April 23, 2025
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वक्फ पर फिलहाल रोक नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब!

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार से ही वक्फ अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई है. आज भी वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जारी रही. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल वक्फ कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार से वक्फ बाय यूजर के मुद्दे पर 7 दिनों में जवाब देने को कहा है.

अर्थात 7 दिनों के दौरान वक्फ बाय यूजर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इस दौरान वक्फ बोर्ड में कोई भी नई नियुक्ति नहीं होगी. आज अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता केन्द के जवाब पर 5 दिन में अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं. इसके बाद अदालत मामले को अंतरिम आदेश के लिए सूचीबद्ध करेगी. इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होने वाली है.

वक्फ कानून को लेकर देश के अलग-अलग स्थानों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा की भी घटनाएं घटी. पुलिस को लाठियां चलानी पड़ी. फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण लेकिन प्रदेश में शांति है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. मामले की सुनवाई चल रही है. फिलहाल वक्फ कानून में कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है, जब तक इस मामले की अंतिम सुनवाई सुप्रीम कोर्ट नहीं कर देता है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 110 से 120 फाइलें पढ़ना संभव नहीं है. सिर्फ 5 बिंदु तय करने होंगे, जिन पर सुनवाई की जाएगी. कोर्ट ने कहा है कि जो पांच मुख्य बिंदु है, उन पर याचिका कर्ताओं में सहमति बननी चाहिए. चीफ जस्टिस ने कहा है कि 1995 के वक्फ अधिनियम और 2013 में किए गए संशोधनों को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को इस सूची से अलग से दिखाया जाएगा. 2025 के मामले में रिट दायर करने वाले याचिका कर्ताओं को विशेष मामले के रूप में जवाब दाखिल करने की आजादी है.

मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार एक हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करना चाहती है. उन्होंने कहा कि वह अदालत को भरोसा देते हैं कि धारा 9 और धारा 14 के अंतर्गत परिषद और बोर्ड में कोई भी नई नियुक्ति नहीं की जाएगी. उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि सुनवाई की अगली तारीख तक वक्फ बाय यूजर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और ना ही कलेक्टर के द्वारा इसमें कोई दखल किया जाएगा.

स्पष्ट है कि फिलहाल यथा स्थिति की रखी जाएगी. वक्फ की घोषित हो चुकी संपत्ति को भी रद्द नहीं किया जाएगा. यह भी मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट कर दिया है. केंद्र की दलील पर सीजेआई ने कहा है कि हम नहीं चाहते कि कोई पोजीशन बदले. यह भरोसा देने की जरूरत है कि संशोधित कानून के अनुसार कोई भी नई नियुक्ति नहीं करेंगे. सीजेआई ने केंद्र से कहा कि हम बस चाहते हैं कि दूसरे पक्ष भी प्रभावित न हो. उन्होंने कहा कि जो 5 साल वाले प्रावधान है, उन्हें हम नहीं रोक रहे हैं.

अदालत के इस फैसले को हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष अपनी-अपनी जीत बता रहे हैं. मुस्लिम पक्ष के नेताओं के द्वारा दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने देश की रक्षा करने में हमारी मदद की है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के प्रति अपना आभार जताया है. मुस्लिम पक्ष के नेताओं ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने वह सभी मुद्दे उठाए हैं जो हमने संसद में उठाए थे. आज के फैसले से पता चलता है कि यह कानून संविधान के खिलाफ बनाया गया है. यह संविधान की जीत है. किसी पक्ष की नहीं. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट काफी राहत देगा और सरकार की जमीन हड़पने की साजिश को रोकेगा.

दूसरी ओर इस मामले में हिंदू पक्ष के नेताओं का कहना है कि वक्फ कानून 2025 के बाकी प्रावधान प्रभावी रहेंगे. हिंदू पक्ष की वकील रीना के अनुसार यह पूरी तरह वैधानिक है. इस हिसाब से देखें तो सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को मंजूर कर लिया है. उन्होंने कहा कि अदालत ने उन्हीं संपत्तियों के पंजीकरण पर रोक लगाई है जो नोटिफाई है या फिर रजिस्टर्ड है. वक्फ बाय यूजर में जो ओरल वक्फ था, न्यायालय ने उसे निरस्त कर दिया है. इसलिए हिंदू पक्ष के लोग इसे अपनी जीत बता रहे हैं.

जो भी हो, सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है. जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक दोनों पक्षों को बयान बाजी से बचना चाहिए. यहां ना किसी की जीत हो रही है और ना किसी की हार. संविधान और लोकतंत्र की जीत होनी चाहिए.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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