पुलिस जनता की रक्षा के लिए वर्दी पहनती है. कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को सभी तरह के अधिकार प्राप्त हैं. जब पुलिस अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह ईमानदारी पूर्वक और निष्पक्षता के साथ करती है तो नागरिक अमन और चैन में दिन गुजारते हैं. लेकिन कभी-कभी पुलिस अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों का पालन नहीं करते हुए एक अपराधी अथवा बदमाश के चरित्र में नजर आती है तो एक व्यक्ति के चलते पूरा पुलिस महकमा बदनाम हो जाता है और जनता का भरोसा खोने लगता है. आज सिलीगुड़ी की फिजा में सिलीगड़ी पुलिस कमिश्नरेट के एक ऐसे पुलिस अधिकारी की चर्चा सुर्खियों में है, जिस पर एक युवती के साथ दुष्कर्म और उत्पीड़न का आरोप लगा है.
वर्तमान समय में सिलीगुड़ी समेत पूरे बंगाल में आरजीकर का मामला चल रहा है. लोग गुस्से में हैं. पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. परंतु अभी तक पीड़िता को इंसाफ नहीं मिला है. महिला सुरक्षा को लेकर सरकार से लेकर प्रशासन तक एकजुट हो रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस को विशेष अधिकार और निर्देश प्रदान कर रही हैं. महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आज सिलीगुड़ी में सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर सी सुधाकर के द्वारा पिंक मोबाइल वैन का उद्घाटन कर दिया गया. यह पिंक मोबाइल वैन दुर्गा पूजा के दौरान सिलीगुड़ी और आसपास की महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम करेगी.
एक तरफ तो महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम किया जा रहा है तो दूसरी तरफ जब यह खबर सुर्खियों में आती है कि सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट का एक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी इसलिए जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया, क्योंकि उस पर एक युवती के साथ दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था, इस खबर के बाद महिला सुरक्षा और पुलिस की कार्य शैली पर भी सवाल उठने लगे हैं. पुलिस के प्रति लोगों का भरोसा भी कम हो रहा है.
कोलकाता के आरजीकर महिला कांड में पुलिस पहले ही कटघरे में खड़ी हो चुकी है. अब ऐसी घटनाएं सामने आने के बाद जनता का पुलिस और कानून पर से भरोसा उठने लगे, तो इसमें आश्चर्य क्या! ऐसा नहीं है कि सभी पुलिस वाले खराब होते हैं. लेकिन कुछ लोगों की गलती की सजा पूरे पुलिस महकमा को चुकानी पड़ती है. आज जिस पुलिस अधिकारी को माटीगाड़ा थाने की पुलिस ने सिलीगुड़ी अदालत में प्रस्तुत किया, उसका नाम अमर वीर है. वह ट्रैफिक विभाग में एएसआई के पद पर कार्यरत था. आज डीसीपी विश्वचंद ठाकुर ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके निलंबित ASI अमर वीर के बारे में पत्रकारों को जानकारी दी. सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के ट्रैफिक विभाग में कार्यरत ASI अमर बीर इन दिनों फरार चल रहा था.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ASI अमरबीर बागडोगरा ट्रैफिक गार्ड के अंतर्गत ड्यूटी कर रहा था. इस पुलिस अधिकारी पर जुलाई महीने में एक महिला के साथ दुष्कर्म और उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिस महिला के साथ दुष्कर्म और उत्पीड़न हुआ था, वह शादीशुदा थी. उसके बयान के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अमर वीर को गिरफ्तार करने की कोशिश की. लेकिन वह फरार हो गया. उसके बाद पुलिस के उच्च अधिकारियों ने अमर वीर को सस्पेंड कर दिया गया.
मीडिया खबरों तथा अन्य सूत्रों के अनुसार पुलिस की गिरफ्त से बचने तथा अपने ऊपर लगे मुकदमा को वापस लेने के लिए भूमिगत रहते हुए ASI अमर वीर पीड़िता महिला को लगातार धमका रहा था. लेकिन महिला उसकी धमकी में नहीं आई. चर्चा यह भी है कि बाद में पुलिस अधिकारी अमर वीर ने कोलकाता हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया. लेकिन हाई कोर्ट ने उसके आवेदन को निरस्त कर उसे जमानत नहीं दी. इसके बाद उसके पास कोई रास्ता नहीं रहा. सूत्रों ने बताया कि निलंबित पुलिस अधिकारी अमर वीर को माटीगाड़ा पुलिस ने कल देर रात मल्लागुरी इलाके से गिरफ्तार किया और आज उसे सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश करके रिमांड में लिया है.
पुलिस निलंबित पुलिस अधिकारी से पूछताछ कर रही है. वह विवाहित है. उसके दो बच्चे भी हैं. जिस महिला के साथ उसका चक्कर चला, वह भी विवाहित है. ऐसी घटनाएं समाज को असुरक्षित बनाती हैं. खासकर महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस की कार्य शैली और जिम्मेवारियों की पोल खोल देती है. किसी महिला के प्रति पुलिस का दृष्टिकोण ऐसा होगा, ऐसे में कल्पना की जा सकती है कि ऐसी पुलिस महिलाओं की कितनी सुरक्षा कर सकेगी. जो भी हो ऐसी घटनाएं समाज में नकारात्मक असर डालती हैं. एक व्यक्ति की करतूत के द्वारा पूरा पुलिस महकमा बदनाम हो जाता है. अब देखना होगा कि पुलिस की पूछताछ में आरोपी अमर बीर अपना गुनाह कैसे स्वीकार करता है!
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