भारत के दो प्रमुख घनी आबादी वाले शहर कोलकाता और मुंबई के खंडहर में तब्दील होने का खतरा मंडरा रहा है. वैज्ञानिकों ने चिंता व्यक्त की है. भारत के शहरों को बचाने के लिए वैज्ञानिक मंथन भी शुरू हो चुका है. वास्तव में यह स्थिति एक विशाल ऐस्टेरॉयड ग्रह के पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ने के कारण उत्पन्न हुई है, जिसने वैज्ञानिकों के हाथ पांव फूला दिए हैं.
इस एस्टेरॉयड का नाम 2024 YR 4 है. यह ग्रह फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा है. इसकी लंबाई और चौड़ाई क्रमशः 300 फुट और 130 फीट है. लेकिन अगर यह पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करता है तो उसका वजन लगभग 8 मेगा टन के बराबर ऊर्जा प्रवाहित कर सकता है. जबकि इसकी ताकत एक परमाणु बम से 500 गुना ज्यादा विनाशकारी हो सकती है.
खगोल वैज्ञानिक काफी चिंतित हैं. अगर यह एस्टेरॉइड भारत के घनी आबादी वाले शहर, मुंबई और कोलकाता से टकराता है तो शहर खाक में मिल सकता है. अगर कोलकाता पर एस्टेरॉयड टकराता है तो कोलकाता खंडहर में तब्दील हो सकता है. आशंका व्यक्त की जा रही है कि यह इतनी बड़ी टक्कर होगा और इतना बड़ा धमाका होगा जितना कि हिरोशिमा पर गिरे परमाणु बम का भी इतना धमाका नहीं हुआ था. वैज्ञानिकों के अनुसार हिरोशिमा पर गिरे परमाणु बम से लगभग 500 गुना ज्यादा ताकतवर यह धमाका हो सकता है.
अमेरिका की एक अंतरिक्ष एजेंसी है, जिसका नाम नासा है. नासा के वैज्ञानिकों की आशंका है कि 2024 YR 4 नामक क्षुद्र ग्रह पृथ्वी से टकरा सकता है. इसकी संभावना 3.01% तक बढ़ गई है. पहले वैज्ञानिकों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया था. क्योंकि उस समय पृथ्वी से क्षुद्र ग्रह के टकराने की संभावना केवल 2.3% की थी. पर गुजरते लम्हों के साथ ही धरती से टकराने की संभावना बढ़ती जा रही है. हालांकि वैज्ञानिकों की टीम धरती से नहीं टकराने देने के लिए रात दिन प्रयास रत है.
दरअसल नासा ने इस ग्रह के पृथ्वी से टकराने के संभावित परिणाम का लेखा-जोखा निकाला है.इसके अनुसार अगर यह ग्रह पृथ्वी से टकराता है तो पूर्वी प्रशांत महासागर, उतरी दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर ,अरब सागर ,दक्षिण एशिया के कुछ भागों में बड़ा असर होगा. दक्षिण एशिया के कुछ शहर वजूदीन हो सकते हैं.वैज्ञानिकों ने भारत में मुंबई और कोलकाता जबकि बांग्लादेश में ढाका के अलावा बोगोटा, आबिद जान, लागोस जैसे बड़े शहरों को गंभीर खतरा बताया है.
धीरे-धीरे यह ग्रह पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है. वैज्ञानिकों ने कहा है कि अप्रैल तक इस ग्रह को टेलिस्कोप से देखा जा सकता है. हालांकि इससे पहले भी पृथ्वी पर बड़े क्षुद्र ग्रह टकराये हैं. परंतु उसका ज्यादा असर नहीं देखा गया. लेकिन इस बार वैज्ञानिकों ने जिस तरह की आशंका व्यक्त की है, उससे भारत के इन शहरों पर एक खतरा जरूर मंडरा आ रहा है. हालांकि वैज्ञानिकों ने लोगों को आश्वासन दिया है कि घबराने की बात नहीं है.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)