सिलीगुड़ी के ऐसे माता-पिता जो अपने बच्चों को क्रिकेट के क्षेत्र में भविष्य बनाने के लिए उन्हें कोचिंग से लेकर ग्राउंड तक सारी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं, उन्हें जरूर पश्चिम बंगाल सरकार के युवा मंत्री और क्रिकेटर मनोज तिवारी की बात सुननी चाहिए और उस पर चिंतन भी करना चाहिए. मनोज तिवारी तृणमूल कांग्रेस के विधायक और मंत्री भी हैं. क्रिकेट वर्ल्ड में एक स्थापित नाम मनोज तिवारी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ मैन ऑफ द मैच का खिताब हासिल किया था.
रविवार को सिलीगुड़ी में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए कंचनजंघा स्टेडियम में मनोज तिवारी का अभूतपूर्व स्वागत हुआ. इस अवसर पर खबर समय के साथ बातचीत में मनोज तिवारी ने कंचनजंघा स्टेडियम से लेकर खेल के बारे में बहुत सी बातें बताई. उन्होंने सिलीगुड़ी के अभिभावकों को महत्वपूर्ण सलाह दी, जिनके बच्चे खेल के क्षेत्र में कुछ करने का हौसला रखते हैं और उन्होंने अपने बच्चों के लिए कोच का चयन किया है. मनोज तिवारी ने कहा कि आप अपने बच्चों का फीडबैक लेते रहिए. वरना वर्तमान समय में कोच पर आंख मूंद कर भरोसा करना ठीक नहीं है. बहुत से कोच की नजर आपकी जेब पर रहती है. आपके बच्चे क्या सीख रहे हैं और परफॉर्मेंस कर रहे हैं, उन्हें इससे कोई मतलब नहीं होता है. लेकिन अगर आप जागरूक हैं और बच्चों का फीडबैक लेते हैं तो वह सही दिशा में इंप्रूव कर सकते हैं.
मनोज तिवारी ने खेलों की दुनिया में स्थान बनाने के लिए मेहनत कर रहे सिलीगुड़ी के छात्रों को भी सलाह दी है कि वे खुद पर भरोसा रखें और मेहनत करें, तभी कामयाबी मिलती है. दूसरे क्षेत्रों की तरह खेल की दुनिया में भी काफी संघर्ष करना पड़ता है. छात्रों को दृढ़ संकल्प व लगन से कौशल सीखना चाहिए और अनुशासन पालन करना चाहिए. कंचनजंगा स्टेडियम के बारे में मनोज तिवारी ने कहा कि किसी समय वह यहां रणजी भी खेले हैं. वर्तमान समय में कंचनजंगा स्टेडियम उदासीन है. उन्होंने कहा कि अगर यहां के लोगों का प्रस्ताव आता है तो इस पर वह संज्ञान लेंगे और कंचनजंगा स्टेडियम की पुरानी छवि को वापस लाने की कोशिश करेंगे.
मनोज तिवारी ने क्रिकेट करियर में 20000 से ज्यादा रन बनाए हैं. और 100 से ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया है. हमारे खबर समय के संपादक श्री संजय शर्मा के साथ एक मुलाकात में उन्होंने अपने क्रिकेट जीवन के अनुभव और विवादों को लेकर कुछ ऐसी बातें बताई जो इस बात का संकेत है कि खेलों की दुनिया में भी राजनीति हावी है. यह राजनीति एक काबिल क्रिकेटर को भी आउट कर सकती है और एक नाकाबिल व असक्षम क्रिकेटर को खेल में रख सकती है.
मनोज तिवारी ने हालांकि किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है. परंतु उन्होंने अपनी बातचीत में एक कसक और दर्द का जो इजहार किया है, उससे बहुत कुछ समझा जा सकता है. क्रिकेट में मनोज मनोज तिवारी की छवि को विवादास्पद बनाया गया है. परंतु असल जीवन में वह ऐसे नहीं है. हमारे संपादक संजय शर्मा के कुरेदने पर उन्होंने अपनी कसक का इजहार किया है और यह बताने की कोशिश की कि मीडिया में जो दिखाया जाता है, दरअसल वह ऐसा नहीं है. हां वह स्पष्ट वादी इंसान जरूर है. इसीलिए कुछ लोगों ने उन्हें विवादास्पद बना दिया.
मनोज तिवारी ने बताया कि वेस्टइंडीज के खिलाफ मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जीतने के बाद उन्हें 14 मैचों से निकाल दिया गया. उन्होंने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई. मनोज तिवारी ने बताया कि वह अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने वाले इंसान हैं. उन्होंने क्रिकेट में एक मानदंड स्थापित किया है. मेहनत और स्वयं पर भरोसा किया है. जो भी हो, मनोज तिवारी क्रिकेट की दुनिया में जिस तेजी के साथ उभरे, उतनी ही जल्दी उनका करियर भी खत्म हुआ. वह स्टारडम को बनाए नहीं रख पाए. बहुत जल्दी उन्होंने क्रिकेट को अलविदा भी कह दिया.
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