क्या आप यकीन करेंगे कि 15 दिनों में 5 लाख पर्यटक सिक्किम आ चुके हैं? यूं तो सिक्किम में कई दर्शनीय स्थान है, पर यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है हिमालयन जूलॉजिकल पार्क. पर्यटक सिक्किम आए और जूलॉजिकल पार्क घूमने नहीं जाएं, ऐसा हो नहीं सकता. यहां प्रत्येक दिन सैकड़ो पर्यटक वन्य जीव देखने के लिए पहुंच रहे हैं. हिमालयन जूलॉजिकल पार्क गंगटोक से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस पार्क से माउंट कंचनजंगा का शानदार दृश्य देखने को मिलता है. यह सिक्किम का पहला पार्क है. इसमें जानवरों को प्राकृतिक आवास की तरह रखा गया है.
उत्तर भारत में भीषण गर्मी का सामना कर रहे लोग गर्मी की छुट्टियां बिताने पहाड़ों की ओर बढ़ने लगे हैं. सिलीगुड़ी के निकट दार्जिलिंग और सिक्किम दो ऐसे पर्वतीय क्षेत्र हैं, जहां घूमने के लिए भारत के कोने-कोने से लोग आते हैं और विदेशों से भी भारी संख्या में पर्यटक आते हैं. इन दिनों दार्जिलिंग और सिक्किम में भारी संख्या में पर्यटक पहुंच गए हैं. जिसके कारण पर्यटन विभाग को बुनियादी संसाधनों की सुविधा जुटाने में भी समस्या आ रही है.
मिली जानकारी के अनुसार सिक्किम में केवल 15 दिनों में देश के कोने-कोने से 5 लाख पर्यटक आ चुके हैं. राज्य पर्यटन विभाग का अनुमान है कि जिस तेजी से पर्यटक सिक्किम पहुंच रहे हैं, अगर ऐसा ही क्रम जारी रहा तो इस साल 25 से 30 लाख तक पर्यटक सिक्किम पहुंच सकते हैं. पर्यटकों की बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए अब पर्यटन विभाग को भी संसाधन जुटाने की चिंता बढ़ गई है. राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भीड़भाड़ अत्यधिक बढ़ गई है. पर्यटन विभाग द्वारा रोजाना केवल 800 वाहनों की अनुमति दी जा रही है. लेकिन इसके बावजूद छांगू झील और बाबा मंदिर परिसर में कम से कम 3000 वाहन देखे जा रहे हैं.
सिक्किम सरकार ने लाचेन इलाके में पर्यटकों की आवाजाही की अनुमति नहीं दी है. इसके बावजूद टूर एंड कैब ऑपरेटर्स का दावा है कि रोजाना 5000 से ज्यादा गाड़ियां इलाके में जा रही हैं. पर्यटकों की बढ़ती संख्या के कारण सिक्किम में पर्यटकों को टैक्सी, पानी, होटल और पीने के पानी की उपलब्धता में कमी देखी जा रही है. पानी महंगा बिक रहा है. इसके अलावा यातायात पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. पर्यटन विभाग इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए काम करने में जुट गया है.
सिक्किम में पर्यटकों की बढती संख्या को देखते हुए सिक्किम के मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इसमें वाहनों के परमिट को तर्कसंगत बनाने तथा पर्यटकों की भीड़ के बीच उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई. दार्जिलिंग से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को भारी संख्या में दार्जिलिंग घूमने आए पर्यटकों को रास्ते में घूम के पास भयानक जाम का सामना करना पड़ा. घंटो गाड़ियां रास्ते में खड़ी रही. लेकिन पर्यटक जरा भी बोर नहीं हुए. वे गाड़ी से उतरकर पहाड़ की वादियों में रील बनाते और सेल्फी लेते देखे गए.
दार्जिलिंग में भारी संख्या में पर्यटक पहुंच चुके हैं. दार्जिलिंग के होटल और होम स्टे खाली नहीं है. सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग पहुंचे कई पर्यटकों को होटलों में रहने का कमरा नहीं मिला और उन्हें निराश होकर सिलीगुड़ी लौटना पड़ा. दार्जिलिंग और सिक्किम घूमने जाने वाले पर्यटकों की तादाद देखनी है तो एनजेपी स्टेशन पर यह नजारा देखने को मिल सकता है. रेलगाड़िया में भारी भीड़ और उनमें ज्यादातर पर्यटक. न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन लगभग खाली सी हो जाती है. दिल्ली और कोलकाता से काफी संख्या में पर्यटक पहाड़ों में जाने के लिए आ रहे हैं. टैक्सी वालों की कमाई भी बढ़ गई है. मानसून से पहले पहाड़ों में पर्यटकों की आमद को देखते हुए पर्यटन विभाग और पर्यटन व्यवसायी काफी खुश हैं.
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