November 21, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल जुर्म सिलीगुड़ी

सिलीगड़ी के आश्रमपाड़ा और हैदरपाड़ा में हो क्या रहा है!

पैसे कमाना कौन नहीं चाहता. लेकिन पैसे कमाने का भी एक चरणबद्ध तरीका होता है. कई लोग रातों-रात अमीर बनने के लिए शॉर्टकट तरीका अपनाते हैं और बुरी तरह फंस जाते हैं. इन दिनों स्टॉक मार्केट निवेश के जरिए मालामाल बनने के खूब विज्ञापन देखे होंगे. सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप आदि विभिन्न माध्यमों से लोगों को स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए लालच दिए जाते हैं. लोग अमीर बनने के लिए उनके झांसे में आ जाते हैं. इसका परिणाम यह होता है कि वे अमीर तो नहीं बन पाते, लेकिन फकीर जरूर बन जाते हैं!

इन दिनों सिलीगुड़ी का हैदरपाड़ा और आश्रमपाड़ा सुर्खियों में है. सिलीगुड़ी के संभ्रांत इलाकों में गिने जाने वाले यह दोनों स्थान वर्तमान में साइबर फ्रॉड के केंद्र में हैं. पहले हैदरपाड़ा में एक सरकारी कर्मचारी लाखों रुपए की ठगी का शिकार हुआ था. हालांकि अब सिलीगुड़ी साइबर पुलिस की टीम साइबर फ्रॉड से उनके रुपए वापस कराने में सफल रही है. लेकिन आश्रमपाड़ा के इस महानुभाव का पैसा वापस मिलेगा या नहीं, कुछ कहा नहीं जा सकता है. इस महानुभाव का नाम दीपक अग्रवाल है, जो आश्रम पाड़ा के उधम सिंह सरणी में रहते हैं. उन्होंने लगभग 41 लाख रुपए गंवा दिए हैं.

सिलीगुड़ी साइबर सेल के पास उन्होंने अपनी शिकायत दर्ज करा दी है. अनिल अग्रवाल ने एक बैंक स्टॉक के शेयर में किसी चालबाज कंपनी के माध्यम से निवेश किया था. आजकल साइबर फ्रॉड लोगों को खूब छल रहे हैं. आपके मोबाइल में भी व्हाट्सएप पर एक अवांछित ग्रुप बन जाता है. जो आपको सलाह देते हैं कि आप अपना कीमती पैसा कहां निवेश करें कि महीने में दुगनी तिगुनी कमाई कर सके. वे इसके प्रमाण भी पेश करते हैं.यानी आपको पूरा भरोसा देने के लिए उनके पास सभी संसाधन होते हैं. मजे की बात तो यह है कि व्हाट्सएप ग्रुप का जलवा ऐसा होता है कि आप अगर खुद पर नियंत्रण नहीं रख सके तो फंसना तय है.

अनिल अग्रवाल की आपबीती भी कुछ ऐसी है. एक बार उन्होंने निवेश किया. उसके बाद उनके अकाउंट से स्वत: निवेश होना शुरू हो गया, जिसका उन्हें भी पता नहीं चला. और जब पता चला तो काफी देर हो चुकी थी. उनके 41 लाख रुपए कट चुके थे. इसके बाद मामला साइबर सेल के पास पहुंच गया. उन्हें उम्मीद है कि सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस और साइबर सेल उनके रुपए वापस दिलाने में सफल रहेगी. लेकिन अब हर कोई तो हैदर पाड़ा के सरकारी कर्मचारी की तरह तो नहीं होता, जिनके लूटे गए पैसे वापस दिलाने में साइबर सेल की टीम कामयाब रही है.

हैदर पाड़ा मामले में ठगी के शिकार व्यक्ति को साइबर फ्रॉड ने कस्टम इंस्पेक्टर बनकर लूटा था. ड्रग्स के मामले में उन्हें फसाने की तरकीब ढूंढ निकाली थी. इसके बारे में उन्हें पहले से कुछ भी पता नहीं था. यह शातिर व्यक्ति इस कदर मास्टरमाइंड निकला कि हैदर पाड़ा के इस व्यक्ति को कुछ पता ही नहीं चला कि कब उन्होंने उसका मुंह बंद करने के लिए अपने बैंक से पैसे ट्रांसफर कर दिए. आजकल तो साइबर ठगों ने ऐसी ऐसी अनोखी तरकीब ढूंढ निकाली है कि अगर जरा सी चूक आपसे हुई कि आपके बैंक खाते से सारे रुपए निकल जाएंगे.

सिलीगुड़ी में इन दिनों ऐसी घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है. लोगों की मेहनत की कमाई उनकी नादानी और नासमझी से स्वाहा हो रही है.पुलिस, बैंक और वित्तीय संस्थान आपको जागरुक कर रहे हैं. लेकिन आप हैं कि इस पर ध्यान ही नहीं देते. दरअसल रातों-रात अमीर बनने का नशा लोगों पर कुछ इस कदर सवार है कि उन्हें पैसे की चमक के अलावा कुछ दिखता ही नहीं और साइबर ठग यही चमक दिखाते हैं और आपको लालच में फंसा देते हैं.

ऐसी घटनाओं से सावधान रहने के लिए आपको खुद पर नियंत्रण रखना होगा. ढेर सारे ऐप्स डाउनलोड ना करें.व्हाट्सएप पर अवांछित ग्रुप में रुचि ना लें. अपनी मेहनत की कमाई फिक्स्ड डिपॉजिट या आरडी अकाउंट में लगाएं या फिर शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो स्वयं सिलीगुड़ी में ही कई अच्छे निवेशक हैं, जो मार्केट के विशेषज्ञ भी हैं, उनसे संपर्क करें.लेकिन भूलकर भी ऑनलाइन निवेश न करें. अन्यथा पछताने के अलावा हाथ कुछ नहीं आएगा. जो लोग खुद को पुलिस अधिकारी या राजस्व विभाग के अधिकारी बनकर आपको धमकाते हैं, तो उनकी धमकी में कभी ना आए. पुलिस से संपर्क करें.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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