पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज पटना में आयोजित 15 दलों की बैठक में कहा, हम सब एकजुट हैं. हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे. इतिहास का आगाज यहां से हुआ था. भाजपा इतिहास को बदलना चाहती है. हम इतिहास को बचाना चाहते हैं. हम बिहार से इतिहास को बचाना चाहते हैं…
पटना में मोदी बनाम विपक्ष की आम लड़ाई की पहली बैठक आम सहमति के साथ संपन्न हो गई. आशंकाओं को खारिज करते हुए पटना की बैठक में सभी नेता एक सुर में बोले, मोदी को सत्ता से हटाना है. उससे पहले इस बैठक को लेकर राजनीतिक गलियारों में कानाफूसी शुरू हो चुकी थी. अनेक राजनीतिक पंडितों का मानना था कि विपक्षी पार्टियों की बैठक में कुछ होने वाला नहीं है. परंतु जो नतीजा सामने आया, वह कहीं ना कहीं विपक्ष की एकजुटता को दर्शाता है.
हालांकि अभी भी कई पेच फंसे हुए हैं. सिर्फ आम सहमति बनी है. परंतु यह तय नहीं हुआ है कि विपक्षी पार्टियां किस तरह चुनाव लड़ेंगी. क्या वन टू वन मुकाबला होगा? अगर ऐसा होता है तो सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि जिस राज्य में कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में है तो क्या कांग्रेस उस दल के आगे अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा कर पाएगी? इस तरह के कई और पेच भी हैं. पश्चिम बंगाल, केरल आदि राज्यों में यह स्थिति सामने आने वाली है. ऐसे में भाजपा के खिलाफ विपक्ष की क्या रणनीति होगी, इत्यादि कई बातों को अगली बैठक में सुलझा लेने का दावा किया गया है.
विपक्षी दलों की अगली बैठक 12 जुलाई को शिमला में होने वाली है.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि अगले महीने होने वाली बैठक में सभी समस्याओं पर चर्चा होगी और उसे अंतिम रूप दिया जाएगा. यानी अगली बैठक में सीट बंटवारे पर चर्चा होगी. अगली बैठक में ही यह तय होगा कि कौन कहां लड़ेगा. पटना में हुई बैठक में भाग लेने के लिए 15 विपक्षी दलों के नेता आए थे.
इन नेताओं में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान ,एमके स्टालिन, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे ,महबूबा मुफ्ती ,राहुल गांधी, मलिकार्जुन खरगे, लालू प्रसाद यादव, शरद पवार ,हेमंत सोरेन ,सुप्रिया सुले ,केसी वेणुगोपाल ,मनोज झा , प्रफुल पटेल, राघव चड्ढा, संजय सिंह ,संजय राऊत, ललन सिंह, संजय झा, सीताराम येचुरी, उमर अब्दुल्ला ,टी आर बालू ,दीपंकर भट्टाचार्य, तेजस्वी यादव ,डेरेक ओ ब्रायन, आदित्य ठाकरे ,उधव ठाकरे और डी राजा शामिल हैं.
पटना में घंटों तक चली विपक्षी दलों की महा बैठक में कई बातों पर विचार विमर्श किया गया. बैठक समाप्त होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम 12 जुलाई को शिमला में फिर से मिल रहे हैं. जिसमें हम एक सामान्य एजेंडा तैयार करेंगे. हमें हर राज्य में अलग-अलग तरह से काम करना पड़ेगा. राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और आर एस एस हिंदुस्तान की बुनियाद पर आक्रमण कर रही है. यह विचारधारा की लड़ाई है. हम साथ खड़े हैं. हमने निर्णय लिया है कि हम एक साथ काम करेंगे और अपनी सामान्य विचारधारा की रक्षा करेंगे.यह विपक्षी एकता की प्रक्रिया है, जो आगे बढ़ेगी.
आज की बैठक से यह संकेत मिल गया है कि नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ विपक्ष गोलबंद हो रहा है. हालांकि अभी आगे देखना होगा कि विपक्षी एकता की दशा और दिशा क्या होती है. क्योंकि अभी तो शुरुआत है. मंजिल बाकी है. विपक्षी पार्टियों का यह साथ कब तक चलता है, यह भी देखना होगा. क्योंकि विपक्षी एकता को लेकर इतिहास सही नहीं है. इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा की नजर है. आज की बैठक को लेकर भाजपा का कॉमेंट भी सामने आ रहा है. भाजपा इसे किस रूप में लेती है,यह भी देखना होगा!