सेवक स्थित तीस्ता नदी प्रकृति और पहाड़ के लोगों के लिए एक वरदान है तो दूसरी तरफ अभिशाप भी है. तीस्ता नदी की गहराई में जाने वाला जीवित लौट कर नहीं आता. धार इतनी तेज होती है कि बचाव दल को भी पसीने छूटने लगते हैं. नदी की गहराई, चट्टानों की कटाई और ढलान बड़े ही डरावने हैं. अगर संभल कर गाड़ी नहीं चलाई जाए तो दुर्घटना होने में देर नहीं लगती!
साल की शुरुआत में ही तीस्ता नदी ने सिलीगुड़ी के दो युवकों की जान ले ली. इनमें से एक युवक गगन गर्ग की तो लाश बरामद हो गई है.परंतु दूसरा युवक गौरांग मंडल के शव की तलाश अभी भी नदी में जारी है. डिजास्टर मैनेजमेंट के लोग आज सुबह से ही नदी में गौरांग मंडल की लाश की तलाश कर रहे हैं. पर अभी तक सफलता नहीं मिली है.
तीस्ता नदी में जिस युवक की लाश की तलाश की जा रही है, वह सिलीगुड़ी के दक्षिण शांति नगर के विनय मोड़ का रहने वाला था. उसका नाम गौरांग मंडल है. वह सुबह में ही घर से निकल गया और सेवक पुल पहुंच गया. उसने दोपहर के समय अपने एक रिश्तेदार को फोन किया और कहा कि वह आत्महत्या कर रहा है.इसके पहले कि कोई कुछ समझ पाता, गौरांग मंडल ने नदी में छलांग लगा दी थी. युवक के नदी में छलांग लगाने और आत्महत्या की बात का पता सेवक चौकी पुलिस को चला.
दरअसल सेवक चौकी पुलिस को किसी ने हादसे की सूचना दी तो पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई. पुल के पास ही एक पर्स मिला. उसमें गौरांग मंडल, सिलीगुड़ी निवासी युवक का पहचान पत्र था. पुलिस ने इसके जरिए ही गौरांग मंडल के घर वालों को मामले की जानकारी दी. इसके बाद बदहवास से घर वाले रोते-पिटते सेवक पहुंचे. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर गौरांग मंडल ने आत्महत्या का यह मार्ग क्यों चुना. पुलिस घर वालों से पूछताछ कर रही है.
जबकि एक दूसरे मामले में सिलीगुड़ी निवासी गगन गर्ग उदला बाड़ी से स्कूटर चला कर सिलीगुड़ी लौट रहा था. उसने उदलाबाड़ी के एक रेस्टोरेंट में खाना भी खाया. उसके बाद वहां से स्कूटर स्टार्ट करके सेवक की तरफ लौटने लगा. जब वह छाता घर व्यू प्वाइंट पर पहुंचा तब अचानक ही स्कूटर का संतुलन गड़बड़ा गया और वह स्कूटर समेत सैकड़ो फीट गहरी तीस्ता नदी की खाई में गिर गया. यह इलाका म॔गपंग पुलिस थाना के अंतर्गत आता है. पुलिस के अधिकारी को जानकारी दी गई तो पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और तीस्ता रंगित बचाव दल को लाश बरामद करने के लिए नदी में उतार दिया. तीस्ता रंगित बचाव दल ने युवक की लाश बरामद की.
आई सी सुजीत लामा का कहना है कि यह पता किया जा रहा है कि आखिर यह दुर्घटना थी या कहीं मानसिक अवसाद में युवक ने यह कदम उठाया. जो भी हो,साल की शुरुआत में ही सिलीगुड़ी के दो दो युवक तीस्ता नदी के काल के गाल में समा गए.