सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग,सिक्किम, डुआर्स और बंगाल के बहुत से छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए यूरोपीय अथवा अमेरिकी देशों में जाना चाहते हैं. ज्यादातर छात्रों का सपना अमेरिका में पढ़ाई करने का होता है. लेकिन अब समय आ गया है कि ऐसे छात्र अपने फैसले पर पुनः विचार करें. अमेरिका ने तो वहां काम करने वाले भारतीय लोगों के साथ-साथ छात्रों को भी अपमानित करने और बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया है. एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
अब किसी छात्र से पूछिए कि क्या आप अमेरिका में पढ़ाई करना चाहते हैं? तो शायद उसका जवाब ना ही होगा. बहुत से छात्रों का सपना होता है कि वह अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त करें. भारतीय छात्र अमेरिका जाते भी हैं और वहां से डिग्री लेकर भारत लौटते हैं तो उनका रुतबा कुछ अलग होता है. सिलीगुड़ी के बहुत से छात्र उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका में पढ़ाई करने का सपना देख रहे होंगे. ऐसे छात्र इंटरनेट पर प्रसारित वीडियो देखने के बाद अब बेहद डरे हुए हैं.
एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में निर्वासित किए जा रहे भारतीय छात्र के हाथों में हथकड़ियां लगी हुई हैं. उसे जमीन पर दबाया हुआ है. यह वीडियो अमेरिका के नेवार्क एयरपोर्ट का है. इस वीडियो ने पूरे भारत में खलबली मचा दी है. उच्च शिक्षा का सपना देखने वाले छात्र इस वीडियो को देखने के बाद अचंभित हैं. क्योंकि उक्त छात्र अमेरिका में पढ़ाई करने गया था.
अमेरिका में भारतीय छात्रों के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार बेहद चौंकाने वाला और डराने वाला है. वीडियो देखने के बाद भारतीय छात्र काफी आक्रोश में हैं. न्यूयॉर्क स्थित भारत के महा वाणिज्य दूतावास ने वीडियो देखने के बाद कहा है कि यह काफी चौंकाने वाली घटना है. एक भारतीय नागरिक के साथ अमेरिका का यह सलूक गले से उतरने वाला नहीं है. उक्त छात्र का नेवार्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भारी अपमान हुआ है. छात्र बेहद डरा हुआ था. इस वीडियो को हिंदी में पुस्तकें लिखने वाले भारतीय अमेरिकी उद्यमी कुणाल जैन ने साझा किया है.
उन्होंने लिखा है कि छात्र को हथकड़ियां लगाई गई थी और वह बेहद रो रहा था. उसके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा था. सवाल यह है कि छात्र वहां पढ़ाई करने गया था. वह कोई अपराधी नहीं था. इसके बावजूद अमेरिका में उसके साथ यह सलूक क्यों किया गया? इसकी जवाबदेही भारत सरकार की भी है. यही कारण है कि भारतीय विदेश मंत्रालय और विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी इसमें शामिल किया गया है और उनसे जवाब मांगा गया है.
अमेरिका को तुरंत ही इस मामले में दोषी एयरपोर्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. छात्र की मदद समेत सभी विषयों को अच्छी तरह समझना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो भारतीय छात्र और गुस्सा में होंगे. भारत सरकार और अमेरिकी सरकार दोनों को ही स्पष्टीकरण देना चाहिए. यहां के छात्र इससे पहले भी अमेरिका पढ़ाई करने जाते रहे हैं.यह पहला मौका है जब भारतीय छात्र के साथ अमेरिकी एयरपोर्ट पर अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया है. जितनी जल्दी हो सके, भारत सरकार को इस संबंध में भारतीय छात्रो का मार्गदर्शन समेत घटना का विश्लेषण करना जरूरी है.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

