सिलीगुड़ी से सिक्किम तक रेल बिछाने का कार्य तेजी से चल रहा है. सुरंग संख्या 13 के निर्माण कार्य में काफी समय लग गया. यह सुरंग 2560.5 मीटर लंबी है. इसे खोदने में लगभग ढाई साल लग गया है. इसलिए जब 3 जनवरी को इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के परियोजना निदेशक, अधिकारियों, इंजीनियरों तथा पूर्वांतर सीमांत रेलवे के अधिकारियों की उपस्थित में निर्माण कार्य पूरा किया गया, तो इसकी सफलता की खुशी ना केवल अधिकारियों और इंजीनियरों के चेहरे पर दिखी, बल्कि जिन लोगों ने भी सुना, उन्हें भी काफी खुशी हुई.
पहाड़ के अंदर सुरंग खोदना तथा रेल बिछाना वाकई एक कठिन कार्य होता है. लेकिन इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के इंजीनियरों तथा अधिकारियों ने इस कठिन काम को पिछले कई सालों से करते हुए अब काफी हद तक पूरा कर दिया है. यह पूरी परियोजना टनलिंग पर आधारित है. सुरंग संख्या 13 का निर्माण कार्य पूरा होते ही बाकी काम आसान हो गया है.
सेवक रंगपो रेल लिंक परियोजना लगभग 45 किलोमीटर लंबी है. पूरे मार्ग में 14 टनल, 17 पुल और 5 स्टेशन शामिल है. सबसे लंबा टनल 10 की लंबाई 5.3 किलोमीटर है. जबकि सबसे लंबे पुल की लंबाई 425 मीटर है. इस 45 किलोमीटर लंबी रेल लाइन परियोजना में 38.6 किलोमीटर तो टनल ही है. इनमें से 90% टनलिंग का कार्य पूरा हो चुका है. टनल संख्या 14 में अंतिम लाइनिंग पूरा करने के बाद बाकी कार्य भी तेजी से पूरा किया जा रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टनल 2,5, 6,9, 10, 11 और 12 का कार्य प्रगति पर है. 8.67 किलोमीटर तक लाइनिंग का कार्य पूरा किया जा चुका है. सुरंग संख्या 13 का कार्य पूरा होना कितना महत्वपूर्ण है, यह इसी बात से समझा जा सकता है कि यह कालिमपोंग जिले में स्थित पश्चिम बंगाल का अंतिम टनल है. यह मुख्य टनल है, जो हिमालय के अति संवेदनशील तथा चुनौती पूर्ण भूगर्भीय और भूकंपीय स्थितियों से होकर गुजरता है. इसे पूरा करना वाकई एक अद्भुत कार्य है.
पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के सीपीआर ओ सब्यसाची दे के अनुसार टनल संख्या 4 के पोर्टल 1 पर 30 दिसंबर 2023 को ब्रेक थ्रू मिला था. जबकि 3 जनवरी 2024 को इस परियोजना की सुरंग संख्या 13 को भी बड़ी सफलता मिल गई है. सुरंग में खनन कार्य लगभग समाप्त हो चुका है. इसलिए उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही बाकी के काम भी पूरे कर लिए जाएंगे.
रेल अधिकारियों के अनुसार मिशन को पूरा करने के लिए रात दिन काम चल रहा है. सभी सुरंग, पुल और स्टेशन यार्ड के निर्माण से संबंधित कामकाज युद्ध स्तर पर चल रहे हैं. इसलिए उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही पूरा कार्य संपन्न हो जाएगा.