अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो सिलीगुड़ी में एक और महानंदा ब्रिज नजर आएगा. यह ब्रिज हिलकार्ट रोड से सूर्यसेन पार्क वाले रास्ते से गुजरते हुए पायल अथवा आसपास किसी इलाके में सेवक रोड से मिलेगा. महानंदा नदी पर ही ब्रिज बनेगा और कुछ इस तरह से इसका डिजाइन किया जाएगा कि महानंदा पार करके गाड़ियां कम समय में सेवक रोड से होते हुए चेक पोस्ट तक पहुंचे. शहर के विस्तार और भीड़भाड़ को कम करने के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा यह पहल की जा रही है.
सिलीगुड़ी में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए हाल ही में सिलीगुड़ी नगर निगम और प्रशासन के द्वारा अवैध टोटो पर लगाम लगाने के साथ-साथ सड़क चौड़ीकरण और अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा है. इसका कुछ लोग विरोध भी कर रहे हैं तो अनेक लोग इसका स्वागत कर रहे हैं. अब सिलीगुड़ी नगर निगम ने छठा महानंदा ब्रिज बनाने की ओर कदम बढ़ाया है. सिलीगुड़ी नगर निगम कार्यालय में राइट्स के पदाधिकारियों के साथ मेयर गौतम देव ने चर्चा की है.
अगर हिलकार्ट रोड पर छठा महानंदा ब्रिज बनता है तो इसका सबसे ज्यादा लाभ सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 4, 5, 6, 7, 8 ,9, 31 एवं 32 के अलावा सिलीगुड़ी के लगभग सभी वार्डो के नागरिकों को होगा. वर्धमान रोड पर फ्लाईओवर का निर्माण काफी समय से चल रहा है. काम लगभग पूरा हो चुका है. थोड़ा बहुत काम रह गया है, जिसे दिसंबर तक पूरा कर दिया जाएगा. स्वयं सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने कहा है कि वर्धमान रोड फ्लाईओवर को दिसंबर में चालू कर दिया जाएगा. ऐसे में फ्लाईओवर से गुजरने वाली गाड़ियां बहुत कम समय में छठे महानंदा ब्रिज होकर चेक पोस्ट तक जा सकेंगी. सेवक रोड पर लगने वाले हर दिन के जाम से भी मुक्ति मिलेगी.
. सिलीगुड़ी नगर निगम की जैसी योजना है, उसके अनुसार दो संपर्क रास्तों का निर्माण किया जाएगा. एप्रोच रोड से हल्के वाहनों को ही गुजारा जा सकता है. पर इससे सिलीगुड़ी पर वाहनों का भार कम होगा. मेयर गौतम देव ने कहा है कि छठे महानंदा ब्रिज बनने से सिलीगुड़ी शहर पर कम से कम 800 गाड़ियों का भार कम होगा. हालांकि जानकार मानते हैं कि इसके लिए काफी फंड की आवश्यकता होगी, जो सिलीगुड़ी नगर निगम के पास है नहीं और राज्य सरकार भी वित्तीय समस्याओं से गुजर रही है.इसलिए यह सुनने में तो अच्छा लगता है. परंतु उसे मूर्त रूप देना उतना ही कठिन लगता है.
बर्दवान रोड पर जिस फ्लाई ओवर का निर्माण चल रहा है, झंकार मोड़ के पास और पेट्रोल पंप तक अभी निर्माण कार्य अधूरा है. फ्लाई ओवर के निर्माण कार्य पूरा होने में लगभग 100 करोड रुपए का खर्च आएगा. कुछ लोगों की माने तो सरकार के पास फंड की कमी है, जिसकी वजह से निर्माण कार्यों में तेजी नहीं आई है. सर्वप्रथम फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य पूरा हो. उसके बाद ही छठे महानंदा ब्रिज का सपना देखना चाहिए.
परंतु यह भी सच है कि मेयर गौतम देव ने राइट्स के प्रतिनिधियों के साथ न केवल इस विषय पर बैठक की है बल्कि उसकी निर्माण योजना को लेकर भी सकारात्मक बात हुई है. अब देखना होगा कि सिलीगुड़ी में छठे महानंदा ब्रिज की योजना मूर्त रूप लेती है या नहीं. इस पर काम शुरू भी होता है तो यह कब तक शुरू होगा, सवाल यह भी है.
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