॉइंटमेंट लेटर भी दे रही हैं.

यूं तो मुख्यमंत्री सोमवार को ही कर्सियांग पहुंच गई थी. लेकिन मंगलवार से उनका प्रभावित क्षेत्रों में दौरा शुरू हुआ है. मंगलवार को अनित थापा के साथ और आज वह मिरिक के विभिन्न इलाकों में गई और प्रभावित इलाकों में राहत और पुनर्वास की स्थिति का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को भी सावधान किया है कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री ने मिरिक और सोरेनी बाजार के भूस्खलन प्रभावित परिवारों से मुलाकात, सहयोग, सांत्वना और नौकरी संदेश के बीच राज खजाने का मुंह खोल दिया है.

मुख्यमंत्री द्वारा पहाड़ में चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास के कार्यक्रम के अभियान से पहाड़ के लोग संतुष्ट भी नजर आ रहे हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आपदा पीड़ितों की सहायता के जरिये मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहाड़ के लोगों को यह संदेश देना चाहती हैं कि अगले चुनाव में उन्हें पहाड़ का साथ चाहिए और यही कारण है कि उनके सख्त निर्देश के बाद यहां के विभिन्न इलाकों में प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा सेवा और सहयोग लगातार जारी है. बुधवार को मुख्यमंत्री ने पुल बाजार, सुखिया पोखरी और आसपास के अन्य प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर स्थिति की समीक्षा की.

दार्जिलिंग आपदा में लगभग 950 करोड रुपए का जबरदस्त नुकसान हुआ है. हालांकि नुकसान का दायरा इससे कहीं ज्यादा है. क्योंकि यह प्रारंभिक रिपोर्ट है. गुरुवार को मुख्यमंत्री दार्जिलिंग में ही दार्जिलिंग और कालिमपोंग जिलों की संयुक्त प्रशासनिक बैठक करने वाली है. राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि इस बैठक में ममता बनर्जी बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान का आधिकारिक आंकड़ा जारी कर सकती हैं तथा एक राहत पैकेज की घोषणा भी कर सकती है.

सभी की निगाहें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की गुरुवार को होने वाली प्रशासनिक बैठक पर टिकी है. जहां वह उत्तर बंगाल खास कर पहाड़ के लिए एक महत्वपूर्ण राहत पैकेज जैसी घोषणा कर सकती है.उसके बाद मुख्यमंत्री सिलीगुड़ी लौट आएंगी. रात्रि विश्राम के बाद शुक्रवार को वह कोलकाता के लिए रवाना हो जाएंगी.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री का वर्तमान समेत भविष्य के उठाए जाने वाले हर कदम राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है. उनकी राजनीतिक आकांक्षा को एक नया आयाम देगा. हालांकि पहाड़ के आपदा पीड़ितों में उनका सहयोग और अनुदान बदले में उनका कितना राजनीतिक समर्थन कर पाएगा, यह बताना मुश्किल है.

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