”तू रुक नहीं सकता, तू झुक नहीं सकता, क्योंकि कायनात को भी तेरे यकीन पर यकीन है, जो तू कर ले साहस एक दफा किस्मत का ज़ोर ना चल पाएगा, जो तू कर ले हौसले बुलंद अडिग पर्वत भी झुक जाएगा” और इन पंक्तियों को उदय कुमार ने साबित कर दिया है | उदय कुमार एक पैर से दिव्यांग है, लेकिन फिर भी उन्हें साहस का दूसरा नाम कहा जाता है | भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें 2023 तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहस पुरस्कार से सम्मानित किया, जैसे ही उदय कुमार पुरस्कार लेने के लिए आगे बढ़े उन्हें देखकर वहां उपस्थित सभी लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया, वहां उपस्थित लोगों ने उनकी सफलता तो देख ली, लेकिन किसी ने उनके उस संघर्ष को नहीं देखा जो उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए किया है | बता दे कि, कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान में 16 हजार, 500 फिट उचाई की चढ़ाई कर उन्होंने 7 सौ 80 वर्ग फिट राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित किया था | उनके इस जज्बे को पूरे देश ने सलाम किया था, उदय कुमार को साहस के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के स्वरूप भूमि साहस के लिए तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहस पुरस्कार से सम्मानित किया गया | उदय कुमार को साहस का दूसरा नाम दिया गया है, क्योंकि दिव्यांग होने के बावजूद अडिग पर्वत को उन्होंने पांव तले रौंद दिया |
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