November 14, 2024
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दार्जिलिंग पहुंची ममता बनर्जी इस बार पहाड़ को क्या तोहफा देने वाली हैं?

दार्जिलिंग पहाड़ और जीटीए को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बेसब्री से इंतजार रहता है. जीटीए के प्रमुख अनित थापा के हालचाल कुछ ठीक नहीं है. चाय बागान का मुद्दा हो या फिर बाढ़ पीड़ितों का मुद्दा, वर्तमान में अनित थापा अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. उन्हें विपक्ष का समर्थन नहीं मिल रहा है. हाम्रो पार्टी भी आंख दिखाने लगी है. जीटीए को मिलने वाली मदद राज्य सरकार से आती है. फंड के अभाव में कई योजनाओं का काम रुका हुआ है. अनित थापा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक संकटमोचक के रूप में देखते हैं.

वही ममता बनर्जी लगभग 1 साल के बाद दार्जिलिंग पहाड़ में आई हैं. अनित थापा काफी खुश हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री के कर्सियांग पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया. भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने भी उनका गरमजोशी से स्वागत किया. पूरे पहाड़ की उम्मीदें ममता बनर्जी से बढ़ गई हैं. यही कारण है कि ममता बनर्जी का पहाड़ में अभूतपूर्व स्वागत किया गया है. मुख्यमंत्री यहां GTA के साथ एक प्रशासनिक बैठक में शामिल होने आई है. इसके अलावा दार्जिलिंग के चौरास्ता में सरस मेले का भी वह उद्घाटन करेंगी.

मंगलवार को मुख्यमंत्री GTA के साथ प्रशासनिक बैठक करेंगी. यह काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि इस समय जीटीए पूरे विपक्ष के निशाने पर है. जीटीए चाहता है कि राज्य सरकार उसे संपूर्ण अधिकार दे. ताकि पहाड़ के विकास में फंड की समस्या उत्पन्न ना हो. बाढ़ पीड़ितों को अभी तक घर नहीं मिला है और ना ही पैसा. इसको लेकर अनिता थापा की लगातार किरकिरी हो रही है. प्रशासनिक बैठक में यह मुद्दा हावी रहेगा. अनित थापा मुख्यमंत्री को जन भावना से भी अवगत कराएंगे.

पिछले साल मुख्यमंत्री ने पहाड़ को एक आईटी हब के रूप में विकसित करने की योजना भी साझा की थी. जिस पर कार्य आरंभ हो चुका है. लेकिन फंड के अभाव में उसमें प्रगति नहीं आई है. जिला प्रशासन के अनुसार कर्सियांग में एक मल्टी स्टोरी कार पार्किंग को आईटी केंद्र में बदलने का काम चल रहा है. हालांकि इस कार्य में भी अभी तक प्रगति नहीं आई है. कालिमपोंग के गोरुबथान में भी एक आईटी केंद्र के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है. लेकिन फंड के अभाव में यह काम भी रुका हुआ है.

उधर दार्जिलिंग क्षेत्र के तीन नगर पालिकाओं के चुनाव लंबित हैं. इस संबंध में एक जनहित याचिका कोलकाता हाई कोर्ट में दायर की गई. हाई कोर्ट ने राज्य को लगभग डेढ़ महीने में इस पर फैसला लेने का निर्देश दिया. अब चुनाव की तैयारी भी शुरू हो चुकी है. पंचायत चुनाव में भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा की अच्छी पकड़ रहने के बावजूद नगर पालिका चुनाव में उसकी स्थिति अच्छी नहीं है. हाम्रो पार्टी से उसे लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

कल होने वाली प्रशासनिक बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा होने का अनुमान लगाया जा रहा है. 2026 में विधानसभा के चुनाव होंगे. उससे पहले दार्जिलिंग नगर पालिका के चुनाव होने वाले हैं. इन चुनाव में भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा की शक्ति की परीक्षा होगी. मौजूदा समय अनित थापा के लिए अनुकूल नहीं कहा जा सकता है. हाम्रो पार्टी के संस्थापक अजय एडवर्ड समेत दूसरे छोटे बड़े दल भी लगातार हमला कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ के लोगों को आश्वस्त किया है. उन्होंने कहा है कि पहाड़ के लोग उन पर भरोसा रखें. दूसरी तरफ दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने मुख्यमंत्री की GTA के साथ प्रशासनिक बैठक पर त॔ज कसते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री जरा बाढ़ पीड़ितों का भी हाल जान लीजिए और चाय बागान श्रमिकों की भी पीड़ा समझिए. चाय बागान के मुद्दे पर अनित थापा पर पहले ही उंगली उठ रही है. यह सभी मुद्दे कल होने वाली बैठक में उठने के कयास लगाये जा रहे हैं.

इस बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रयास से पहली बार दार्जिलिंग में सरस मेले का आयोजन हो रहा है. राज्य पंचायत विभाग इस मेले का आयोजन कर रहा है. आमतौर पर सरस मेला कोलकाता में होता है जबकि उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी में आयोजित होता है. पहली बार यह दार्जिलिंग शहर में हो रहा है. इस सरस मेले के जरिए मुख्यमंत्री पहाड़ को यह संदेश देना चाहती हैं कि वह उनके करीब हैं और उनकी भावनाओं का सम्मान करती हैं. मुख्यमंत्री यह संदेश देना चाहती है कि पहाड़ के सपनों को केवल वही पूरा कर सकती हैं.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को सरस मेले का उद्घाटन करेंगी. उसके बाद गुरुवार को वह सिलीगुड़ी लौटेंगी, जहां रात्रि प्रवास के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री कोलकाता के लिए रवाना हो जाएंगी. आज दार्जिलिंग पहुंचने पर ममता बनर्जी का भव्य स्वागत किया गया. भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा और TMC पार्टी पहाड़ द्वारा अलग-अलग मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया. मुख्यमंत्री को रोहिणी से लेकर कर्सियांग, सोनादा, घूम, जोर बंगलो और दार्जिलिंग में जगह-जगह स्वागत किया गया.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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