आज नौजवानों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कम ही देखी जाती है.गलत जीवन शैली, आलस्य और गैर जिम्मेदारी की भावना ने नौजवानों को समय से पहले ही बीमार बना दिया है. ऐसे में कुछ नौजवान कुछ ऐसे कारनामे कर दिखाते हैं, जो न केवल युवाओं को प्रेरित ही करते हैं बल्कि समाज में स्वस्थ रहने का मजबूत संदेश भी दे जाते हैं.
जल ढाका के दो नौजवानों ने यह साबित कर दिखाया है.वे अपने कारनामों से नौजवानों को प्रेरित भी कर रहे हैं. ये दो नौजवान हैं नार्दर्न तमांग और उनका दोस्त अनुज शर्मा. कालिम्पोंग जिले के अंतर्गत भूटान सीमा पर स्थित जलढाका का क्षेत्र है. पहाड़ों के बीच स्थित यह एक छोटी सी घाटी है. यहां आबादी बहुत कम है. लेकिन यहां के लोग काफी मेहनती, साहसी और ईमानदार होते हैं. यहां के नौजवान अपने साहसिक कारनामों के लिए जाने जाते हैं.
लेकिन यह पहला मौका है जब इन दोनों पहाड़ी नौजवानों ने असंभव को भी संभव करके दिखाया है. सफलता के बाद उनकी चर्चा जोर-शोर से शुरू हो गई है. इन्हें किसी सितारे की तरह ही देखा जा रहा है. जलढाका के इन दोनों लालों ने जल ढाका से केदारनाथ तक की दूरी को दौड़कर पूरा करके एक मिसाल कायम की है. उनकी चर्चा चारों ओर हो रही है. क्योंकि जल ढाका से केदारनाथ की दूरी लगभग 1700 से 1800 किलोमीटर है.
कालिम्पोंग जिले के इन साहसिक नौजवानों ने 1700 से लेकर 1800 किलोमीटर की दूरी महज 44 दिनों मे पूरी की है. उन्होंने केदारनाथ की अपनी यात्रा 8 अप्रैल 2024 से शुरू की थी और 20 मई को दौड़ते हुए केदारनाथ पहुंच भी गए. नार्दन तमांग ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ लगातार 40 दिन तक दौड़ते रहे. लेकिन उन्हें थकान महसूस नहीं हुई. क्योंकि वे महादेव के भक्त भी हैं. उन पर महादेव की कृपा रही है.
नॉर्दन तमांग ने बताया कि जब उन्होंने गांववालों को अपना मिशन बताया तो उनका मजाक उड़ाया गया. यहां तक कि घर वालों ने भी इसे असंभव बताया. यार दोस्तों ने भी मजाक उड़ाया. लेकिन उन्होंने ठान लिया था कि किसी भी तरह मिशन को पूरा करना है. उन्होंने यह मिशन पूरा करके दिखाया है.
केदारनाथ में अपनी सफलता का जश्न मना रहे दोनों नौजवान अपनी सफलता पर काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि अपनी मंजिल पर पहुंचकर वे काफी खुश हैं.अब घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके मिशन में कई संस्थाओं ने योगदान दिया है. उन सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं. नॉर्दर्न तमांग ने कहा कि वह खासकर जल ढाका रनर टीम का धन्यवाद करते हैं, जिसने उन्हें काफी प्रोत्साहित किया है.
इन दोनों नौजवानों ने बताया कि वह एक साधारण परिवार से आते हैं. लेकिन बचपन से ही साहसिक कारनामे करने का जुनून रहा है. जब उन्होंने जल ढाका से केदारनाथ तक की यात्रा दौड़ कर पूरा करने के अपने इरादों के बारे में सगे संबंधियों, परिवार के लोगों और पड़ोसियों को बताया तो सभी ने मान लिया कि यह एक असंभव कार्य था. किसी ने भी उन्हें गंभीरता से नहीं लिया. लेकिन उनके दिल में एक चाहत थी. जुनून था. बस दृढ़ संकल्प संकल्प कर लिया और अपने पथ पर आगे बढ़ते रहे.
नॉर्दर्न तमांग और उनके दोस्त अनुज शर्मा ने बताया कि उन्होंने नेपाल से होकर अपनी यात्रा शुरू की थी. रास्ते में सभी लोगों का सहयोग मिला. प्रशासन, आम जनता सभी ने उनका सहयोग किया तथा उनका उत्साह बढ़ाया. उन्होंने कहा कि उनके इस मिशन का उद्देश्य रन फॉर हेल्थ है. दौड़ना स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है. यह मनुष्य को बीमारियों से दूर रखता है. आज के नौजवानों को वे यह बताना चाहते हैं.
विज्ञान कहता है कि दौड़ना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है. जो लोग नियमित रूप से दौड़ लगाते हैं, वह विभिन्न जीवन शैली संबंधित बीमारियों से दूर रहते हैं. चिकित्सक भी कहते हैं कि दौड़ना स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है. इससे मधुमेह जैसी बीमारियों पर भी रोकथाम होती है. साथ ही दिल और गुर्दे के रोग नहीं होते. बहरहाल पहाड़ के इन दोनों नौजवानों ने कम उम्र में ही वह कारनामा कर दिखाया है, जिसके बाद कालिम्पोंग जिला का जल ढाका सुर्खियों में है. कालिमपोंग अपने लाल का लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है.
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