सिलीगुड़ी: न जाने खुशहाल सिलीगुड़ी शहर को किसकी नजर लग गई, लगातार हो रहे हिंसक घटनाओं के कारण सिलीगुड़ी का माहौल तनावपूर्ण बन गया है और इसका भुगतान कहीं ना कहीं शहर वासियों को भी भुगतना पड़ रहा है | माटीगाड़ा में हुए हंगामे ने इतना बड़ा रूप धारण कर लिया कि, विश्व हिंदू परिषद द्वारा 2 जून यानी आज के दिन 24 घंटे बंद का आह्वान किया गया था और इस बंद को सफल बनाने के लिए विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रयास किया और यह प्रयास रंग भी लाया | बता दे कि,सुबह से ही सिलीगुड़ी में सन्नाटा पसरा हुआ था, रेगुलेटेड मार्केट हो या विधान मार्किट हो , शहर के प्राय सभी बाजार पूरी तरह बंद थे और शहर वासियों ने भी इस बंद का समर्थन किया |
इस दौरान शहर में पुलिस कर्मियों द्वारा लगातार पेट्रोलियम की गई और पुलिस के जवान सड़कों पर तैनात थे | वहीं बंद को सफल बनाने के लिए विएचपी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए, बंद समर्थकों ने वेगा सर्किल को भी बंद करवा दिया, इस दौरान पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प भी हुई, प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं में से एक को भक्ति नगर थाने के पुलिस ने हिरासत में लिया, उसके बाद उस क्षेत्र में माहौल उत्तेजित बन गया, प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी और देखते ही देखते माहौल गर्मा गया, बाद में प्रदर्शनकारी भी भक्ति नगर थाने पहुंचे | बंद समर्थकों ने बैंक बंद करवा दिए, विधान मार्केट बंद थे , माटीगाड़ा में भी पुलिस और बंद समर्थकों के बीच घमासान के मामले सामने आए | सेवक रोड पर बंद समर्थकों ने वाहनों को रोक दिया, पुलिस बल की तैनाती के बावजूद बंद समर्थक काफी उग्र और आक्रोशित थे, वे पुलिस बल की तैनाती को अनदेखा कर बंद को सफल बनाने में जुटे रहें ,वेनिस मोड़ में भी उत्तेजना का माहौल बन गया था, एक ओर तो जहां बंद समर्थक बंद को सफल बनाने के लिए दुकान को बंद करवा रहे थे, तो वहीं बंद का विरोध कर रहे समर्थकों ने बंद दुकानों को खुलवाने की कोशिश की , इस बीच दोनों गुटों में झड़प की स्थिति बन गई, 6 नंबर वार्ड पार्षद भी घटनास्थल पर पहुंचे , लेकिन पुलिस बल की तैनाती के कारण कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुई, पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा कर मामले को शांत किया |
माटीगाड़ा में भी तृणमूल कांग्रेस के पक्ष द्वारा बंद को असफल करने की कोशिश की गई, लेकिन वे नाकाम रहे, माटीगाड़ा तुम्बा जोत में हड़ताल के समर्थन पर बैठे लोगों ने धरना प्रदर्शन किया | बात करें सिलीगुड़ी जंक्शन में तो वहां बंद का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला, वहीं बंद के समर्थन में उतरे कई लोगों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार भी किया गया,क्योंकि वह माहौल को तनावपूर्ण बनाने की कोशिश कर रहे थे | बता दे कि, 30 मई को बालासन ब्रिज पर एक प्रतिबंधित मांस ले जाते हुए वाहन को कुछ स्थानीय लोगों ने रोका था और जब उस वहां की तलाशी ली गई, तो प्रतिबंधित मांस बरामद किए गए, इस घटना की जानकारी मिलते ही बजरंग दल के सदस्य घटनास्थल पर पहुंचे थे और माहौल उत्तेजित हो गया था | स्थानीय लोगों ने वाहन को आग के हवाले कर दिया था, पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर मामले को शांत करते हुए बजरंग दल के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था, कोर्ट ने उन्हें तीन दिनों के पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया था |
फिर इसी घटना को केंद्रित कर शनिवार 31 मई को माटीगाड़ा तुम्बाजोत इलाके में बजरंग दल के सदस्य के घर में तोड़फोड़ की गई थी और इसमें कई लोग घायल भी हुए थे, जिसके कारण उस क्षेत्र में अराजकता की सृष्टि बन गई थी, लोगों में दहशत का माहौल पसर गया था, कई युवक खुलेआम गुंडागर्दी पर उतर आए थे, वहीं पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मोर्चा संभाला था और मामले को शांत किया, इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को भी गिरफ्तार किया था | इस घटना से आहत होकर विश्व हिन्दू परिषद की ओर से 2 जून 24 घंटे सिलीगुड़ी बंद का आह्वान किया था और आज इस बंद को सफल बनाने के लिए हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और उन्होंने इस बंद को सफल बनाने के लिए एड़ी चोटी की जोर लगा दी और इस बंद का असर भी सिलीगुड़ी में देखने को मिला | शाम होने तक भी सिलीगुड़ी में सन्नाटा पसरा हुआ था बाजार, हाट पूरी तरह बंद थे |