वंदे भारत ट्रेन का विस्तार पूरे देश में हो रहा है. आने वाले 8-10 सालों में भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में पटरियों पर बंदे भारत ट्रेन ही दौड़ेगी. यह ट्रेन सिक्किम में भी चलाई जाएगी. काम तेजी से चल रहा है. सेवक रंगपो रेल रूट परियोजना पर युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. सेवक रंगपो कार्य पूरा होने के बाद रंगपो से लेकर गंगटोक और नाथुला तक रेल सेवा चलाई जाएगी.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पहले भी कह चुके हैं. वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह विजन है जो सिक्किम को देश के रेलवे नेटवर्क के मानचित्र में देखना चाहते हैं. सिक्किम तक वंदे भारत ट्रेन चलाई जाने से पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी. नाथुला तक ट्रेन सेवा बहाल होने से चीन को भारत से परेशानी बढ़ जाएगी.
भारत और चीन का संबंध तो वैसे ही 36 का रहा है. भारत अब तक इसीलिए पिछड़ रह रहा है कि चीन की सीमा तक उसकी कनेक्टिविटी नहीं थी. नाथुला तक कनेक्टिविटी होने से चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की स्थिति में भारत हो जाएगा. रेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिक्किम में रेल कनेक्टिविटी बहाल होने से पूर्वोत्तर क्षेत्र जैसे असम गुवाहाटी जाने में मात्र चार से पांच घंटे लग सकते हैं.
सेवक रंगपो रेल परियोजना का अधिकतर कार्य पूरा कर लिया गया है.पूरे मार्ग में 14 सुरंग तथा 17 पुल हैं. 6 सुरंगों का काम तो पहले ही हो चुका है. अधिकांश पुलों का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया गया है. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 2025 तक सेवक रंगपो रेल परियोजना का कार्य पूरा हो जाएगा और रेल कनेक्टिविटी भी शुरू हो जाएगी. इस नए रूट पर वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएगी.
जानकार मानते हैं कि भारत की इस प्रगति से चीन की टेंशन बढ़ने वाली है. अब तक चीन इसलिए शक्तिशाली रहा है कि भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंचने का उसके पास सड़क संपर्क रहा है. जबकि दूसरी ओर भारत के पास सड़क संपर्क अब तैयार हुआ है. पहले ऐसा नहीं था. जब भारत का चीन सीमा के निकट सड़क संपर्क तैयार हो चुका होगा, तो चीन की टेंशन निश्चित रूप से बढ़ने वाली है. चीन की नींद खराब करने के लिए ही भारत इस महत्वाकांक्षी सेवक रंगपो गंगटोक नाथूला तक रेल परियोजना पर युद्ध स्तर पर काम कर रहा है.
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