कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (AITC) के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को ‘एसआईआर’ (Special Intensive Revision of Electoral Rolls) पर पार्टी नेताओं के साथ एक वर्चुअल बैठक की। उन्होंने इस दौरान एसआईआर को लेकर अपनी और पार्टी की रणनीति स्पष्ट की और महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
बीजेपी पर लगाया ‘चुपचाप और अदृश्य धांधली’ का आरोप
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जैसा कि सभी जानते हैं, बीजेपी के निर्देश पर 27 तारीख को बंगाल में एसआईआर (SIR) की घोषणा की गई। बिहार में एसआईआर की घोषणा के बाद, हमने इसे ‘साइलेंट इनविजिबल रिगिंग’ (Silent Invisible Rigging) यानी चुपचाप और अदृश्य धांधली करार दिया था। टीएमसी ने इसका संसद, अदालत और सड़कों पर विरोध किया है, और आगे भी करती रहेगी।
एसआईआर से जुड़ी मौतों पर जताई चिंता
 * भय का माहौल: अभिषेक बनर्जी ने एसआईआर मुद्दे से जुड़ी मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया ने डर का माहौल पैदा कर दिया है।
 * अदालत का ध्यान: उन्होंने कल की AITC प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र किया, जहां कई क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम गायब होने के मामलों को उजागर किया गया था, और कहा कि पार्टी इस पर कोर्ट का ध्यान भी आकर्षित करेगी।
4 नवंबर से 4 दिसंबर तक लगेंगे ‘आँचल-वार हेल्प डेस्क’
AITC ने एसआईआर प्रक्रिया के दौरान लोगों की सहायता के लिए 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक आँचल-वार हेल्प डेस्क स्थापित करने की घोषणा की है।
AITC का संकल्प: उन्होंने कहा कि एक तरफ बीजेपी एसआईआर और एनआरसी के नाम पर लोगों को विभाजित और अपमानित करना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ एआईटीसी कार्यकर्ता यह सुनिश्चित करने में मदद करेंगे कि किसी भी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से न कटे।
 
बैठक में उपस्थित और निर्देश
बैठक के दौरान उदयन गुहा, गौतम देब, महुआ गोपे और प्रकाश चिक बारिक ने भी अपनी बात रखी और सवाल पूछे, जिसका जवाब देते हुए अभिषेक बनर्जी ने उनकी चिंताओं को दूर किया और एसआईआर के संबंध में आगे की कार्रवाई के लिए विस्तृत निर्देश दिए।

 
					 
					 
					
 
																		 
																		 
																		 
																		 
																		