पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित माध्यमिक परीक्षा 2024 का परीक्षा परिणाम गुरुवार को घोषित होने के साथ ही एक तरफ परीक्षा में अच्छे मार्क्स लाने वाले विद्यार्थी तथा उनके परिजन खुशियां मना रहे हैं, तो दूसरी तरफ ऐसे छात्र जो परीक्षा में अच्छे नंबर नहीं ला सके हैं, वे हैरान हैं कि उन्हें इतना कम नंबर क्यों मिला. जबकि उन्होंने पूरी तैयारी कर परीक्षा दी थी. माध्यमिक परीक्षा परिणाम के उपलब्ध आंकड़ो के अनुसार इस परीक्षा परिणाम में हिंदी माध्यम के स्कूल अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं. जाहिर है कि हिंदी माध्यम के छात्र ही ज्यादा दुखी दिख रहे हैं.
अपने बच्चों पर ज्यादा भरोसा करने वाले कुछ अभिभावक भी अचंभित दिख रहे हैं. हालांकि दूसरी ओर यह भी सच है कि कई हिंदी माध्यम स्कूलों में छात्रों ने अच्छे मार्क्स लाए हैं. एक-एक स्कूल से कई छात्र प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हो गए हैं. जैसे देशबंधु हिंदी हाई स्कूल के छात्र नीतीश कुमार प्रसाद ने सबसे अधिक 82.42 % अंक हासिल किया है. शारदा शिशु तीर्थ स्कूल की छात्रा अंजली शर्मा ने 87% से भी ज्यादा अंक प्राप्त किया है. ऐसे में पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा परिषद पर आरोप लगाना उचित नहीं कहा जाएगा. संतोषजनक नंबर नहीं प्राप्त करने वाले अथवा असफल रहे छात्रों को स्वयं के मूल्यांकन की जरूरत है. क्योंकि कई बार ओवर कॉन्फिडेंस का शिकार होकर छात्रों का प्रदर्शन खराब हो जाता है. जबकि वे इसके विपरीत परीक्षा परिणाम की उम्मीद लगाए बैठे रहते हैं.
सिलीगुड़ी में कुछ असफल अथवा आशानुकूल परिणाम प्राप्त नहीं कर सकने वाले छात्रों ने बताया कि उनके साथ भेदभाव किया गया है. उन्होंने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा परिषद पर आरोप लगाया है. हालांकि उनका यह आरोप निराधार ही कहा जा सकता है. क्योंकि उनके पास ऐसा कोई सबूत नहीं है सिवाय भड़ास निकालने के. क्योंकि सिलीगुड़ी ही नहीं बल्कि आसपास के हिंदी माध्यम स्कूलों की बात करें तो कई हिंदी स्कूलों ने अच्छी सफलता हासिल की है.
सिलीगुड़ी के अलावा हासीमारा के कालचीनी प्रखंड के हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों ने अच्छी सफलता हासिल की है. दलसिंहपारा श्री गणेश हिंदी हाई स्कूल का मोनू शाह 538 अंक लाकर दूसरा ब्लॉक टॉपर बना है. हासीमारा हिंदी हाई स्कूल की स्नेहा साह ने 484 अंक प्राप्त कर तीसरा स्थान हासिल किया है. हासीमारा हाई स्कूल के ही सौमोदीप मित्र 615 अंक लाकर ब्लॉक टॉपर बना है. और भी कई उदाहरण है जिससे पता चलता है कि संभवत: हिंदी माध्यम के स्कूलों के साथ पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कोई भेदभाव नहीं किया है. पर सच्चाई यह भी है कि माध्यमिक में हिंदी माध्यम के स्कूलों का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. कई हिंदी माध्यम स्कूलों में 50% तक विद्यार्थी फेल हुए हैं.
शिवमंगल सिंह मेमोरियल स्कूल सिलीगुड़ी के कुल 298 परीक्षार्थियों में 157 छात्र ही सफल हुए हैं. इन छात्रों में मोहम्मद जियाउल मुस्तफा ने 54.28% अंक हासिल कर विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. सिलीगुड़ी देशबंधु हिंदी हाई स्कूल के कुल 280 छात्र थे. इनमें से 139 छात्र सफल हो पाए हैं. इस विद्यालय के छात्र नीतीश कुमार प्रसाद ने सबसे अधिक 82.42 प्रतिशत अंक प्राप्त किया है. सिलीगुड़ी देशबंधु हाई स्कूल से कुल मिलाकर चार छात्र प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं. अगर डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद गर्ल्स हाई स्कूल सिलीगुड़ी की बात करें तो स्कूल की 432 छात्राओं ने माध्यमिक परीक्षा में भाग लिया था. इनमें से 260 छात्राओं ने परीक्षा उत्तीर्ण की है. इस स्कूल की पांच छात्राओं ने प्रथम श्रेणी में सफलता हासिल की है. इस विद्यालय की रुपाली कुमारी ने 69.85% अंक हासिल किया है. और इस तरह से वह विद्यालय में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुई है.
सिलीगुड़ी हिंदी हाई स्कूल फॉर गर्ल्स की कुल 214 छात्राओं ने माध्यमिक परीक्षा दी थी. इनमें से 135 छात्राएं सफल हुई हैं. इस विद्यालय की अभिलाषा साहनी ने 59% अंक प्राप्त किया है. जबकि भारती हिंदी विद्यालय से कुल 270 परीक्षार्थियों ने माध्यमिक परीक्षा दी थी. इनमें से 168 परीक्षार्थियों ने सफलता प्राप्त की है. इस विद्यालय में कुल 6 छात्रों ने प्रथम श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण की है. सिलीगुड़ी में ही एक लाल बहादुर शास्त्री हिंदी हाई स्कूल है. यह पुराना हिंदी हाई स्कूल है. इस हाई स्कूल के 151 बच्चों ने माध्यमिक परीक्षा दी थी. उनमें से 97 बच्चों ने सफलता हासिल की. सुकना के नजदीक इलापाल चौधरी मेमोरियल जनजातीय हिंदी हाई स्कूल है. इस स्कूल के 66 प्रतिशत छात्रों ने माध्यमिक में सफलता हासिल की है.
शारदा शिशु तीर्थ स्कूल सेवक रोड की छात्रा अंजली शर्मा ने 700 में से 611 अंक हासिल कर हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों में कदाचित पहला स्थान हासिल किया है. अंजली शर्मा को 87.02% अंक हासिल हुआ है. सिलीगुड़ी बॉयज हाई स्कूल का छात्र जयदीप बसाक ने 700 अंक में से 682 अंक यानी 97.4% अंक के साथ संभवत: जिले में टॉप किया है. छात्राओं में हाकिम पाड़ा बालिका की छात्रा सौमी जाना ने 92.8 प्रतिशत अंक के साथ छात्राओं में सबसे अधिक नंबर लाने का संभवत: रिकॉर्ड कायम किया है.
आपको बता दें कि इस बार माध्यमिक की परीक्षा में पूरे राज्य में 9 लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने माध्यमिक परीक्षा में भाग लिया था. इनमें से दार्जिलिंग जिले से लगभग 16500 छात्रों ने माध्यमिक की परीक्षा दी थी.
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